Premanand Maharaj Rambhadracharya Controversy :प्रेमानंद महाराज को लेकर दिए गए अपने कथित बयान पर उठे विवाद के बीच अब जगद्गुरु रामभद्राचार्य सामने आए हैं. उन्होंने साफ कहा कि उनके द्वारा प्रेमानंद जी या किसी भी संत के लिए कभी कोई अभद्र टिप्पणी नहीं की गई है और न ही भविष्य में वे ऐसा करेंगे. आइए जानते हैं रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद के बारे में और क्या क्या कहा है...
01:58भारती समस्कृत को जानने के लिए समस्कृत का पढ़ना नितान तावश्यक है।
02:04मैं किसी के लिए कुछ भी नहीं कह रहा हूँ, सभी संत मेरे लिए स्ने भाजन है और स्ने भाजन रहेंगे, मैंने प्रिमानद या किसी संत के ब्रत कोई भी गलट्टि पड़ी नहीं किये, हमने करूँगा, अग जब भी प्रिमानद जी मुझे मिलने आएंगे, मैं निश्च
02:34निरंतर उनके दिरगाशी के कामने करता हुआ, तो उनका साफ कहना है कि सभी हिंदूओं को सभी पारस पर एक मदभेद छोड़कर एक साथ होना चाहिए, मैंने प्रेमानद जी के लिए कोई भी अबदर टिपड़ी नहीं कि, सबको हर दिन संस्कृत पढ़ना चाहिए, मैं
03:04कि कोई फायदा नहीं, आपका घमंड आपकी रिस्पेक्ट ले डूबा, मैं आशिरवाद दूँगा, आपके आशिरवाद की जरूद नहीं, उनके उपर स्वेम चक्रधारी का हाथ है, मैं आपके ना जाने कितनी बाते असंस्कारी है, मैं आपके आशिरवाद की उन्हें क
03:34उठाए और कहा कि असली विद्वान वही है जो संस्कृत शास्त्रों की गहराई को समझ कर उसका उचारण कर सके, अगर चमतकार है तो मैं चैलेंज करता हूँ कि प्रेमानन जी एक अक्षर संस्कृत का बोल कर दिखा दे, बस या मेरे कहे गए संस्कृत शिलोकों को समझा �
04:04करने दीजिए, फिलाल आप क्या कहेंगे इस पर कॉमेंट सेक्षन में हमें लिख कर जरूर बताएं, वीडियो को लाइक करें, शेयर करें और चैनल को सब्सक्राइब करना बिलकुल न भूलें
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