"इस कहानी में एक अनोखी सीख छुपी है जो आपके जीवन को बदल सकती है! यह कहानी न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगी। अगर आपको नैतिक कहानियाँ (Moral Stories), प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories) और हिंदी लघु कथाएँ (Short Stories in Hindi) पसंद हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है। पूरी कहानी देखें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!
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00:00बताओ कि उन लोगों की हरकते ही ऐसी हैं, तो और क्या बुलाओ?
00:03चड़िये भापी, वैसे बुलाया तो है, ना बुलाती तो भाईया को बुरा लग जाता न, उनका बहुत मन है, कि इसी बहाने अपना पुष्टैनी घर देख लेंगे.
00:10चल अच्छा ही किया, जो बुला लिया, आखिर कोई तो एंटर्टेन्मेंट होना चाहिए न, वैसे भी बेटी की शादी है तो एंटर्टेन्मेंट तो होता रहे, इसलिए बुला लिया उनको, हाहाहा, बुआ जी भी उनके मजे ले रही हैं, वो है ही मजाक, खेर चलो ठीक है
00:40कुलिका का फोन रखने के बाद अब दिव्या मादवी के पास फोन रखती है, हाँ दिव्या, कैसी हो, अच्छी हूँ भावी, आप सब कैसे हैं, हम भी अच्छे हैं, तो अब तो अच्छा है, तो फिर तयारियां शुरू कर दिया आपने शादी में आने के लिए, तयारिय
01:10बकसा तैयार हो गया? हाँ मा जी, वो हमारे पास साड़िया हैं, वो मैंने रख ली हैं, बस आप टाइम बता दीजे बस का।
01:17बस तो शाम के चार बचे की है, लेकिन क्यों पोच रही है, कुछ नहीं मा, वो सफर के लिए सोच रही थी, क्या बनाओ, कुछ समझ नहीं आ रहा, सिर्फ आलू ही हैं, हैरे तो इतना सोच क्यों रही हैं, देख, तू ऐसा का रालू में जीरा और धनिया पाउदर डाल के उसे
01:47निकलना भी है, अरे पुछ दैनी घर जाने की इतनी ही जल्दी है, तब ही निकल जाईए, लेकिन हमें परिशान मत करिये, जहां एक तरफ सफर के लिए मादवी और बबीता अलू की सबजी, रोटी, प्याज और मिर्च रख रही थी, वहीं दूसरी तरफ कुनिका और आलि
02:17ठीक है मा, सभी शादी के लिए निकल जाते हैं, कुनिका का परिवार शादी में जल्दी पहुंच जाता है, उसके बाद मादवी का परिवार आता है, आ गई अपना सो साल पुराना बक्सा लेकर, और थोड़े ढंके कपड़े पहली होते, आते ही शुरू हो गई, अरे सब
02:47अरे इन सादा टाइम नहीं मिल पाता भीया, क्या करूँ, चल अच्छा है, व्यस्त रहे और खुश रहे
02:53भाईया भाबी तो हो गया मेल मेला, आप तो कमरे में चलिए और आराम करिए, शाम को शादी है, बहुत थकान होने वाली है, आप सब को चलिए
03:00शाम का वक्त हो जाता है, सभी शादी में महंगी महंगी साडियां, जेवर और फैंसी फैंसी कपड़े पहन के आए थे, जहां कुनिका और कुनिका की बहुने मौडन साड़ी पहनी होई थी, तो वही मादवी और उसकी बहुने साधारर सीधे पल्लो की साड़ी पहनी होई �
03:30मज़े लिए जाए
03:31कुनिका और आलिया मादवी और बबीता के पास
03:35मज़े लेने के लिए जाती है
03:36देखो कौन आया है
03:38जरूर टिपड़ी ही करने आये होंगे ये लोग
03:41बाकी और कोई उमीद तो है नहीं इनसे
03:43अच्छा तो पता है तुम्हें
03:45मैं कहरी थी अगर कपड़े नहीं थे तो हमसे ले लेती हमाई पास बहुत पुराने कपड़े
03:49तुम्हारे इन कपड़ों से तो अच्छे ही लगते
03:51वो क्या है ना हमें खेरात वाली चीजे पसंद नहीं है
03:54खुनिका मादवी आलिया और बवीता में बहस हो ही रही थी कि तब भी दिव्या वहाँ आ जाती है
04:09अरे बस बस शादी का खरे कोई तमाशा नहीं चाहती मैं चलिए आप सब लोग शादी में चलिए और आशिरवाद दीजिए
04:15दिव्या सभी को जबर्दस्ती शादी के मंड़म में लेकर जाती है जिसने कोई कलेश न हो शादी हो जाती है और अब धीरे धीरे सब जाने की तयारी करने लगते है
04:24भागेवान मैं कह रहा था कि ऑफिस से छुट्टी ले ली है तो आप कुछ दिन यहाँ पर रुखते हैं लम्मे समय के बाद अपने पुछ्ट्यानी घर में आये हैं अब कुछ दिन नहकर ही जाएंगे
04:36हाँ सही कह रहे है पापा गाओं का महौल बहुत अच्छा लग रहा है मुझे भी
04:41अहाँ गाओं के यही तो खासियत है सब का मन मोह लेती है हम लोग भी कुछ दिन रुखेंगे यही
04:47कुनिका और आलिया पुछ्टैनी रसोई मैंसे सारे पुराने बरतन निकाल के आंगन में फेकने लगती है
05:08कुनिका ये क्या कर रही है ये पुछ्टैनी सामान है क्या तुझे इनकी ज़रासी भी कदर नहीं
05:15अगर तुम्हें इस कच्री की इतनी एहमियत है तो सजाल हो जाके हमें नहीं चाहिए ये हम तो नया नया सामान इस्तमाल करेंगे
05:22सारे पुनारे बरतनों को मादवी अपने रसोई में रख लेती है
05:42मादवी भी अपना किचन साफ करके मिटी का चूला बना लेती है
05:45और अब दोलों देवरानी जिठानी एकी छट के नीचे रहने लगती है
05:48तभी कुछ पड़ोसी आंगर में आ जाते हैं
05:51अरे सुना है दोनों बहुए आई है
05:53आईए आईए शीला चाची शुधा चाची बहुत लंबे समय के बात मिलना हो रहा है
05:59पाए लागू शीला चाची और सुधा चाची
06:01अजए खुशी रहो बिटिया बरी अच्छी सुगंदारी लग रहा कहीं पनीर बन रहा है
06:07हाँ हमारे ही घर पनीर बन रहा है
06:09हम लोगों की तो पनीर खाने की यादत है क्या करें हम
06:12अरे हमारे घर भी तो पनीर ही बनता रहता है क्या करें
06:16पनीर का स्वाद होता ही इतना बढ़िया है
06:17वैसे माजबी तुम्हारे घर तो आलू कट रहा है क्यों बहू?
06:22हाँ अंटी ची, हमारे घर तो आलू ही बन रहा है
06:24हाँ सुधा चाची, हम पनीर की सबजी नहीं खाते हैं
06:28हमारे घर आलू ही बनता है
06:29तो अभी तुम सब आलू की तरह हो गई हो
06:32तुम्हारे घर के हालाग तो आज भी बहिए हैं जो 10 साल पहले थे
06:36कोई मुकाम हासिल नहीं किया तुम लोगों ने
06:38कुनिका के घरवालों को देखो अच्छा कमाता है
06:40तब ही तो इतना स्वाधिष्ट पनीर का वेंजन बना रही है कुनिका
06:44लगता है आपको पनीर की सुगंद बहुत अच्छी लगी अगर ऐसा ही है
06:47तो आज शाम की दावर आप हमारे घर करिएगा
06:50इतना स्वाधिष्ट वेंजन खानेगा तो सर्फ मौका मिलना चाहिए उसके बाद तो हमाजर है
06:55और नहीं तो क्या चलो कुनिका पर शाम को सीधा दावत पर मिलते हैं
06:59हाँ हाँ क्यों नहीं
07:01बात्चीत करके शीला और सुधा चले जाते हैं
07:05यह अच्छा किया तुमने
07:11लगना चाहिए कि इतने सालों बाद हम घर आई हैं
07:14मैं पनी ले आता हूँ
07:16इतना कहके अनिल पनी लेने के लिए निकल जाता है
07:18शाम का वक्त होता है और खाना बनाने की बारी आती है
07:21बाहू मचा रुबालने के लिए पानी करम कर ले
07:23हाँ ममी जी
07:24आलिया गैस जलाती है लेकिन गैस जलती नहीं है
07:27ममी जी लगता है कि गैस खत्म होगी अब क्या करेंगे
07:30दावच के लिए इतना सारा खाना कैसे बनाएंगे
07:32हरे ये क्या मुसीबत आ गई
07:34आलिया और कुनिका परिशान होई रही थी कि तबी अनिल पनीर लेकर आ जाता है
07:43क्या हुआ तुम लोग इतना परिशान क्यों हूँ
07:46पापजी गैस खत्म होगी अब कैसे खाना बनाएंगे
07:49अफो आप तो गैस मिलेगी भी नहीं
07:53अरे क्या हुआ निल कोई बात है क्या
07:56अरे भाईया गैस खत्म हो गई और दावत के लिए खाना बनाना है
08:00बहुत अच्छा हुआ जैसी कनी जैसी बने
08:03जब मुसे जहर उगलेगा दूसरों के लिए तो उसके साथ अच्छा कैसे होगा
08:07अच्छा अब बस हो गया जाओ और उनकी मदद करो
08:11मैं नहीं करने वाली कोई मदद
08:12अच्छा बहुत जाओ तुम ही मदद कर दो
08:15चूले पे खाना बनवा दो बन जाएगा खाना
08:19अच्छा हाँ चोले पर भी तो खाना बन सकता है।
08:21हाँ चाचा जी, आलिया तुम सारा सामान और मसाले लेकर हमारी रसोई में आओ तब तक मैं चूला चलाती हूँ।
08:27ठीक है मैं अभी लाती हूँ।
08:29आलिया पनीर को थोड़े बड़े पीस में काटो जिससे पनीर का स्वात पता चले और पनीर की स्टफिंग के लिए प्यास बारी काटना।
08:35ठीक है दीदी।
08:37मसाले पग गए हैं पनीर डालना फिर स्टफिंग तयार हो जाएगी।
08:40तो भावी उसके बाद आप शाही पनीर बना देना तब तक में कचोरियां भर लोगी।
08:43पुलाओ तो बनी गया अब जल्दी जल्दी बन जाएगा सब।
08:46हाँ आदे से जादा तयारी हो गई है।
08:49कुछी दिन में सारा खाना बनकर तयार हो जाता है, महमान दावत पर आते हैं, महमान के लिए कुर्सी मेंज लगाई जाती है, दावत शुरू होती है और दोनों बहुएं सबे महमानों को मेंज बे खाना सर्व करती हैं।
08:59हाँ सबी लोग खाना खाते हैं और खाने के बहुत तारीफ करते हैं
09:03क्या खाना बजाया है वाह मजा गया मुझे एक कचोरी और देना
09:07और मुझे शाही पनीर देना थोड़ा सारे पकवान बहुत लजीज बने हैं
09:12कितने प्यार से खा रहे हैं ये लोग आज तो मेरी इज़त ही बच गई
09:15शीला और सधा दावत खा कर अपने घर चली जाती है
09:18बच गई ना इज़त अरे बचाई किसने जिसको हर वक्त इतने ताने देती रहती हो इतना बुरा भला खहती रहती हो
09:27मुझे माफ कर दा माधवी आज तो मर्तमाई बहु ना होती तो मेरी इज़त ना बचती मैंने तुम लोगों को ना जाने क्या क्या क्या मैं बहुत शाद में ना अपने किये को लेकर हो सके तो मुझे माफ कर देना
09:40माजी माफ कर दीजे ना देखे ना चाची जी रोते हुए आपसे माफी मांग रही है
09:45उन्हें अपनी गलिती का एसास हो गया
09:48तुझे क्या लगता है कि मैं कोई दुष्ट जेठानी हूँ जो अपनी देवरानी को माफ नहीं करूँगी
09:53चल अब रो मत जाता चिप हो जा मैंने माफ किया तुझे
09:56आप बहुत अच्छे हूँ नहीं नहीं पहले दावत खाएंगे तब मखन लगाना
10:00हाँ क्यों नहीं हम सब दावत खाएंगे बहु जल्दी से खाना लगा
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