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  • 2 days ago
"इस कहानी में एक अनोखी सीख छुपी है जो आपके जीवन को बदल सकती है! यह कहानी न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगी। अगर आपको नैतिक कहानियाँ (Moral Stories), प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories) और हिंदी लघु कथाएँ (Short Stories in Hindi) पसंद हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है। पूरी कहानी देखें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!


🔹 वीडियो की खास बातें:
✅ सुंदर एनीमेशन और इमोशनल कहानी
✅ हर उम्र के लिए अनुकूल
✅ सीखने और समझने योग्य नैतिकता

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Transcript
00:00अरे मैंने ना आज राज कचोरी खाई थी, सच कहूं तो बहुत ही स्वादिश्ट और लाजवाव थी
00:06क्या सचमी, तुमने बिल्कुन सही कहा, उसकी तो बात ही मड़ी निडाली होती है, उसी खांके तो मज़ा ही आ जाता है
00:13राज कचोरी वाकई में बहुत स्वादिश्ट होती है, उसके जितनी स्वादिश्ट चीज और कोई हो ही नहीं सकती
00:18मौनू और सोनिया दोनों ही राज कचोरी के बारे में बात कर रहे थे और पिंक्यों और चिंटू इस पार इवी सुनकर कहते है
00:24क्या कहां सचमी राज कचोरी इतनी स्वादिश्ट होती है
00:28हाँ बहुत स्वादिश्ट होती है, लेकिन एक सेकिन तुम हमसे ऐसे क्यों पूछ रहे हो, क्या तुमने कभी जिंदगी में राज कचोरी नहीं खाई
00:34नहीं, हमने कभी नहीं खाई
00:37ये बात सुनकर मोनो और सोनिया जोर जोर से हसने लगते हैं
00:41अरे तुम भी ऐसी कैसी बात है कर रहे हो सोनिया तुम भी किस से पूछ रही हो
00:45तुम तो जानती हो इन गरीफ टीचरों की हालत क्या है
00:49इनने कभी सुके दाल, चावल, रोटी, खाने से फूरसत मिले तब तो ये कुछ खाएंगे है ना
00:56हाँ तुमने बिलकुल सही कहा, मैं भी कितनी बागल हूँ, क्यों लोगों से पूछ रही हूँ
01:02दोनों उनका बहुत मज़ा कुड़ाती है, और इस बात पर पिंक्री को बहुत कुछ सा आ जाता है
01:07तुम चुबकनो, क्या हूँ आगे है हमने कभी राजकचारी ने खाए तो?
01:12ऐसे तो दुद्या में बहुत सारी चीज़ी हैं, जो तुमने भी नहीं खाए होगी, और इस मोनो ने भी
01:18तो आज पहली बार ही राजकचारी खाए होगी इसने, तो क्या ये भी फाटीचर हुआ?
01:24ये बात सुनकर सुनी और मोनो को भी कुछ सा जाता है
01:27मोनो पिंकी को धक्का दे देता है, और मोनो को धक्का दे देता है
01:57अरी इतने हिमत की तुने मेरी बैन को नुक्सान पहुचाया
02:00इस तरह चारों बच्चों में लडाई हो जाती है और सब भी महाँ पर आ जाते हैं
02:04अरी-अरी क्या हो गया है? क्या हो गया है यहाँ? हमें बताओ जरा
02:09क्यों तुम दोनों को कुछ देख नहीं रहा? अंधियों गई हो क्या? यहाँ पर लडाई हो रही है
02:14और मुझे यकीन है कि पहले तुम दोनों के पोता-पोती नहीं कुछ किया होगा
02:17अच्छा तुझे बड़ा पता है मेरी पोती को कुछ कहने के जरत नहीं है? समझी न?
02:23हाँ और मेरा पोता भी वहाँ शरीफ है उसे कुछ कहने के जरत नहीं है
02:27दादी दादी पहले मॉनों ने मुझे धक्का दिया जिसकी वज़े से मुझे चोड़ लगे
02:34अई सुनिया यह हमें फटी चे कहने थी
02:38तुम्हारे कहने से कुछ नहीं होता
02:40देखा मुझे तो पता ही था कि जरूरे इनका ही दोश होगा
02:44हमसे ज़ादा वहस करने की जरत नहीं है
02:46वैसे भी मेरी पोती ने बिलकुल ठीक किया और कहा है
02:49तुम तो हो ही फटी चर इसमें भला उसने क्या ही गलत कह दिया
02:52हाँ बलकुल सही कहा
02:54देखा ऐसी परवरिश है तुम्हारी
02:57अपने बच्चों को तुम ऐसा सिखा रही हो
02:59तब ही तो दूसरों के साथ इतना गलत वियावार करते हैं
03:02तुम्हारी वज़े से ही तुम्हारी बच्चे भिगड रही है
03:04गलत परवरिश का नतीजा तुम्हें बाद में पता चलीगा
03:07तु कौन होती है हमारी परवरिश पर सवाल उठाने वाली
03:10पहले खुद को तो देख क्या तु अपने बोता फोती के लिए आखिर करती क्या है
03:15और तु हमसे कुछ बोले लायक नहीं है
03:17इस तरह तीनों के बीच तू-तू में में और ज़्यादा बढ़ जाती है
03:21बड़ी मुश्किल से आसपरोस के लोग लड़ाई शान्त करवाती है
03:24और सभी अपने अपने घर चले जाते है
03:26आखिर दोनों खुद को समझती क्या है
03:28अरे हम गरीब हैं लेकिन उनकी तरह बत्तमीज नहीं है
03:32आखिर हमारे इसमें क्या किलती है
03:35मुझे तो समझी नहीं आता
03:36हर की हमेसे दा खाना खाने बचिडाता है
03:40सच में सबकी सिंद की किन्दी अच्छी है
03:43हर कोई किन्ना अच्छा छ�zekान काता है
03:46और हमें बस दाने मागते रहते है
03:48मुझे भी अभी कुछ कछ़गाना आए और उन्हें चिडाना आए
03:51दोनों बच्चे खूब रोते हैं और सभी बड़ी मुश्किल से उन्हें शांत करवा कर सुला देते हैं
03:57बेचारे बच्चे कितने जादा रो रहे हैं इन दोलों को भी बच्पन से ही बहुत कुछ जहलना पड़ रहा है
04:03सच कहा जी आपने बिल्कुल सच कहा बच्चे को बहुत कुछ सुरना और जहलना पड़ता है
04:07हमारे बेचारे बच्चे खाने के लिए कितना ज़्यादा तरसते हमारी किसमत कितनी खराब है हम इने कुछ अच्छा भी नहीं खिला सकते
04:14इन्हें ऐसे देखकर तो मुझे भी बहुत बुरा लगता है
04:17बेचारों को अभी से ही अपना मन मारना पड़ रहा है
04:20सच में ऐसी जिन्दगी से तो मैं भी बहुत परिशान हो गई हूँ
04:24रोहन जब शाम को घर वापस लोड़ता है उसे जब ये सारी बाती पदा चलती है तो उसका भी दिल दुखता है
04:30तब रात को रोहन और पाया लापस में कुछ बाती करती है
04:33सच में मुझे भी ये सब नहीं देखा जाता है
04:36मैं कितनी बार देखता हूँ जब हमारा पूरा परिबार छोटी छोटी चीज़े खाने के लिए तरसता है
04:40और कितनी सारी चीज़ों में अपना मन मारता है
04:43बिल्कुल सही कहा अपनी
04:45जब सभी खाना खाते हैं तो उनका इतना रोखा सुका खाने का बिल्कूश मन नहीं करता है
04:49लेकिन बड़े अपना मन मारते हैं ताकि बच्चे से तना करी
04:52क्योंकि अगर बड़े ही ऐसा करेंगी तो बच्चे तो जादा करेंगी ही
04:55कोई बात नहीं, मैं कल अपने मालिक से बात करता हूँ, शायद वो मुझे कुछ राज का चौरी दे दे और मैं सब को खेला सकूँ
05:02हाँ बिल्कुल सही कहा आपने, आप एक बार उनसे बात करके देख ले ना, आगले दिन रोहन अपने सेट से बात करता है
05:08मालिक, आप भी जानते हैं कि एक राज काचौरी को बनाने में इतनी लागत नहीं आती, और फिर मैं तो यहाँ आप बिल्कुल सस्ते में काम करता हूँ,
05:38तो आप एक बार तो मेरे लिए कम से कम इतना कर सकते हैं ना
05:41मेरे परिवार वाले खाना खाने अच्छा खाने के लिए बहुत तरसते हैं
05:45मैं सिर्फ उन्हें एक बार अच्छा खाना खिलाना चाहता हूँ
05:47रोहन वहां से भी निराश हो जाता है
05:56अब पायल और रोहन को कुछ समझ नहीं आ रहा हो था कि दोनों कैसे अपनी परिवार वालों को राज कचोरी खिलाएं
06:01एक दिन पायल बाजार में जाती है तब उसकी सहीली मिल जाती है
06:04अरे पायल इतनी दिनों बात मिल रही हो तूँ आखिर आजकल कहां रहीती हो मेरे लिए तो तुझे वक्त ही नहीं मिलता
06:11कहां रह सकती हूँ भला घर पर ही रहती हूँ और वक्त का तो पूछी मत घर के हालाती ऐसे चल रही है
06:18क्यों क्या हुआ
06:19पाइल उसे सारी बात बताती है
06:22वस इतनी सी बात
06:23एक काम कर चल मेरे साथ चल
06:25मैं तुझे एक चके लीकर चाती हूँ
06:27दुनों नहीं हाके पती के रेस्टरेंट में पहुचते हैं
06:30दीखी यहां पर एक शेफ की चुरत है
06:32मैं जानती हूँ तो बहुत अच्छा खाना बनाती है
06:35अगर तुझे चाहती है तो यहां पर आकर काम कर सकती है
06:38लेकिन मैं नहीं जानती कि सबको मेरे हाथ का खना पसंद आएगा या नहीं
06:42ग्राहक बनाना बहुत मुश्किल काम होता है
06:44और तुम्हारा तो इतना बड़ा रेस्टरिंट है
06:46हाँ तो चिंता मत के
06:47मुझे तिरे उपर पूरा भरूसा है
06:49मेरी तरफ से पूरी तरह है
06:51अब तु देख ले कि तुझे क्या करना है
06:53परिवार वालों की छोटी-छोटी चीजों के लिए
06:56तरहस्ता देख पायल का दिल हमीशा दुखता था
06:58उन हालातों को सोचते हुए पायल हां कर देती है
07:01ठीक है मैं कल से ही काम शिरू कर देती हूँ
07:03अगले दिन से पायल रेस्टुएंट में खाना बनाने का काम शिरू कर देती है
07:06कई दिनों की मेहनत की बाद पायल को उसकी पगार मिलती है
07:09और उसे बहुत खशी होती है
07:11तब पायल पैसे लेकर सबसे पहले राशन की दुकान पर जाती है
07:14भाई सहब आप मुझे एक किलो सूजी, एक किलो मैदा, थोड़ी सी दही, जीरा, कारा नमक, लाल मिर्ट, सारे खड़े मसाले और पांच किलो आटा भी दे दीजिए
07:22अरे-अरे इतने लंबी चोड़ी रिस्ट हैसा ही बोले जा रहे हो
07:25या इतना सामान खरीदने की आउकात भी है
07:28मैं इस बार तुझे को चुछ उधार नहीं देने वाला हूँ
07:30अरे लाला तुम चिंता मत करो, मैं उधार पर कुछ लेने भी नहीं आए हूँ
07:33ये लो अपने पैसे और जदी से मुझे मेरा सामान दे दो
07:36दुगानदार पैसे देखकर हैरान था
07:38लेकिन वो पायल को सारा समान दे देता है
07:40और पायल खुशे-कुशी समान लेकर घर आती है
07:42तुमने मुझे काम से जल्दी घर क्यों बलाया?
07:46आज मुझे मेरी पगार मिली थी
07:47मैं चाहती हूँ हम दोनों मिलकर सभी के लिए
07:49स्वादिष्ट सी राज को चौरी बनाए
07:51क्या? अब सच के नहीं है भाबी?
07:54क्या आप हमाने सच में राज को चौरी बनाएंगी?
07:56हार या बिलकुल आज तम देखना मैं सब के लिए
07:58कैसे बढ़िया सी स्वादिष्ट राज का चौरी बनाएंगी?
08:01चले जी, अब हम जल्दी से शुरू हो जाते हैं
08:03पाइल और रोहन अपने काम पर लग जाते हैं
08:06सबसे पहले रोहन सूजी में थोड़ा मेंदा मिलाकर
08:08और उसमें नमक वाद थोड़ा सा तेल डालकर आटे को गुन लेता है
08:11और उसके बाद उसके उपर कपड़ा धग कर उसे थोड़ी दिर के लिए रख दीता है
08:14मैंने मुंग डाल और छोले भी बीगो दिये है
08:17अब मैं बेसन में सारे खड़ी मसाले डाल कर आठे में उसकी स्टफिंग कर दूँगा इससे स्वाद और बढ़ जाएगा
08:23अटा तयार करने के बाद पायल चुला जलाती है और उसके उप�र एक क�डाई में तील को अच्छी से गरम करने के बाद कचौड़ी बनाना शुरू करती है
08:30और वहीं दोसरी तरफ रोहन उसी तेल में तलना शुरू करता है
08:32तोनों इस काम को खत्म कर लेती हैं
08:34और कचौरी बनने के बाद उसे ठंडा होने के लिए थोड़ी दिर रख देती हैं
08:37तब सभी बेसबरी से राज कचौरी बनने का इंतसार कर रहे थे
08:40अरे बेटा अगर सब कुछ तयार हो गया है तो अब जल्दी से हमें खाने को दे दे
08:45या ममी आज तो मैं राज कचौरी खिला ही तो
08:48ठीक है ठीक है मैं बस अभी लाती हूँ
08:52सभी जैसे ही राज कचौरी का पहला निवाला लेते हैं उन्हें खा कर बहुत आनन्द मिलता है
09:04मैं बता नहीं सकता मुझे कितने खुशी हो रही है मुझे बहुत अच्छा लग रहा है
09:10सच्मी भाबी इतनी स्वादिश्ट राज कचौरी खा कर तो मज़ा ही आ गया है
09:22मामी आपने बहुत अच्छी बनाई है
09:24हाँ बहु मैं भी पहली बार जिन्दिकी में कुछ अच्छा खा रही हूँ
09:27मेरा भी हमेशा कुछ अच्छा खाने का मन करता था लेकिन कभी कहा नहीं
09:31क्योंकि मैं जानती थी कि घर की हालाद ही कुछ हैसे हैं
09:34अखिर किस मुझ से अपनी इच्छा जाहिर करती
09:36लेकिन सच में आज इतना स्वादिश्ट खाना खाकर बहुत अच्छा लग रहा है
09:39आप सभी को इतना कुछ देखकर मुझे भी बहुत खुशी हो रही है
09:42भगवान ने हमारी सुन लिए और हमारे भी घर में कुछ अच्छी दिन ला दिये है
09:46आप चिंदा मत कीजिए आपकी च्छोटी च्छोटी चीज़ों के लिए मन नहीं मारना पड़ेगा आप लोगों को
09:50हाँ
09:51मैं और पायल आप सभी के लिए खुब महनत करेंगे
09:55और हर रोस नहीं तो कभी कभी राज का चौरी जरूर खिला दिया करेंगे
09:59इस तर हम पाया लिए अपने गरीब ससुराल वालों के खुब महनत से और बड़े प्यार से
10:02राज का चौरी बना अगर खिलाया और गरीब ससुराल वालों ने पहले
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