खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर मध्य प्रदेश का मान बढ़ाने वाली बुशरा खान (Bushra Khan) आज एक ऐसी रेस दौड़ रही हैं, जिसकी कोई फिनिशिंग लाइन नहीं है। U20 Asian Championship में पदक जीतने के बावजूद, बुशरा के पास अपनी बीमार माँ के इलाज के लिए पैसे नहीं हैं।
पिता की मौत के बाद घर की पूरी जिम्मेदारी बुशरा पर आ गई। आलम यह है कि उनके पास न तो ढंग के ट्रेनिंग गियर्स (जूते/कपड़े) हैं और न ही पर्याप्त डाइट। सरकार और प्रशासन की बेरुखी ऐसी है कि आज उनके घर का राशन उनके कोच अपनी जेब से भर रहे हैं। 21 साल की यह बेटी ट्रैक पर तो जीत गई, लेकिन गरीबी और सिस्टम से हार रही है। इस विशेष इंटरव्यू में देखिए बुशरा की मदद के लिए एक बेबस पुकार।
At just 21, Bushra Khan has become the pride of Sehore, Madhya Pradesh, by clinching track and field Gold at the Khelo India University Games. But behind the glitter of her medals lies a devastating reality. Since losing her father in a tragic factory blast in 2022, Bushra’s family has been pushed to the brink of starvation.
In this exclusive interview, Bushra reveals the haunting challenges of an athlete who has no money for her ailing mother’s medical treatment, lacks basic training gear, and struggles to put food on the table. While the system looks the other way, her coach currently funds her household expenses out of his own pocket to keep her Olympic dream alive. Despite these insurmountable odds, Bushra’s spirit remains unbroken—she is determined to run through the pain to bring glory to India. This is not just a sports story; it is a desperate cry for support for one of India's brightest talents.
00:00मैं बोपाल में एक सीहोर जिला है वहां से आती हूं जब स्टार्ट किया था तब इतना अच्छा कुछ नहीं था तो जब लड़की हमारे समा भार नहीं निकलती है तो लोग रहते कर रहते तब मेरे मुझे पापा नो मुझे सपोर्ट किया मेरा जब फर्स्ट पोल आया था �
00:30जिस दिन यह जब स्टार्ट हुआ था मैं आई थी तो मैं सुसरी थी बता नहीं किया रहेगा जब ट्रेक पर उतर जाती हूं सिरो मुझे कोई रिकत्त में होती है मता मैंने जब भी गॉल्ड जीता है तो लाइक रिकॉर्डी बना है तो एक गॉल्ड मेरा ऐसा था था कि फ
01:00प्रश्ची डेथ ही तो मैंने उनको देखा भी नहीं लास्ट टाइम उनकी डेथ होने के कारण काफी ज़्यादा प्रबल्म हुआ क्योंकि हम लोग आर है नहीं सकते थे तब मुझे लग रहा था कि मैं सब कुछ खोदिया है मैंने सब्स्पोर्स चोड़ दिया था था था �
01:30युनिवर्स्टी गेम्स डेब्यू तो है आपका युनिवर्स्टी गेम्स में दो मेडल्स आहे हैं कितनी खुश हैं और खेलो इंडिया कि अब तक कि आपकी जर्नी के बारे में भी बताईएगा तो मैं थोड़ा टेंशन में थी कि क्या होगा कैसे करूंगी तो
01:58तो जा मैं ट्रैक पर उतर जाती हूं फिर मुझे कोई दिक्कत नहीं होती है कि आए बस मुझे अपना बैस्ट देना है तो मेरा फ़स्ट गोल्ड आया था तो मैं बहुत खुश दी कि मैं अपना सेकेंड इवेंट के मैं भी पैस्ट करूंपर मेरी इंजरी थोड़ी ज्या
02:28अब तक आपने कौन-कौन से रिकॉर्ड अचीव किया है जब मैं अंडर 16 गॉल्स में थी सम्धिंग 15 यर्स मैंने 2000 मेटर में 6.2 4.71 करके रिकॉर्ड बनाया था तो वो मेरा फ़स्ट गोल्ड था नैशनल में जब मैंने स्पोर्ट स्टार्ट किया था तो तब मुझे उमी
02:58जितने भी बार मैंने दूसरी भार भी नैशनल मीट रिकॉर्ड बनाया तो 3000 में मैं अडर 20 अधरेशन कप में मीट रिकॉर्ड बनाया था तब भी मुझे नहीं पता था कि मैने में नाड़ा आई थी मेरे पास तो से युवास मीट रिकॉर्ड में गा शीरिसली तो यह थो�
03:28मतलब एक गॉल्ड मेरा ऐसा था कि 1500 में तब में इंजरी में थी जुनिया नाशनल सा गुहाटी में हुआ था माइवेट इस 57 केजी मेरा कोई वह नहीं था कि मैं गोल्ड जितूंगी पर फुल मोटिवेट थी मुझे खुद पर इतना बहुसा लास्ट चैस निशिंग मेरा
03:58अब उन्हीं की बाते रिवाइस कर रही थे और उस टाइम पर तो काफी सारे कॉंपटिशन रहें जिसकी वज़े से मैंने काफी रिकॉर्ड दो रिकॉर्ड पर नाशनल कॉंपटिशन खेलने गई तब मेरा पहली बार तो लोगों को देखा कैसे रहते हैं कैसा तो उससे म�
04:28तो मुझे लगने लगा कि मुझे एक दिन ओलम से खेलना है बिलकुल आप एक एसी जगह सहाथी जिसको जहां पे स्पोर्ट का बहुत कुछ है नहीं तो पहले थोड़ा बताईएगा कि वो कौन सा इलाका है मध्यप्रदेश का जहां से आप आती हैं कैसी स्पोर्टिंग फ
04:58जब मैं थी स्टार्ट किया था तब कोई इतना आप सिहोर से आती हैं मैं बोपाल में एक सिहोर जिला है वहां से आती हूं जब स्टार्ट किया था तब इतना अच्छा कुछ नहीं था पर क्या था कि एक लड़की थी जो उनका काफी नाम चलता था जब मैंने स्टार्ट कि
05:28मैंने का खौन है वो दीदी जो इनका नाम चलता है इसी ओर में मुझे भी वैसा ही वरना है
05:32तो फर्स टाइंग था उसके बाद मेरा टार्गेट यह था कि मुझे ऐसा बना कि मुझे सब के लिए मोटिवेशन तो जब लड़की हमारे समें बाहर नहीं निकलती है तो लोग रहते कर रहते तो मेरे मम पापा ने मुझे सपोर्ट किया कि मैं अपने लड़की को लड़के �
06:02लेना आता था कुछ कि मैंने थ्री मंस में तीन नेशनल खेले थे और जो हुमेंस में थे तो उसमें मुझे बहुत मोटिवेशन कि मैं इतने बड़े लोगों के साथ दोड़ रही हूं तो आगे जाके मैं अच्छा करूंगी तो ऐसे ही मेरा मोटिवेशन बनता गया और वह
06:32लोगों की बाते क्या होती थी एक तो लड़की दूसरी चीज दूसरी बात एक ऐसे अभी भी बहुत जादा सोसाइटी में अगर हम मैं खुल के बात करू तो मुसलिम लड़कियों को बाहर निकलने की जाज़ा इजाज़त नहीं होती है और जो लड़की आच्छा करती है �
07:02मेरे साइट फैक्टरीं मेरे साइट जो आफरी तो मेरेसाइड आप लोग जहां नहीं हो पर तो और फालिव लगदी नहीं टा झाम कर निया तो उसमें काम करते और थी कभी हम को गए नहीं अधmenoac नहीं फॉय कि पापय शॉजा अ्लाओ नई ता वह पर जाने ची़ वोःक
07:32लोग support करते थे उस मेंसे मतलब की मेरे को और बाकी जो कुछ लोग होते हैं जो कहते है कि हाँ वो लडरकि जब मैं start करी तभी से मेरा
07:40best राहे तो सब लोग कहते है अफी लड़की कहां गई है पाफा से बहुत पापा कहते है थोड़ा
07:47पहले स्टार्टिंग में थोड़ा दिक्कत हुआ था कि लड़की है शौर्ट्स पहनती है बहार रनिंग करती तो मैं उसमें अपनी जूती पहन कर रनिंग करती थी और जब ठक जाती थी तो पापा मुझे खेत पर ले जाते थे तो एक जो आलू का खेत होता था जो जुत जा
08:17थे दोड़ी फिर मुझे लगना थे दोड़ने के दोड़ने के वदले मुझे भी खलाँ आपा ओल चाही। तो एक जाती थी और दोड़ना मुझे पसंद था तो पछपन से भी मैं बॉड़ना स्टार्टिंग धि एम में मेरे साथ खेलती थी अम डेली शाम को पम्य पापा
08:47एक जहटका लगा फैमिली को आपको जब आपके वालिद सहाब का इंतकाल हुआ
08:56किसी भी घर के लिए बहुत बड़ा जठका होता है उसे उबरना बहुत मुश्किल होता है वो समय था फोड़ा सा बताइं अगर तो आप बताएं कई आपने फादर को अपने लूद किया जो शाय के लिए जो शायद
09:11तो उस दौर के बारे में बताइए और अभी भी तुछ परिशानिया जो हैं जिनसे आप गुजर रही हैं थोड़ा उसके बारे में भी बताइए जब मेरे फादर एक्सपायर किये थे तो
09:32लास्ट वादर फेक्टरी में हम उसी में उधर ही रहते थे सम्तिंग दस बीस मीटर दूर हमारा एक कमरा पना हुआ था तो वह हमारा रहना था और वह हम लोग रहते थे तो जब पापा की डेथ हुई तो मुझे यकीन नहीं था मैं साम को घर पर पोचे थी सारे कलेक्टर व�
10:02पादर नहीं है तो मुझे लगा कि ऐसा कुछ नहीं है मैंने उनको देखा भी नहीं लास्ट टाइम जब उनकी डेथ होने के कारण काफी जादा प्रॉब्लम हुआ क्योंकि हम लोग वार है नहीं सकते थे दो बार आग लगी थी उसमें क्योंकि एक बंद कर दी थी तो दु
10:32फ़र्स टाइम जब लंगी नहीं निकली थी उनके पकैर में लोग नॉर्मल गेट से बहार भी जाते थे पापा के साथ जाते थे तो उस टाइम पर मैं अकेले ना मुझे कोई रास्ता पता ना मेरी मम्मी हाउस वाइफ थी शुरू से तो उनको भी नॉलिज नहीं था तो �
11:02कि मैंने स्पोर्ट चोड़ दिया था उसी दिन कि मैं मुझे लगता था कि मैं डेली कमाऊंगी यहां पर काम करूंगी तब जाकि हम अपने घर को समाल सकती हूं तब मेरे कोच मेरे
11:16अब इतना अच्छा नहीं हुआ थोड़े बहुत जो मंतरी मैम ने सपोर्ट किया और जो सिवराशिंग चोहांसर थे उनने मेरे को थोड़ा पैस दिये जिसकी वज़े से मैं थोड़ा खाना पीना हम लोग किराया भी चला गया दो साल तक किराया देना तो इधर उदर होना
11:46एक-दो माईने से जादा से रह नहीं सकते तो काफी जादा सामान पूरा सामान बेचना पड़ गया और बेहनों की पढ़ाय चूट गई थी एक साल के लिए क्योंकि रहने को कुछ नहीं था तो उसके बाद इतनी सारी प्रॉब्लम थी कि जब मैं एक इवेंट खिलने जा �
12:16इसी थी उस टाइम पर तो इतना मुझे पता नहीं था जब मेरा मैटल आया था बताया कि मम्मी की तभीयत खराब होगी अपी और तो तब मुझे लगा कि मैं इतना सब कुछ भूल कर इधर कर रही हूं ट्रेनिंग उनको छोड़ कर तो फिर से मैंने ब्रेक कर दिया था ता
12:46मैं करूं गया अच्छा बहुत अच्छी बात है अभी क्या है थोड़ा सूस का प्रॉबलम होता है क्योंकि मैं मैंनेज नहीं कर पाती हो अपने घर पे भी कोई कमाने वाला नहीं ममी की तभीयत खराब हो गए तो बहनों की पढ़ाई भी होती है तो जिसकी वज़े से मु�
13:16इंडिया के जो आप अथलीट्स प्रोग्राम में थी उससे का भी हिस्सा आप नहीं है तो जो कुछ थोड़ा बट पैसा मिलता था वो भी अभी नहीं मिल रहा है कहां बात चली है या कुछ किसी से कुछ सुनवाई कहीं हुई है मैं काफी जादा डिस्टब वी उसके बाद
13:46कि अध्युक्त है जब को अपना डिक नहीं रखना परता है शूज वागए अगर पर पैनने पढ़ते कि उनको इंजरी आगे ना हो जी और क्या बोलते हैं अगर वो डियाट का दियान नहीं रखेंगे तो जिसकी वाज़े से आगे वह अच्छा परफोर्मिंस नहीं कर सकत
14:16तो मैं इतना घर पर भी नहीं कर पाती कूफित मेरे पास
14:26समफिंग कुछी पैसे होते ति महाई है करते हैं कुछ लोग कर देते हैं मेरे ट्व हैं कौन
14:33और लोग जो मतलब मोजे हो गया कि फोड़ा करके refusing ज�리ल्प कर दें該 भी ह्या घ्लनार कया ह learnt
14:38कि मतलब मुझे नीड हो गया है कि थोड़ा बहुत हो करके हेल्प कर देंगे फिर बाद में थोड़ा ऐसा रहते हैं कि जादा आप किसी से बोल नहीं सकते यह प्रॉब्लम होती है वागे और को इतनी नीड नहीं होती है अगर उसे अच्छा करना है हमारे लिए इतनी अच्छ
15:08कि नहीं हुआ तो जिस वज़े से आपको निकाल दिया क्या क्राइटीरिया था राइडिया 30 मेरा 10 किलोमेटर क्या हुआ मैंट चेंज हुआ मैंने 5000 और 10000 मैंने चेंझ किया तो स्पे मेरा इतना
15:20तो इसकी वज़े से मैं कुछ ही सेकेंड में पैक कर गई ती अगर में दुबारा से करूंगी तो मुझे उपीद है कि मैं कर सकते हैं चलिए तु अगले साल पर गलते हैं बुष्रा यह काफी चैलेंजिंग साल रहा है अगला साल एक अथलीट के लिए बहुत इंपोर्टन है
15:50वहां पर भी का इसारे da gel रही है तो किन कॉम्पेटिशन की तरफ अभी आप देख रही हैं और जाहिर तौर पर
15:58Asian Games Co 오늘 Games की तरफ निगाहे हैं तो वहां क्वालिफाइज करने की लिए अभी आपको क्या करना है मुझे काकी जाधा
16:18और छोग फिल्ट है की सिफ। को एक पिलर होता है पना एकृफेमस देने का तो वह चीज मुझे ज्यादा अची है इतना चेलेंडर दिया है
16:32कि हमें अपना पर्फॉ। अर जो उनने मीट्स रखिये उसे हम लोगों को काफी जादा बेनेफिट है कि हममें
16:39हमारा परफॉमेंस मेंटेन रहेगा हमारा आगे जो फिजिकल है हम उससे एक्टिव रहेंगे कि हम कभी भी अपना खेलने के लिए तयार है ऐसे आखरी सवाल एशन गेम्स में क्या सोच करके उतरने की मन का मन है आपका मेरा मैडल लेने का मन गोल्ड पर बहुत मुश्किल है �
17:09कोशिश करऊंगी तो बिल्कुल मुझे मिलेगा तॉलिया उम्मीद करते हैं कि जरूरा उसमें कामयाब हो दश्करने के लिए थनेवाद
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