अमेरिका से 50 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया गया है. इनमें से हरियाणा के करनाल के 16 युवक भी शामिल हैं. करनाल के सगोही गांव के रहने वाले रजत पाल भी उनमें से एक है. डिपोर्ट होने के बाद रविवार देर शाम रजत अपने गांव वापस पहुंचे. उन्होंने अपनी पूरी दास्तान सुनाई है. रजत के परिवार ने दुकान बेची, प्लॉट बेचा और लाखों रुपए खर्च करके रजत को अमेरिका भेजा था. बेहतर ज़िंदगी की तलाश में अमेरिका का रुख करने वाले करनाल के रजतपाल अब खाली हाथ लौटे हैं. रजत ने बताया कि वे बीते साल 26 मई 2024 को अमेरिका के लिए अपने घर से निकला था ताकि अपने और परिवार की आर्थिक स्थिति को ठीक कर सके.
00:00जमीन बेची पनामा के जंगलों में पैदल चला और फिर अमेरिका से वापस डिपोर्ट कर भारत भीज़ दिया गया यह कहनी करनाल के रज़त और उन जैसे 16 यूग कोकी है जिन्होंने अमेरिका में सेटल होने का सपना दिखा था
00:1626 माई 2024 को रज़त अमेरिका के लिए निकला था इसके लिए परिवार ने दुकान और प्लाट बीज़ दिया
00:35रज़त के भाई विशाल का दावा है कि उसे भेजने में 60 लाख रुपए खर्च हुए
00:40रज़त के साथ ग्रुप में 12 से 13 लड़के थे
01:00सब ने जान जोखी में डाल कर खतरनाक सफर तै किया
01:03और 2 दिसंबर 2024 को अमेरिका बॉर्डर क्रॉस कर एरिजोना पहुंचे
01:08लेकिन वहाँ सिक्योरिटी एजेंसियों ने उन्हें पकड़ लिया
01:10पहले 12-13 दिनों तक एक डिटेंशन चेंटर में रखा गया
01:14फिर दूसरे स्थान पर ले जाए गया
01:16और आखिरकार भारत भीज़ दिये गये
01:18अब पुलिस लोगों से अपील कर रही है
01:21कि वो अपने बच्चों को डंकी रूट से विदेश भेजने की गलती ना करे
01:25करनाल के 16 युवक उन 50 भारतियों में शामिल है
01:35जिनें अमेरिका से डिपोर्ट किया गया
01:37अब वो डंकी रूट से विदेश जाने की गलती पर पच्ता रहे है
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