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  • 8/3/2025

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Transcript
00:00क्या आपको पता है कि दुलसी माता को देवी का इस्तान कैसे मिला इसके पीछे एक पवित्तर और अद्बुत कता है
00:06प्राचीन समय में जलंदर नामक असुर की पतनी विरिंदा अत्यंद पति वर्ता थी
00:11उनके सतित्व सक्ति के कारण जलंदर अजे बना रहा
00:15देवताओं की प्रातना पर बगवान विस्णु ने जलंदर का रूप धारन किया
00:20और विरिंदा का सतित्र भंग हो गया जैसे ही हुआ जलंदर का वद हो गया
00:26विरिंदा को जब इस दोके का पता चला तो उन्होंने विस्णु बगवान को सराप दे दिया
00:31कि वे बत्तर के बन जाएं
00:33तुरंथी भगवान विस्नु साली ग्राम में परिवर्तित हो गई
00:36जिससे देवताओं में आहाकार मच गया
00:39देवताओं की प्रातना पर विंदा ने स्राप वापस लिया
00:43लेकिन स्राम अपने पती के सिर के साथ सती हो गई
00:46उनकी राक से एक पोदा निकला
00:49जिससे भगवान विस्नु ने तुल्सी नाम दिया
00:52भगवान विस्नु ने कहा अब से मैं साली कराम रूप में रहूंगा
00:56और मेरी पूज्या केवल तुल्सी माता के साथ ही पूरन होगी
01:00किसी भी सुबकार्य में पिना तुलसी के बोग सिविकार नहीं करूंगा
01:05इसी कारण हर वर्स कार्थिक मास में तुलसी वा संपन किया जाता है
01:11और देवटनी के आज के बाद ये पर्व मनाय जाता है
01:14कि आपके घर में भी तुलसी माता का पोदा है
01:18वो तो हमें कमेंट में जरूर बताए
01:20नमस्कार

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