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Dhurandhar Film Pyari People Reaction: फिल्म ‘धुरंधर’ कराची की बदनाम ल्‍यारी गैंग वॉर पर आधारित है, जिसे भारत में रिलीज के बाद पाकिस्तान में भी देखा गया। वहां दर्शकों की राय बंटी हुई है। कुछ लोग इसे कराची के काले इतिहास को ईमानदारी से दिखाने वाली अच्छी फिल्म बता रहे हैं, खासकर अक्षय खन्ना की एक्टिंग की तारीफ हो रही है। वहीं कई पाकिस्तानी इसे तथ्यों से छेड़छाड़, भारत-विरोधी नैरेटिव और लोकल गैंग वॉर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से जोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। बलूच संस्कृति और शब्दों के उच्चारण को लेकर भी मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं।


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~PR.115~CA.146~

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Transcript
00:00उनको कभी डकेट नहीं कहूंगा, मैं उनको रहमान बाई कह सकता हूं, उनको खान बाई कहता था
00:05रहमान डकेट के लाया गया वो फस्टवल डकेट नहीं था
00:08लियारी में हमारे गरीब लोगों के लिए मस्या बनता था
00:12खूदरी असलम को धिकाया गया है, कि वो बहुत बहुत बहुत इसको इनज्जाई किया, आप ऐज़ा एक्षन उसको गए सकते हो कि अभी तक की जितनी फिलम है, जो लास्ट जैसे आइनिमल चलीती है, उसके मुगाबले में इसको बहुत प्रोमोट किया गया, लेकिन आप अ
00:42लियारी की बिलकुल 100% ये reality है नहीं। आप इसको कह सकते हो कि 25% ये लियारी की reality हो सकती है लेकिन 75% ये नहीं हो सकती है लियारी की reality।
00:53रह्मान डाकेट का जो रोल अक्षे करना ने किया
00:58तो उन्होंने रोल तो बहुत ही बैतरी निभाया है
01:01लेकिन अगर हकीकत को तो मैं जाल यारी का खुद रहने वाला हूँ
01:06बलके मैं रह्मान भाई का खुद अमसाया हूँ
01:09मेरा गर उनके गर के साथ ही है
01:11और हम कारोबार भी करते हैं याँ पे तो मैं उनको कभी डकेट नहीं कहूंगा
01:16मैं उनको रहमान बाई कह सकता हूं उनको खान बाई कहता था
01:19तो क्योंकि वो कभी इलाके वालों के लिए गलत नहीं थे खराब नहीं थे बुरे नहीं थे
01:24अगर जो अवी में बाकि उनकी गुजरी वी जो आलात थे वो उनके शायद शायसी हिसाब से बहुत से मावला थे लेकिन वो एजा एक इंसान बहुत अच्छी इनसान थे
01:39लेकिं अच्छा यं बुरा ही तो सब लाह को पता है लाही जानते हैं
01:43सर चोधरी एसलम जो इस पी उनको दिखाया गया ना इस फिल्म में उसको बहुत ज़्यदा एरो बनागर दिखाया गया ना तो मैं खुद एज़ा लियारी वाला होके ना तो मैं आपको ये बता दू कि उनको इसकदर दिखाया गया कि वन मैन आर्मी शो कर दिया गया
01:59वो एक बंदा गुसके सब कुछ कर सकता है
02:01लेकिन आप अकीकत ये जब आट दिन की लड़ाई भी ना लियारी में
02:05जो आट दिन की लड़ाई में ये छील चोक में थे
02:09और छील चोक से आट दिन तक आगे नहीं बड़े
02:11वो इसकदर बाध उलते के वो चील चोक से आगे नहीं बढ़े
02:14मैं उनको नहीं कहता बुरा वो एक पुलिस वाले थे अच्छे बंदे थे अच्छे काम कियें उन्होंने
02:19लेकिन इसकदर जो उनको प्रोमोट किया गया है ना और लियारी को डीफेम किया गया है
02:25तो ये में इसको जिस्टिफाय नहीं समझता इसको मैं
02:30कि ये लियारी के साथ जिस्टिफाय है नहीं
02:33तो उनके तो बहुत से मामलात ऐसे थे
02:36आट जिन की लड़ाई में चोधी अस्टिम के
02:38जो मुकाबले में एक बच्चा भी शहीद हो गया
02:41जो पुलीस की गाड़ी के नीचे आगिया था
02:43वो चीज भी दिकानी चाहिए थी
02:45वो नहीं दिकाई गई
02:46तो बहुत से मामलात थे आपको पता है
02:49बॉलीवुड तो वैसे भी चलता है
02:50पाकिस्तान को बुरा मप बना करी चलता है
02:53तो वो अपनी तरफ से
02:55जतना उसने करना था उसने कर दिया
02:57बाकि जो रियालटी है वो तो हम रहने वाले हमार को पता है
03:01तो मैं 25% इसमें बोल सकता हूँ
03:04कि है लेकिं 75% असल यार्य नी
03:06फिल्म तो मैंने देखा
03:08उसमे बरत जो दिकाई गया है
03:09उस तरह नहीं दिकाई गया
03:11जिसे रेल होता था इस पे एक कुभी है कि इस फिलिम में अक्षे कन्ना का जो 27 साल तक रेलाप रहा था और रहमान के नाम से उनका वक्त खुल गया है बाकी बरत जिसमें कहानी जो दिखाया गया जिस तरह रहमान को दिखाया गया उस तरह नहीं है लियारी में हमारे गरीब �
03:41और से यहां काम कर रहें गरीबों के लिए बहुत से माशी मामलाद भी किया हुए जिस तरह इंडिया वालों ने हमारे उपर जो पिलिम बनाए गया वह अरक्स गलत है उसको हम लोग तसलीम नहीं करते हैं इस पिलिम को जी बिलकुल रहमान बलोट जो है ना हमारे इलाके के
04:11पिलिम में आपको जूरू में बता है ना काम रहे और रहमान के नाम से उनका बक्त कुल गया बस
04:41इस अपर से फ़ेले ये पहले इस गजिल रहा 깊ला उसमें ब्लोट को है और सबसे ब Worствен वाले की बात करें तो है जर संब 25% RJ के सकते लेकिन 75% है पर संब के को सिते इसे उसमें लियारे पीजिय शील चोंग को दिखाया गया।
04:58कि को चाथ साथ दिखाये गए वो हम कह सकते हैं उसमें से 20 से 25% रियरिटी थी लेकर 100% रियरिटी नहीं थी लेकिन
05:07इसमें अंशिक है उस्समें बार्श में देडिये हैं आफे तो इसको इसको फिल्म में रह्मान ड्कैर बार्वा जिए और भॉर्ड ला मुज desarrollo उससरै नसद आफे हैं
05:18जिर और प्यर्सलिकीन घ्ली हमें ह equilibrium भी तो प्वल्सटेल प्र वालों क्याई को कि लिए। जो
05:23वाल रेमने के नाम से वालां के मुटे आगए नाम से थे निलाते हैं
05:28तो अछी �纪्रच दोगे दिल्ग मिलाओ उन गाज ररी सहुवटारे हैं
05:32हूंते मैं ये लुज में भारत उख उन अवाल बात थे वोगए व्यत्त हुभ
05:37यह वाइज बहुत अब अब किसी बंदे से पूचे तो इसके बारे में आपको पॉजिटिव रिव्यूज सी बढ़ेगा वो करता था अगर कुछ लियारी के लिए से आउट उट अफ उपा था था लियारी में नहीं होटा था लियारी में आपको पूचे अपको एंड़ पर
06:07आठ दिन में वो थे असलम चोदरी चीचों की साइड में गड़े थे उस लियारी के अंदर तो उसने एंट्री नहीं मार नहीं सका यहां पर लेकिन फिल्म में इसको कुछ ज्यादे ही मनलब इरो दिखाया गया ऐसा नहीं कहता कि वो ऐसा नहीं मलब वो ते अच्छे एक पु
06:37जो आठ दिन का जंग मैं कहता हूं अगर आठ दिन का जंग दिखाया जाए तो इस पर बकाइद एक वेब सीरीज बन सकता है
06:42फिल्म बहुत अच्छी बनी है मनलब देखने लायक है इसमें बंदा तीन गंटे टेन हो जाता है एकी जगा बेट जाता है और इसके लाव फिल्म में जो कास्टिंग की गई है जैसे रेमान बलोच चोधरी असलम हो गई है और बाकी सारे हो गए है कास्टिंग और बहतरी �
07:12लेखने करते हैं बखों सीमें बाकी बाकी इनका सिास्त में आना फिर उसके जिन्दगी की आखरी दिन हो हूं है जो खोड़ी इचे जिन्दगी की बहुत दिचत्री जिया है
07:32एक निडर बहादूर सपाई थे इसे नहीं है वो एक बुजदिल किसम के इंसान थे अगर उनको लियारी में ऑपरेशन करना था देशतगर्दों को पकड़ना था तो अंदर आ जाते पकड़ लेते चिल्चोक पेकड़े हो की जो है बैगुनाव पर फैरिंग करके इस तरह य
08:02कि अपरिंग में फिल्म बनते हैं अकसर बलोच को बलोची केते हैं तो बलोच बलोची नहीं हो बलोची होते हैं तो एक कल्चर को प्रोमोट किये गए बलोच के कि वह डांस जिस तरह करते है यक्षे कंड़ बहुत प्यारा लगा उस वक्त है
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