समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह रामपुर की जिला जेल में बंद हैं। हाल ही में आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा जेल पहुंचीं, लेकिन उनका कहना है कि जेल अधिकारी उन्हें अपने पति और बेटे से मिलने नहीं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि आजम खान की तबियत बेहद खराब है। इस दौरान तंजीन फातिमा ने जेल में कैदियों के मानव अधिकारों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं और मुलाकात की मांग की है।
00:00समाजवादी पार्टी की वरेश्ठ नेता आजम खान और उनके बेटी अब्दुल्ला जेल में बन है
00:08वहीं अब हाली में आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा उनसे मुलाकात करने जेल पहुँची
00:16जहां सुनिये इस मुलाकात के बाद उन्होंने क्या कुछ कहा
00:21आजम साब की तबियत तो अच्छी नहीं है और तबियत पहले से भी खराब थी जिस वक्त उन्होंने सजा अड़ी है और जेल में गए हैं
00:33तो उन्हें लेटने की जमीन पर लिटाया गया है जबके निया इपालिका के यह सपश्ट आदेश हैं के चिकिसी उन्हें सुविधाएं दी जाये उनकी तबियत ठीक नहीं तो पहले से ही खासी थी फिर अब उन्हें बखार भी हो गया है
01:02जाए ठंड लगने की वज़े से जमीन से जो ठंड पहुचती है इस वज़े से मैंने कल भी उनसे मुलाखात की कोशिश की थी क्योंकि लगातार मीडिया में खबरें आ रही थी कि उनका स्वास्टे ठीक नहीं है
01:14कल मैंने पर्षी लगाई थी अब्दॉल्ला की भी पर्षी लगाई थी अब्दॉल्ला की ही बलके पहले पर्षी लगाई थी तो वहां ये पता चला कि अब्दॉल्ला की मुलाखातें तो खतम हो चुकी है
01:25यानि कि नियाए पालिका के आदेश से जो हमारे एक पैरोकार मिले थे
01:30नियाए पालिका के आदेश को लेकर अलग से पर्ची से नहीं मिले थे
01:34लेकिन उन्हें भी पर्ची वाली मुलाखात में शामिल कर दिया गया
01:38और अब्दुल्ला का मुलाखात का अधिकार भी खतम कर दिया गया
01:41उसके बाद मैंने कहा अच्छा आजम साहब की पर्ची अगाद दीजे
01:45तो वहां सुनने वाला तो कोई था ही नहीं
01:48बहुत कोशिश की मैंने दो तीन घंटे अधिकारियों से संपर्ख करने की जेल के अधिकारियों से
01:54कि ये मैनول जाव ऐसे हाथ से लिकी हुई पर्ची आप भिजवा दीजे
01:57और मुलाखात करवा दीजे लेकिन कोई जवाब नहीं मिला
02:01फोन पर संपर्क करने की कोशिश की तब भी कोई खास जवाब नहीं मिला
02:06एक बार तो उठा नहीं फोन फिर सुप्रेंटेंडेंट साहब ने उठाया फोन
02:10और देखा कि अच्छा हम देखते हैं
02:12उसके बाद कोई जवाब नहीं मिला
02:14जेल प्रशासन चाहता ही नहीं है कि आजम साहब से लोग मिलें
02:19या कोई भी वेल विशर उन से मिल सके
02:22और इसी लिए उन्होंने शायद ऐसा किया
02:25कि मतलब जो ब्लड डिलेशन्स के थे मैं कई थी विट्टू गए थे
02:30और उनकी बहन गई थी हमें मिलने नहीं दिया गया
02:33और हम दो घंटे के बाद फिर इंतजार करके वापिस लोटाए
02:36कल वो दिन था दस दिसंबर जबके पूरा विश जो है
02:41वो मानव अधिकार दिवस मना रहा था
02:44क्या कैदियों के सारे अधिकार खतम हो जाते हैं
02:47जेल के नियम सिर्फ उन्हें प्रताड़ित करने के लिए ही बनाए गया है
02:52जब भी हम किसी बात की मांग करते हैं कोर्ट से या कुछ
02:56कोर्ट बुलवाता है उन अधिकारियों को
02:58और वो जेल मैनवल का हवाला देते हैं हर चीज में जेल मैनवल
03:02जेल मैनवल के नियम जो है उनकी व्याक्षा जो है वो जिस तरह से आप करना चाहें कर सकते हैं जेल के नियमों की व्याक्षा इस तरह से भी की जा सकती है जिस तरह से मतलब की खैदियों को जादा से जादा तकलीफ ना हो इस तरह से भी नियमों की व्याक्षा की जा सकती है क
03:32की जा रही है अभी कुछ दिन पहले चार-पांच पैरोकार और कुछ लोग मिलने के लिए गए थे कोर्ट से परमीशन लेकर गए थे और युनिवर्सिटी की सेलरी भी बटनी है उसके लिए भी जब कोर्ट की परमीशन होंगी तभी सिग्नेचर वगारा होकर आ सकते हैं तो �
04:02किहां पर मैं जरूर कहना चाहूंगी कि न्याए पालिका के नियमों तक की अभेलना की जा रही है इससे न्याए पालिका की सम्मान में कमी आती है और मुझे अफसोस के साथ ये कहना पढ़ रहा है कि मुल्क अरजक्ता की तरफ बढ़ रहा है
04:18कूर्ट का शुक्रिया आदा करूँ गी के उन्होंने बरी किया है मेरे पती को। क्यूंकि मेरे पती ने ऐसी कुई बात नहीं कही थी बात को गलत रुख दिया गया था उन्होंने सिर्फ वह ही कहा था जो कि अख़बार प explaining
04:40और इसके लिए मैं मानने ये नयायले का शुक्रिया दा करती है
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