"इस कहानी में एक अनोखी सीख छुपी है जो आपके जीवन को बदल सकती है! यह कहानी न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगी। अगर आपको नैतिक कहानियाँ (Moral Stories), प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories) और हिंदी लघु कथाएँ (Short Stories in Hindi) पसंद हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है। पूरी कहानी देखें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!
🔹 वीडियो की खास बातें: ✅ सुंदर एनीमेशन और इमोशनल कहानी ✅ हर उम्र के लिए अनुकूल ✅ सीखने और समझने योग्य नैतिकता
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00:00जो मुझसे भी बाते कर लो आखिर तुमने मेरी इतनी मदद करी है वैसे तुम करते क्या हो मैं एर होस्टेस हूँ और तुम
00:06सच में तुम एर होस्टेस हो मैं तो गवर्मेंट जॉब की तैयारी कर रहा हूँ पिछले तीन साल से किसी ने किसी वज़ा से रह जा रहा हूँ
00:30हाम घुमा दिया रवी से बात करके दिपिका उससे शादी करने का मन बना लेती है और जाने से एक दिन पहले रवी से मंदिर में मिलती है
00:37अरे तुमने मुझे मंदिर में क्यों बलाया
00:39मैं तुम्हें पसंद करते हमेशा से मुझे तुम्हारे जैसा जीवन साथ ही चाहिए था पर
00:44मेरा रिष्टा आजे नाम के लड़के से हो गया जो की इंजीनियर है और बहुती बत्तमीज भी
00:48मुझे नहीं लगता कि मैं उसके साथ कभी भी खुश रह पाऊंगी इसलिए मैं तुमसे शादी करना चाहती हूँ
00:53मेरे घरवाले इस रिष्टे के लिए कभी नहीं मानेंगे पर एक बार हम शादी कर ले तो उन्हीं मानना पड़ेगा
00:58और अगर मैं यहां से चली गई फिर मैं कभी नहीं आ पाऊंगी
01:02पर बिना फैमिली के आ गया कि शादी देखो मैं भी तुम्हें पसंद करता हूँ पर फैमिली के इजाज़त भी तो जरूरी है
01:11रवी तुम्हें मेरी कसम है अगर तुमने मुझसे शादी नहीं करी तो मैं यहीं मंदर मेरा हूँगी तब तक जब तक तक तुम मुझसे शादी नहीं कर लोगे
01:18रवी दिपिका के सामने हार मान जाता है और वो लोग शादी कर लेते हैं
01:22शादी के बाद जब दिपिका अपने सस्राल आती है तो पूरा परिवार अपनी बेटी को रवी के साथ देखकर हैरान रह जाता है
01:28पागल लड़की ये तुने क्या किया पहले तो गाउ आने से मना कर रही थी और इन साथ दिनों में तुझे गरीब इतना पसंद आ गया कि तुने बिना किसी को बता इससे शादी कर ली
01:36भूल गई तेरा रिष्टा लगा हुआ है हम लड़के वालों को क्या जवाब देंगे
01:40मैं आप लोगों को कुछ करने के जरुवत नहीं है रवी से शादी करने से पहले ही मैंने लड़के वालों को फोन करके ये रिष्टा तोड़ दिया है अब आप बस हमें अपना लो
02:06अपना लेते हैं और उसका घ्रे प्रिवेश करवाते हैं इसी तरह कुछ दिन बीच जाते हैं और देविक अपने सस्राल में सभी से घुलने मिलने की कोशिश करती है ऐसे ही एक दिन
02:15चाची हमने सुनाया आप एफ हस्ते से हवाई जहाज में ही बैठी रहती हो हर वक्त हमें बताओ ना हवाई जहाज कैसा होता है
02:22राजू तु पागल है जो चाथी से अभी ही पूछ रहे हवाई जारस कैसा होता है
02:27चाथी हमें सर्प्राइज देना चाहती है ना चाथी
02:29अब हमें हवाई जारस में बैठा होगी ना
02:32मैं हवाई जहाज में बैट कर खाना खाऊंगी और खिर्की से बाहर कर नजारा देखूंगी
02:36भावी आप इनकी बातों पर ज़्यादा ध्यान मत दो
02:39हाँ बहु ये बच्चे तो तुझे ऐसे ही परेशान करेंगे
02:43अच्चा तु मुझे बता तुझे काम पर कब से जाना है
02:46तब ही तो मैं तुझे कुछ बना कर दे पाऊंगी
02:48मैंने सुना है तु बहुत दिनों तक घर ही नहीं आती
02:51हर वक्त बाहर का खाना खाएगी तो बीमार पढ़ जाएगी
02:53मा तुम्हें दिपिका के लिए लंच बनाने की ज़रूर नहीं है
02:57कमपनी वाले रहने खाने के लिए होटल देते हैं
02:59सही काना मैंने अपने घरवालों की बास सुनकर दिपिका हसने लगती है
03:02और अपने कमरे में जाती है
03:04जहां तभी कमपनी की तरफ से उसे मेल आता है
03:07और दिपिका अकेले में रवी से कहती है
03:09हम एर होस्टेस को साल की दो इंटरनेशनल टिप मिलती है
03:13एक सोलो और एक फैमिली के साथ
03:15तो क्यो ना इस बार हम आउट ओफ इंडिया जाएं
03:17दिपिका तुम तो जानती हो ना
03:19मेरी पूरी फैमिली हवाई जहाज में बैठना चाहती है
03:21खाना चाहती है गूमना चाहती है
03:23उन्हें चोड़ कर हम दोनों चले जाएं
03:25मुझे अच्छा नहीं लगेगा
03:27तुम्हारी ट्रिप है तुम चली जाओ
03:28रवी की बात सुनते ही दिपिका मू बनाकर बाहर जाती है
03:31और रवी समझाते हुए बाहर आता है
03:33मुझे माफ कर दो दिपिका पर एक बार मेरी बात तो सुनो प्लीज
03:37क्या हुआ बहु तुम दोनों के बीच सब ठीक तो है न
03:41कुछ ठीक नहीं माजी
03:42आपको पता है हम जितनी भी एयो होस्टेस हैं
03:45उनको कंपनी की तरफ से बहुत सारी फैसिलिटीज मिलती हैं
03:47और उसमें से एक इंटरनाशनल ट्रिप
03:49और जब मैंने इसके बारे में रवी से कहा
03:50तो मुझे कहता है कि मैं अकेली चली जाओ
03:53एक बात बताओ
03:54जब मुझे पैमिली ट्रिप मिल रही है
03:56तो मैं अकेली कैसे जा सकती हूँ
03:57हाथ सब को भी मेरे साथ चलना है
03:58और हम सब बिजनस क्लास में जाएंगे
04:00निपिका तुमारा हमसे मतलब पूरा परिवार था
04:03तुमने तो मुझे डराई ही दिया
04:05हाथ जाएंगे
04:35जाने लगूँगी
04:35ज्यादा से ज्यादा क्या होगा
04:37मुझे जो कमपनी की तरफ से ओफर मिला है
04:39वो वेस्ट हो जाएगा
04:40दिपिका जबी को एमोशनल कर देती है
04:43जिसके बाद पूरा परिवार दिपिका की बात मान जाता है
04:45और उसी वक्त के दिपिका अपनी पूरी फैमली के लिए
04:48बिजनस क्लास में टिकेट काटती है
04:49और पूरा परिवार सामान पैक करके एयरपोर्ट जाता है
04:52दिपिका के सस्राल वाले पहली बार हवाई जाहाज में बैठने वाले थे
05:07इसलिए वो ज्यादा ना कुछ बोलते हैं और ना ही कुछ करते हैं
05:09बस चुप-चाप देखते हुए चलते हैं
05:11अब वो लोग हवाई जाहाज के अंदर पहुँचते हैं
05:13और दिपिका सभी को उनकी सीट पर बिठाती है
05:15इतना बोलकर दिपिका बच्चों के लिए उनकी सीट पर जाकर कार्टून लगा देती है
05:36कुछ दिर में अनाउंसमेंट होते हैं और घरवाले अपनी सीट बेल्ट बादने की कोशिश करते हैं
05:40तभी उनके पास एक एर होस्टेस आती है
05:42यह होस्टेस का इतना अच्छा नेचा देखकर शिलपा का जल आशा को बहुत अच्छा लगता है
06:01कुछी दिर में हवाई जहाज उड़ान भड़ता है जिस वज़ा से आशा को घबराहट होने लगती है
06:06कुछी देर में हवाई जहाज आवाँ में उड़ने लगता है और दो एर होस्टेस आकर सभी को पानी देती है
06:20हम घर से कुछ नहीं लेकर आए है और दिपिका बता रही है बहुत लंबा समय लगेगा एक पानी की बोतल ले लेते हैं
06:27पानी की बोतल लेकर राजीव एर होस्टेस को पैसे देने लगता है एर होस्टेस मुस्कुराती हुई बोलती है
06:32शिल्पा की कहने पर आज ये पैसे अपने पास रख लेता है कुछी देन में फिर से ट्रॉली लेकर दो एर होस्टेस आती है और सभी को सीट पर जाकर उन्हें कोल्ड रिंग कॉफी चाय सर्व करती है
06:46नहीं बेटा हमें कुछ नहीं चाहिए
07:00अब येर होस्टेस ट्रॉली लेकर आगे आती है और कुछी देर में फिर से येर होस्टेस सभी पैसेंजर के पास आती है
07:06मादम आप खाने में क्या लेना पसंद करेंगी वेच नॉन वेज या कुछ और?
07:11नई मुझे भी कुछ नी चाहिए जब लेना होगा मैं बता दूँगी
07:15एक बार फिर यह होस्टेस आगे जाते हैं और इस बार खाने में देपिका दाल, रोटी, दही, सलाज जैसा हलका खाना लेती है और खाना शुरो करती है
07:22हवाई जहाज का खाना काफी तेस्टी है पर यह क्या घर वाली कुछ नहीं खा रहे?
07:27राजू, पिंकी, काजल, तुम लोगों ने खाना क्यों नहीं लिया?
07:31भावी, पहले ही आपके इतने पैसे खर्चो गए है, हमें हवाई जहाज में बैठाने के चक्कर में, उपर से बिजनेस क्लास है, यहाँ तॉलिया, टीवी जैसी, इतनी अच्छी सीट है, पानी भी हमने ले लिया, अगर खाना भी लेंगे तो बहुत लंबा बिल बन जाए
08:01और यह होस्टेस उन सभी को उनकी पसंद का खाना देती है, जिसे पूरा परिवार बड़े ही स्वाद से खाता है, यह अंड़ा जावल कितना स्वादिश्टे इतना अच्छा तो मा भी नहीं बनाती, खाने का स्वाद बड़ा जीब है, समझी नहीं आ रहा, अच्छा है य
08:31कुछी देर में हवाई जाहाज लेंड करने लगता है, और एक बार फिर पूरा परिवार अपनी सीट बेल्ट बांद लेता है और लेंड करते हुए, अरे आशा हम कितनी तेजी से नीचे जा रहे हैं, मुझे तो डर लग रहा है, अब समझ में आया जैसे उड़ते हुए म�
09:01कर वापस हवाई जाहाज से अपने घर आ रहे होते हैं, और इस बार उन्हें न तो डिपिका से कुछ पूछना पड़ता है और ना ही कुछ लेने में डर लगता है, जर आपको खाने में क्या चाहिए, फिलाल हमारे पास नूडल्स, कॉफी, चावल, पराठे, दो तरह की स�
09:31क्या फाइदा, जब कुछ याद ही ना हूँ, भले ही हम गरीब हैं, पर हमारी अमीर भाबी ने हमें बिजनेस क्लास में बैठा दिया, सही कहा काजल, और हो के तो रिष्टेदार हवाई जहाज में बैठते हैं, पर मेरी अमीर देवरानी ही एर होस्टेस है, और उसी की बद
10:01गरीब परिवाद की बाते सुनकर दिपिका की बुआ दिपिका को देखती हैं और मूँ बनाकर अपने घर के लिए निकल जाती है, और कुछी दिनों में दिपिका भी काम पर जाना शुरू कर देती है, समय गुजरता है और गुजरते समय के साथ
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