"राजा हेमू: अंतिम हिंदू सम्राट की वीरता और बलिदान की कहानी
हेमू (हेमचंद्र विक्रमादित्य) भारतीय इतिहास के एक वीर योद्धा और महान सेनानायक थे। उन्होंने 16वीं शताब्दी में अफगान शासक आदिल शाह सूरी के प्रधानमंत्री और सेनापति के रूप में कार्य किया और दिल्ली के सिंहासन पर बैठने वाले अंतिम हिंदू शासक बने।
00:00राचा हेम जंद्र विक्रमातित थे जिने हेमु के नाम से भी जाना चाता है सोलवी सिताफदी में दिल्ली के सिंगासन पर बैठने वाले अंतिम हिंदु समराठ थे
00:07उनका जन्म पंद्रा सो एक में राच्तान के अलोर जिले के माजेरी गाओं में एक दूसर ब्रामन प्रिवार में हुआ था
00:14उनके पिता संत पूरन दास एक धार्मिक बैक्ति थे जिनोंने बात में सिन्यास लेकर विरंदावन में वल्लब संपरताई के संत हरी वंस के साथ समय बिताया
00:24हेमो ने अपने जिवन के सरवात त्रिवाडी में एक सातरन वैपारी के रूप बेग की जहां उन्होंने सब जिया और साल्ड पीटर बेचा तेरे दिरें उनकी सिन्ने सिवाओं में रूची बढ़ी और अपने परतिबा और अपने कारे को सलता के बल पर वे सूर वंस के सा
00:54की उपादी धारन की और स्वयम को समराट खोशित किया हाला कि उनकी है विजय अलकालिक रही पानिपत के तूसरे यूद में उन्होंने अकबर की सेना का सामना किया यूद के दोरान एक दीर उनकी आक में लगा जिस से वे बेहोस हो गए उनकी सेना बिना सेनापती की संगर
01:24तरताव समता के बल पर महान उपलब्दिया हासिल की जा सकती है उनका जीवन संगर्स वीर्ता और आत्म दिर्पता की परिना ताइक मिसाल है नमस्कार