लोकसभा में चुनाव सुधार पर चल रही चर्चा के दौरान अमित शाह ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने EVM से लेकर वोट चोरी तक सभी आरोपों का जवाब देते हुए विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया। भाषण के दौरान उन्होंने कई बार कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भी तंज कसा, जिससे सदन में हलचल तेज हो गई। उनके संबोधन की कई बातें अब सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिन्हें सुनकर विपक्ष कुछ समय के लिए शांत हो गया।
00:00मानेवर जब उन्होंने कहा कि हम चुनाव सुधार पर चर्चा करने के लिए तयार है हम तूरंत मान गए और आज चुनाव सुधार पर यह चर्चा हूँ
00:08मानेवर लगबग 63 प्लीच माने दादा दादा आप बीमारों में समझ रहा हूँ
00:19मगर विमार ज्यादे हो तो घर पे रहा करो यहां सदन का माहल मत भी गाड़िया
00:24कल हमारे सदस्य मनिस्तिवारी कहते थे गहन पुना निरिक्षन का इनको अधिकार ही नहीं
00:33आर्टिकल 327 पूर अधिकार देता है कि मत भाता सूची इस व्याख्या के आधार पर बनाने का अधिकार सुनाव आयोग को है
00:45मानेवर अब SIR पर ही सवाल उठा दिये
00:52मानेवर इन्हों ने कहा कि SIR आज क्यूं हो रहा है
00:58मैं इनको थोड़ा इतियास बता है और मानेवर एक नहीं फैसन हो गई है
01:03इतियास बताते हैं तो नाराज होताते हैं कि आप इतियास मत बताइए
01:08अरे भला कोई भी प्रक्रिया कोई भी देश कोई भी समाज इतियास को छोड़ कर कैसे आगे बढ़ सकता है
01:15इतियाज कोई भी समाज का महत्वपुन अंग है
01:18मानेवर उन्होंने कहा
01:21अपने लॉजिक के समर्थन में कहा
01:24कि भारतिय जनता पार्टी को कभी
01:27एंटी इंकमबंसी का सामना नहीं करना पड़ता
01:30मानेवर एंटी इंकमबंसी इनके खिलाप होती है
01:33जो जन हित के विरूद काम करें
01:36यह बात सही है
01:38कि भाजपा को एंटी इंकमबंसी का फाइदा
01:41विरूद बहुत कम करना पड़ता है
01:45हमारी सरकारे बार बार चुनकर आती है
01:47चाहे राज्य में है या कैंग्रे में
01:49परन्तु ऐसा नहीं है
01:50कि हम 2014 के बाद
01:53एक भी चुनाव नहीं हारे
01:5536 गड में 18 में हारे
01:57राजस्तान में 18 में हारे
01:59मत्यप्रदेश में 18 में हारे
02:01करनाटक में भी 14 के बाद हारे
02:04तिलंगाना में हम जीत नहीं पाए
02:06चिन्ने में हम जीत नहीं पाए
02:08बंगाल में भी हम हारे
02:10भई तो तब तो ये मताता सुची बहुत अच्छी होती है टब से नये कप्ड़ी पेंगा अब सपट ले लेतो
02:16उस वक्त मताता सुची का विरोध नहीं करते हो और जब मुह की पखनी पढ़ती हैं भिहार की तरह तब मताता सुची का
02:26जब आप जित्ते हो तब चुनावायोग महान है जब आप भारते हो तो चुनावायोग निकम्मा है बीजेपी का कहने पर चलता है जब आप जित्ते हो मत दाता सुची अच्छी है
02:42मत दाता सुची अच्छी है और जब आप भारते हो तो मत दाता सुची खराब है मई 14 में श्रीमान नरेंद्र बोदी इस देश के ब्रदानमंत्री बने तब से उनको आपत्ती है तो एंडिये क्या-क्या जिती है तीन लोग सभा चुनाव हम जिते है एक तालीस राज्यों के �
03:12जिते हैं अलग-अलग विदान सभा हुए तीज जगह पे अगर मत दाता सुची करेप्ट है तो क्यूं सपक लिया क्यूं चुनाव लड़ा अब बताए देश की जनता को अब लोग कैसे पोश्रीव राहूल गांदी जहां से चुनकर आये हैं चुनकर आये थे वह वाइना
03:42हमने हमें ठीका भी बताया है इसका जवाब नहीं देते हैं अब चुनाव आगए रिकनों तो नेनाई कर दिया मगर मैं भी साब थोड़ा ज्यादे सोचता हूं तो मैंने सोचा है सालाव ये चुनाव आये हूँ कहता है कुछ नहीं हो रहा है तो ये लोग आरोग क्यों ल�
04:12मानेवर मैंने सोचा कि भई कुछ गल्ती नहीं है
04:17मानेवर कोई गल्ती नहीं है तो यह लोग विरोध क्यों करें
04:24फिर मुझे याद आया कि मानेवर जब इनके जमाने में चुना होते थे
04:29बिहार और यूपी में सरकारे बनाती ही होती थी
04:32पूरे के पूरे वाट के बक से हाईजेक करने होते ही है
04:36E.E.M. आने से यह बंद हो गया
04:40E.E.M. आने से बंद हो गया
04:43और मानेवर चुनाव की चोरी बंद हुई है
04:47इस लिए पेट में दर्ध हो रहा
04:50E.E.M. का दोस्त नहीं है
04:53चुनाव जितने का तरीका जनादेश नहीं था, करब ट्रेक्टिसीज थी, इसके कारण चुनाव जितने थे, अब आज ये पूरे एक्सपोज हो चुके हैं, जहां तक 66 परसंट और 33 परसंट का सवाल है, आप कहे रहें को बहां दो लोग होते हैं और आप एक होते हैं, ये त
05:23करते हैं, वो आपके लिए ताइकर होगे, तो आप 66 हो जाओगे, वागर आप तो सो अरक कर गए थे, हमने उसको
05:3033 ने दिया, मानेवर ये क्या सवाल उठाते हैं, और वो समझते हैं कि मैं बोलता हूँ तो बस भ्रम्म वाक्य होगे, ऐसे नहीं होता है मानेवर, हर चीज के तर्क होते हैं, इनका जो भासन तैयार करते हैं, वो भी ठीक से नहीं करते हैं, सर्थ नहीं करते हैं, मानेवर, इ
06:00मानेवर जन प्रतिनिदित्व अधिनियम 1951 की धारा इकासी में एक प्रावदान है
06:12पावदान क्या है उमेदवार चुने जाने के बाद 45 दिन में चुनाव याची का दायर कर सकते हैं
06:22पैतालिस दिन के बाद इसको कोई चुनोती नहीं दे सकता यह नियम 1991 में बना तब उस वक्त सीसी टीवी फुटेज नहीं था
06:34सीसी टीवी फुटेज बाद में चुनाव आयोग ने एक सर्कुलर से रूल्स में बढ़लाव करकर एड़ किया अब किया क्या है चुनाव आयोग ने
06:45सीसी टीवी फुटेज का जो रेकोर्ड है उसको जन प्रतिनी दिवत्व अधिनियम की 1991 की धारा 81 के साथ संरखित किया है
06:57मतलब एलाइन किया है कि 45 दिन के बाद कोई डिस्प्यूट की प्रोविजन है नहीं है है तो 45 दिन के बाद ये सीसी टीवी फुटेज क्यों रखना जाए अब इतनी साधी समझ नहीं है
07:13मैं क्या कर सकता हूँ सब समझ के कोई इंजेक्शन नहीं होते जो बढ़ाम से दिया है
07:19माने वर्व ये धारा एकासी है उनी सो एकावन से है मगर पहले पर्चिव से होते तो पर्चि के लिए थी अब CCTV फुटेज का कैमरा आगा है तो CCTV पुटेज एड कर दिया हम नहीं डरते संसी हम नहीं डरते हैं मैं मेरी ही बात करता हूं
07:41मैं तो दस साल का था और नारे लगाता था आसाम की खलिया सुनी है इंदिरा गांदी खुनी है
07:47हम तो वहाँ से लड़ते लड़ते आये हैं हम नई ड़ते मने हैं
07:52मैं तीन वोट्चोरी की घटनाएं बताना चाहता हूँ
07:54सबसे पहली घटना हुई आजादी के बाद देश का प्रधानमंत्री तै करना था
08:02तै कौन करना था तो उस वक्त के जितने प्रांथ थे इसके कॉंग्रेस के अध्यक्स होने
08:09उनके एक एक वोट्ट से तै हुना जाए अब 28 वोट्ट श्री सरदार पतेल को मिले और दो वोट्ट जवाला नहरू जी को मिले
08:18और साप और साप प्रधानमंत्री जवाला जी बने
08:27स्रीमती इंदिरा गांधी राय बरिल से चुनी गए इलाबाद हाई कोट में स्री राध नाराण पहुँचे के चुनाव नियमों के अनुसार नहीं हुआ
08:47इलाबाद हाई कोट ने ये ताय कर दिया कि स्रीमती गांधी ने उचीत तरीके से चुनाव नहीं चुना जिका है
08:57हम एको रख कर दें
08:59मन्नेवार ये भी वोट्चोरी थी बहुत बड़ी वोट्चोरी थी
09:04और उसके बाद में क्या हुआ
09:07उसके बाद में क्या हुआ
09:17प्रवदान मंत्री के खिलाब कोई केसी ही नहीं हो सकता है
09:21मैं विपक्स के नेता को कहना चाहता हूँ
09:25इम्मुनिटी की बात आप चुनावायो की पूछ रहे हैं
09:28इसका तो मैं जवाब डूँगा I separate मैं जवाब डूँगा
09:32about immunity
09:33मगर यह इम्मिनिटी जो स्रीमती गांदी ने दी इसके लिए आपका क्या कहना है और फिर फिर जब यह समविदानिक सुधार के वाइरस चैलेंग हुए तो वो किया इस जितने के लिए
09:47दो तीन और चार नंबर के सर्वोचनायले के जज को बाइपास करकर चौथे नंबर के जज को चिप जश्टीस बनाया और वहां केज भी जित लिया और माने बारे तो इतियास है कौन जुखला सकता है इनको कोई पढ़ाता नहीं है इतियास
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