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MNREGA Name Change: मनरेगा के नाम बदलने को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार जल्द ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का नया नाम “पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना” रखने जा रही है। यह बदलाव सिर्फ प्रशासनिक नहीं बल्कि राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है। मनरेगा देश की सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार योजना है जिसने करोड़ों लोगों को काम दिया और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद नया नाम कब लागू होगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। इस बदलाव को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ने की उम्मीद है।

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00:01मनरेगा का बदल रहा नाम
00:03महात्मा गांधी की जग है किसका नाम?
00:07केंद्र की मोधी सरकार देश की सबसे बड़ी और महत्वा कांगशी योजनाओं में से एक
00:12मनरेगा को लेकर एक ऐसा फैसला लेनी जा रही है जिसकी गूंज सडक से लेकर संसत तक सुनाई दीगी
00:19मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबेक बड़ी खबर है
00:22सरकार महत्मा गांधी रश्ट्रिय ग्रामीर रोजकार गारंटी अधीनियम
00:26यानि की मनरेगा का नाम बदलने की पूरी तैयारी कर चुकी है
00:30और बहुत चल्द इस योजना को अब पुज्य बापू ग्रामीर रोजकार योजना के नाम से जाना जाएगा
00:37केंद्रिय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताफ को मनसूरी मिलने की प्रबल संभावना है
00:42और माना जा रहा है कि ये फैसला ना केवल प्रशाशनिक है बलकि इसके सियासी माईने बहुत कह रहे हैं
00:49सरकार का ये कदम बापू के प्रती सम्मान को लेकर एक कलेवर में पेश करने की कवायद माना जा रहा है
00:55सिर्फ नाम बदलना ही एजंडे में नहीं बलकि कैबिनेट की इस एहम बैठक में परमानू उच्छा विधेयक और उच्च स्थक्षा विधेयक जैसे बड़े और दूरगामी प्रभाव वाले फैसलों पर मोहर लगेगी
01:08लेकिन सबकी निगाहे मनरेगा के नए नामांकरन परटी की है आपको बता दे कि मनरेगा कोई साधारन यूचना नहीं बलकि ये ग्रामीर भारत की रीड है
01:18साल 2005 में शुरू की गई ये दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गैरंटी यूचना है जिसने करोडों लोगों को भूक और गरीवी से बाहर निकाला
01:28इस यूचना का मूल मकसद यही कि गाउं के हर उस परिवार को जसके व्यसक सदस्या और कुशल श्रम करने को तयार हैं और उन्हें एक वित्या वर्ष में कम से कम सौ दिनों की रोजगार की कानूनी गैरंटी मिले
01:43ये यूचना काम के अधिकार को सुनिशित करती है और अगर सरकार काम देने में विफल रहती है तो उसे बेरोजगारी भत्ता देना पड़ता है
01:52सल 2022-23 के आखनों पर नजर डालें तो पता चलता है कि तीश में 15 करोड से ज्यादा सक्रिय श्रमिक इस यूचना से जोड़े हैं और इसकी विशालता को कि साफ दर्शाते हैं
02:03इस यूचना ने ना केवल लोगों को रूजगार दिया बलकि पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत किया
02:09क्योंकि इसमें ग्राम सभाओं को यताय करने का अधिकार है कि उनके गाउं में कौन सा काम होना चाहिए
02:15अब जब इसका नाम बदल कर पुझय बापू ग्रामीर्ड रूजगार यूचना होगा
02:19तो इसे राश्ट्र पिता महत्मा गंधी के प्रती एक भावनात्मक जुडाव को और कहरा करने की कूशिश के तौर पर दीखा जा रहा है
02:28हाला कि नाम बदलने की इस कवायद के बीच सरकार का पूरा जोर इस बात पर है कि इस यूचना का मूल धांचा और इसके फायदे जसके तस्पने रहे
02:38इस यूचना ने गाउं से शहरों की और होने वाले पलायन को रूखने में बड़ी भूमी का निभाई है और महिलाओं को भी आर्थिक रूप से सरशक्त किया क्योंकि इसमें एक तिहाई लाभारती महिलाएं होना अनिवार्य है
02:50अब देखना ये होगा कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद ये नया नाम जमीन पर कव तक उतरता है और विपक्ष इस पदलाव को किस नजरिय से देखेगा क्योंकि मन्रेगा हमेशा से राजनातिक विमर्ष का केंदर रहा है
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