"गनोजी और कान्होजी, जिनके विश्वासघात ने छावा को औरंगजेब की गिरफ्त में पहुंचाया?! ⚔️🚀? | Shivaji Maharaj Motivational Story
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छत्रपति संभाजी महाराज सिर्फ एक योद्धा नहीं, बल्कि एक युगपुरुष थे, जिन्होंने स्वराज्य की स्थापना की और भारत के इतिहास में अमिट छाप छोड़ी। कैसे उन्होंने मुगलों की कैद से निकलकर फिर से अपने साम्राज्य की नींव रखी? कैसे उन्होंने तोरणा किले से विजय की शुरुआत की और हिंदवी स्वराज्य की स्थापना की? इस वीडियो में जानिए छत्रपति संभाजी महाराज के पराक्रम, रणनीति और उनकी प्रेरणादायक गाथा।
⚔ वीडियो के मुख्य बिंदु: ✅ छत्रपति संभाजी महाराज का जन्म और बचपन ✅ स्वराज्य की शपथ और पहली विजय ✅ मुगलों की कैद से चतुराई से निकलने की कहानी ✅ हिंदवी स्वराज्य की स्थापना और वीरता की गाथा ✅ छत्रपति संभाजी महाराज का प्रेरणादायक अंतिम संदेश
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00:00साल 1637 जब बारत मुगलों और अन्यवितीसी आकरांताओं के अतिम था तब माराष्ट की पवित्र भूमी पर एक वीर बालक का जनम हुआ
00:09सिवाजी जिनकी माता जीजा बाई ने उन्हें धर्म, निती और सोर्य का पाट पटाया
00:14सिवाजी माराज बजबन से ही एक सपना देखते थे, सवराज का सपना, उन्होंने अपने मावलों के साथ मिलकर प्रन लिया
00:22हम अन्याय प्रत्याचार के वुरुद्ध लडएंगे और अपने लिए एक स्वतंतर राज्य के स्तापित करेंगे
00:28सोला साल की उम्र में सिवाजी माराज ने अपनी पहली विजय पाई, तोरना किला, फिर एक के बात एक दुर्ग विजय करते हुए, उन्होंने मुगलों और अदिल साही के खलाफ यूद छेड दिया, लेकिन हर संगर्ष के साथ कटिनाया बढ़ती गई, औरंग जेव ने �
00:58मिठाई के टोगरों में चिपकर, मुगलों की गैत से भाग निकिले, और माराश्ट पहुच कर फिर से सवराज की जोद चलाई, सिवाजी माराज ने केवल एक मान युद्धा थे, बलकि एक कुसर पर सासक भी थे, उन्होंने हिंदी भी सवराज की स्थापना की, जहां हर �
01:28बलकि अपनी परज्या की रक्षा और नयाय की स्थापना करना है, उन्होंने अपने प्राकरम और नीती से वार्थ के इतियास में अमिट साप छोड़ी, आज भी सिवाजी माराज का जीवन हमें सिखाता है, कि साहस, संकल्ब और गुद्धी माने से कोदी बादा पार की जा
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