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पूरा वीडियो : सर, आपके जैसा कैसे बन सकती हूँ? || आचार्य प्रशांत (2025)
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#acharyaprashant

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Transcript
00:00आप भी मुझे जैसा देख रहे हो, जो कहते हो मेरे जैसा बनना चाहते हैं, आप जैसा मुझे देख रहे हो, ये मेरे व्यक्तित्तों का कुछ खास इस्थितियों में एक चहरा है
00:10कोई मुझसे पूछे तो मैं कहता कि
00:14कोई और हो गया होता मुझसे पहले
00:17जो काम आज मैं कर रहा हूँ
00:19वो कर गया होता
00:20तो मैं भी आज खेल रहा होता
00:22मैं ऐसा हूँ थोड़े ही
00:24मुझे भी खेलना पसंद है
00:25बहुत कुछ है जो मुझे भी
00:29व्यक्तिगत तौर पर करना था
00:31वो सब छूट गया पीछे
00:33आपने किताब की बात करी
00:37मुझे लिखने से जादा कुछ नहीं पसंद है
00:40पर इतनी किताबें आई मैं लिख थोड़े ही पाया हूँ
00:44क्योंकि लेखन मांगता है कि डूब जाओ लिखने में
00:50फिर ये नहीं कर पाऊँगा मैं कि कलम और माइक के बीच में जूला जूलू
00:55और भी है
01:01जाना है देखना है जगहें थी जिनको समझना था
01:08और भी जिन्दगियां थी जिनको जीना था
01:11वो सब पीछे छूटा
01:13एक तरह से अफसोस है एक तरह से नहीं भी है क्योंकि जो सबसे ज़रूरी है तो करना ही है जब करना ही है तो फिर अफसोस कैसा
01:22आप सब मुक्तों करके खेलिए, कूदिए, यह तो इस्थितियां ऐसी हो गई कि अब खेल, मौज, सब परे रख करके संघर्ष ही एक मात्र रास्ता बचा है
01:42पर संघर्ष भी इसलिए किया जा रहा है ताकि आने वाली पीडियों को संघर्ष न करना पड़े
01:50पर संघर्ष भी इसलिए
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