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Premanand Maharaj Rambhadracharya Controversy :प्रेमानंद महाराज को लेकर दिए गए अपने कथित बयान पर उठे विवाद के बीच अब जगद्गुरु रामभद्राचार्य सामने आए हैं. उन्होंने साफ कहा कि उनके द्वारा प्रेमानंद जी या किसी भी संत के लिए कभी कोई अभद्र टिप्पणी नहीं की गई है और न ही भविष्य में वे ऐसा करेंगे. आइए जानते हैं रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद के बारे में और क्या क्या कहा है...


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~PR.115~HT.318~ED.390~

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Transcript
00:00मैंने प्रेमानन्दी के लिए कोई भी अभधर टिपड़ी नहीं किया है।
00:30ना तो विद्वान हैं और ना ही चमतकारी।
00:32इसके साथ ही उन्होंने प्रेमानन्द बाबा को बालक के समान बताया और खुली चुनौती भी दे दी।
00:37आई अब आपको दिखाते हैं जगत गुरूर रामभदराचार्या ने क्या कहा है।
00:41मैंने प्रेमानन्दी के लिए कोई भी अभध दिख्ट पड़ी नहीं किया है।
00:45मैं मुझे मेरी दिख्ट में वालक पत्रवत हैं। मेरी अवर्स्ता भी बड़ी है।
00:52एक आचारी होने करना तो मैं सब को कहता हूं कि समस्कृत का ध्यन करना चाहिए।
00:59कि आज जो सामानी लोग बक्त चोरा पहन करके बक्त बेदे रहें जिनको एक अक्षर आता जाता नहीं।
01:10मैंने तो अपने उत्तरा धिकारी राम किंदाज को भी कहा है।
01:14कि बच्टी समस्कृत पढ़ना चाहिए।
01:17और मैं सब को कह रहा हूं प्रते कि हिंदो को समस्कृत पढ़ना चाहिए।
01:22कहता ही नहीं।
01:23आज भी मैं स्वयम पढ़ता हूं।
01:2618-18 गंटे पढ़ता हूं।
01:28और पढ़ता रूँगा।
01:30यावत जीव मधीते विप्रह।
01:33इसमें प्रेमानंद के लिए को मैंने इसी तिपड़ी नहीं किये।
01:36हाँ।
01:37चमतकार को मैं नमस्कार नहीं करता हूं।
01:40यह सत्य है।
01:41इतों मैंने अपने शिश्ची धेविन सास्री को बढ़ता पढ़ो रिखो।
01:46समलोग पढ़ो।
01:48क्योंकि भारत के दो प्रतिष्ठा हैं।
01:51समस्कृत और समस्कृती।
01:53भारत स्य प्रतिष्ठे द्वे समस्कृतं समस्कृत श्ठा।
01:58भारती समस्कृत को जानने के लिए समस्कृत का पढ़ना नितान तावश्यक है।
02:04मैं किसी के लिए कुछ भी नहीं कह रहा हूँ, सभी संत मेरे लिए स्ने भाजन है और स्ने भाजन रहेंगे, मैंने प्रिमानद या किसी संत के ब्रत कोई भी गलट्टि पड़ी नहीं किये, हमने करूँगा, अग जब भी प्रिमानद जी मुझे मिलने आएंगे, मैं निश्च
02:34निरंतर उनके दिरगाशी के कामने करता हुआ, तो उनका साफ कहना है कि सभी हिंदूओं को सभी पारस पर एक मदभेद छोड़कर एक साथ होना चाहिए, मैंने प्रेमानद जी के लिए कोई भी अबदर टिपड़ी नहीं कि, सबको हर दिन संस्कृत पढ़ना चाहिए, मैं
03:04कि कोई फायदा नहीं, आपका घमंड आपकी रिस्पेक्ट ले डूबा, मैं आशिरवाद दूँगा, आपके आशिरवाद की जरूद नहीं, उनके उपर स्वेम चक्रधारी का हाथ है, मैं आपके ना जाने कितनी बाते असंस्कारी है, मैं आपके आशिरवाद की उन्हें क
03:34उठाए और कहा कि असली विद्वान वही है जो संस्कृत शास्त्रों की गहराई को समझ कर उसका उचारण कर सके, अगर चमतकार है तो मैं चैलेंज करता हूँ कि प्रेमानन जी एक अक्षर संस्कृत का बोल कर दिखा दे, बस या मेरे कहे गए संस्कृत शिलोकों को समझा �
04:04करने दीजिए, फिलाल आप क्या कहेंगे इस पर कॉमेंट सेक्षन में हमें लिख कर जरूर बताएं, वीडियो को लाइक करें, शेयर करें और चैनल को सब्सक्राइब करना बिलकुल न भूलें
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