Skip to playerSkip to main content
रात में खोई हुई आत्मा का रहस्य | The Mystery of the Lost Spirit | Raat Ki Khamoshi
क्या आपने कभी किसी खोई हुई आत्मा को भटकते देखा है?
भैरवपुर गाँव की इस कहानी में एक ऐसी आत्मा की सच्चाई छिपी है, जो अपने अधूरे सफर को पूरा करने लौटी थी।
आरव, एक फोटोग्राफर, जिसने उस रात कुछ ऐसा देखा जो उसकी ज़िंदगी बदल गया।
सफ़ेद साड़ी में खड़ी वो औरत, जिसकी आँखों में दर्द और गुस्सा दोनों थे — क्या वो सचमुच आत्मा थी या किसी श्राप का परिणाम?
जानिए पूरी कहानी में — “रात में खोई हुई आत्मा का रहस्य”
Have you ever encountered a lost soul wandering in the dark?
In the mysterious village of Bhairavpur, a restless spirit seeks to complete her unfinished journey.
Aarav, a photographer, witnesses something one cold December night that changes his life forever.
Was that woman in a white saree truly a ghost… or a shadow of vengeance from the past?
Watch the full spine-chilling tale — “The Mystery of the Lost Spirit”

#RaatKiKhamoshi #HorrorStory #HauntedVillage #GhostStory #LostSpirit #BhairavpurMystery #IndianHorror #SupernaturalTale #ScaryNight #ParanormalEncounter #SpiritualRevenge #HauntingWhisper #DarkNightMystery #HorrorHindiStory #RaatKaRaaz

रात की खामोशी
भूतिया कहानी
Indian horror stories
real ghost story
lost spirit story
horror short film
haunted road in India
Raat Ki Kahani
bhairavpur ghost
supernatural thriller
spirit seeking peace
mystery of white saree woman
psychological horror
haunted village tale
scary Indian night

Category

😹
Fun
Transcript
00:00पेशे से फोटोग्रफर
00:30जहां शायद ही कोई नया चहरा आता हो
00:32दिन में तो यहां की सादगी और शांती मन मोलेती थी
00:36लेकिन रात में ये जगे कुछ और ही बन जाती थी
00:40सूरज धलते ही सडके सुनसान हो जाती थी
00:44चारों तरफ बस, सननाटा और पेडों की सरसराहट
00:49बीच बीच में दूर कहीं से कुत्तों के भौंकनी की आवाज आती
00:53और हवा में एक अजीब धंडक
00:56गाव की गलियों में पुराने टूटी-फूटी हवेली जैसी इमारते थी
01:01कुछ खिड की अटूर गई थी
01:04और उनमें से हवा के जोके ऐसे गुजरते की लग रहा था
01:08कोई शेहशाह रात के अंधेरे में छुपा बैठा है
01:12लोगों ने मुझे चेतावनी दी थी
01:14आरव भाई, रात में उस रास्ते से मत जाना
01:18वहां कुछ ठीक नहीं है
01:20लेकिन मैं इन बातों पर कभी विश्वास नहीं करता था
01:23और शायद यही मेरी सबसे बड़ी गलती साबित होने वाली थी
01:28उस रात मैं अपनी बाईक लेकर धीरे धीरे उस सुनसान रास्ते पर बढ़ रहा था
01:34सड़क के दोनों और खेत
01:36जिन में रात की ठंडी धुंद तैर रही थी
01:39हलकी हलकी हवा
01:41लेकिन उसमें एक अजीब सी ठंड़क थी
01:44जो हड़ियों तक उतर रही थी
01:46मैंने अपनी जैकेट कसकर बंद की और स्पीड बढ़ाई
01:50तभी मेरी नजर आगे पड़ी
01:52दूर स्ट्रीट लाइट के नीचे एक औरत खड़ी थी
01:57सफेद साड़ी
01:58खुले बिखरे बाल
02:00और उसका चेहरा जुका हुआ
02:02जैसे जमीन की ओर देख रही हो
02:05मैंने सोचा
02:06शायद कोई गाव की महीला होगी
02:08जिसे मदद की जरूरत है
02:10मैंने बाइक रोक कर दो कदम आगे बढ़े
02:13और आवाज दी
02:15मां जी
02:16आप यहाँ इस वक्त
02:18अकेली? लेकिन वो जुप रही
02:20बिल्कुल स्थिर
02:22जैसे पुतला हो
02:23टिम्टिमाती स्ट्रीट लाइट
02:26और हलकी धुंद ने उस दृष्य को
02:28और दरावना बना दिया
02:30उसके पीछे के पेडों की परचाईया हिल रही थी
02:33जैसे कोई और भी
02:35वहां मौजूद हो
02:36मैंने कैमरा निकाला और जूम किया
02:39और वही छाया
02:41अचानक गायब हो गई
02:42सिर्फ ठंडी हवा और मेरे रॉंग्टे
02:45खड़े हो गई
02:46होटल पहुचते ही
02:47मैंने रिसेप्शन वाले से पूछा
02:49उस रास्ते पर कोई महीला खड़ी थी
02:52अचानक गायब हो गई
02:54ये क्या मामला है
02:55वो सुनकर गंभीर हो गया
02:57धीरे से बोला
02:59आपने उसे देख लिया
03:01फिर उसने मुझे गाव के बुजूर की कहानी सुनाई
03:04कई साल पहले
03:06इसी गाव की सुमित्रा नाम की महीला की शादी हुई थी
03:09शादी के बाद
03:11उसके पती का स्वभाव बदल गया
03:13शराब और जुए में डूग गया
03:16एक रात
03:17जब सुमित्रा अपने माई के लौट रही थी
03:20तो इसी कच्चे रास्ते पर उसकी हत्या कर दी गई
03:23और लाश को खेतों में फैंक दिया गया
03:26उसकी आत्मा कभी घर नहीं पहुची
03:29और कहते हैं
03:31वो आज भी उसी रास्ते पर भटकती है
03:33गाव वाले बताते हैं
03:35कि सुमित्रा की आत्मा
03:37अकसर उसी सफेद साडी में दिखाई देती है
03:39खास कर उन लोगों को
03:41जो रात में अकेले उस रास्ते से गुजरते हैं
03:45कुछ ने कहा कि उसकी आखों में
03:47आंसू और गुसा दोनों जलकते हैं
03:50और जो उसे देखता है
03:51उसे कई रातों तक नींद नहीं आती
03:53मैंने हसकर कहा
03:55ये सब अंध विश्वास है
03:57कोई आत्मा वात्मा नहीं होती
04:00लेकिन अंदर से मैं बेचैन था
04:02अगली रात
04:04जिग्यासा मुझ पर हावी हो गई
04:06मैंने कैमरा, टॉर्च
04:08और कुछ रेकॉर्डिंग डिवाइसे लिए
04:10और उसी रास्ते पर वापस गया
04:12रात के लगभग ग्यारव अजे
04:14वही थंडी हवा
04:16वही धुन
04:17सड़क पर हलकी हलकी धून उट रही थी
04:20मैंने कैमरे से रेकॉर्डिंग शुरू कर दी
04:23कुछ मिंटो बाद
04:25दूर से फिर वही आकरती देखी
04:27इस बार
04:29वो धीरे धीरे मेरी तरफ बढ़ रही थी
04:31उसकी चाल असामान्य थी
04:34जैसे कोई पैर जमीन पर नहीं रख रहा हो
04:37मैंने कैमरा जूम किया
04:39चहरा अब साफ दिख रहा था
04:42आखे खाली
04:43होंट हलके खुले
04:45और चहरा पीला
04:46जैसे किसी ने खूम खींच लिया हो
04:49मैंने डर को नजर अंदास कर कहा
04:51तुम कौन हो
04:53अचानक
04:54उसने चीख मारी
04:56इतनी तेज कि मेरे कान सुन हो गए
04:58और फिर वो वही खड़ी रही
05:01बिलकुल जड़ होकर
05:03हवा अचानक तेज हो गए
05:05टॉर्च अपने आप बंध हो गई
05:07चारों तरफ अंधेरा
05:09मेरे चारों और पेड सरसराने लगे
05:12जैसे किसी ने मुझे घेर लिया हो
05:15मैंने कदम पीछे खींचे
05:17तभी मुझे लगा किसी ने
05:19मेरे कंधे पर हात रखा
05:21धंडा, बर्व जैसा
05:23और भारी
05:24मैंने धीरे धीरे मुड़कर देखा
05:27वो औरत मेरे बिलकुल पास थी
05:29उसकी आखों में दर्द
05:31और गुसा दोनों जलक रहे थे
05:33और तभी
05:35मेरे सामने अतीद का एक द्रिश्य
05:37उभरने लगा
05:38जैसे कोई फिल्म चल रही हो
05:40मैंने देखा
05:42सुमित्रा अपने माई के लौट रही है
05:45अचानक उसका पती और उसके दोस्त
05:47उसे रोक लेते है
05:49जगड़ा होता है
05:50और फिर उसे मार दिया जाता है
05:52उसकी आखरी नजरे अपने घर की दिशा में थी
05:56जैसे वहाँ पहुचने की कोशिश कर रही हो
05:59मैंने डरते हुए कहा
06:01तुम्हे क्या चाहिए
06:03वो धीमे से बोली
06:04मेरा रास्ता
06:06मेरे घर तक पहुचा दो
06:08मैंने हिम्मत करके उसकी बात मान ली
06:11गाव के बाहर एक पुराना
06:13तूटा हुआ घर था
06:14उसने इशारा किया
06:16जैसे ही हम वहाँ पहुचे
06:18एक ठंडी हवा चली
06:20और वो गायब हो गई
06:22लेकिन जमीन पर कुछ चमका
06:24उसकी पुरानी चूडिया थी
06:26जैसे वो सालों से वही इंतजार कर रही हूँ
06:30मैंने चूडिया उठा कर घर के अंदर रख दी
06:33और उसी पल
06:35एक हलकी सी मुस्कान
06:37मेरे कानों में गूंजी
06:38धन्यवाद
06:39उस दिन के बाद
06:41मैंने कभी उस रास्ते पर उसे नहीं देखा
06:44लेकिन आज भी
06:45जब मैं रात में अकेला निकलता हूँ
06:48मुझे लगता है
06:50कोई मेरे साथ चल रहा है
06:51चुपचाप
06:53बस देख रहा है
06:54उस रात की घटना ने
06:56मेरी जिंदगी बदल दी
06:58मैं अब अकेले गावों में नहीं जाता
07:01लेकिन कैमरे और रिकार्डिंग्स देखकर
07:03अब भी कभी कभी नी लुड़ जाती है
07:06कही भी
07:07कभी भी
07:08वो आत्मा फिर दिखाई दे सकती है
07:10बस आपको तयार रहना चाहिए
07:13अगर आप कभी भैरवपूर जैसी सुनसान सड़क पर अकेले जाए
07:17तो याद रखिए
07:19हर परचाई को हलका मत समझे
07:21कभी कभी वो खोई हुई आत्मा हो सकती है
07:24जो अपने घर का रास्ता ढून रही हो
Be the first to comment
Add your comment

Recommended