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They said the Yakshini Express runs only on full moon nights… and whoever boards it never returns. 🌕🚆
Watch “Yakshini Express” — a terrifying Hindi horror story filled with supernatural suspense and mystery.
A haunted tale where the journey itself becomes the nightmare. 👻

🎬 Topic: यक्षिणी एक्सप्रेस | Yakshini Express | Haunted Train Story
💬 Category: Hindi Horror Stories / Haunted Tales / Scary Kahaniyan
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Transcript
00:00यक्षिनी एक्सप्रेस
00:30प्रिया को बाहर ले जाने के लिए उसका हाथ पकड़ कर खिंचती है
00:51कि जटके के कारण प्रिया का हाथ एक बांस पर लगता है और वो तूट जाता है
00:57प्रिया के हाथों से खुन रिस्ता हुआ जमीन पर टप टप कर गिनने लगता है
01:04ओ गाड़ ये कैसे लगया सौरी यार ये तॉप सुगन है मुझे नहीं लगता कि हमें जाना चाहिए
01:12उफो पागले क्या तू
01:14ये किसी अन होनी के होने का संकेत है सीमा मैं नहीं जाओंगी वहां कहीं और चलते न यार
01:21प्रिया और सीमा दो दिन के बाद की ही ट्रिप बनाते हैं और कुलो जाने के लिए निकल पड़ते हैं
01:28पक्का आज तेरे कारण ट्रेंड मिस हो जाएगी कितने लेट हो गये हम
01:32तभी वहां एक कैब आकर रुखती है जिसे एक औरेट चला रही होती है
01:38यार सीमा तुने पहले ही कैब बुक करा कर रखी थी
01:45सौरी मैं बेकार में तुझ पर भड़क रही थी
01:47अब जल्दी से OTP तो बता
01:49OTP? अब OTP कहां से बताओ? मैंने तो कैब बुक किया ही नहीं था
01:56किया था मैम, अपना फोन देखिये
01:59हाँ हाँ हाँ, 0135, ये OTP कहां से? और इसे कैसे पता कि मैं क्या सोच रही है
02:06चलो छोड़ो, कैब तो मिल गई ना? दोनों कैब में बैठ जाते हैं
02:12अब बहुत लखी है, यक्षिनी एक्सप्रेस के न्यू कमपार्टमेंट से कुलू जाने वाले हो
02:17अरे पर आपको कैसे पता कि हम किस कमपार्टमेंट से जा रहे?
02:21आपके टिकेट पर नजर पड़ी तो पता चला
02:25असल में यक्षिनी एक्सप्रेस के एक कमपार्टमेंट में बुरी तरह आग लग गई थी और वो जल गया था
02:30इतने सालो बाद रिपैर होकर वो कमपार्टमेंट न्यू बता कर ट्रेन में जोड़ा जा रहा था
02:36आज ही उसकी ओपनिंग है लीजिया स्टेशन भी आ गया
02:40दोनों कैप से उतर कर ट्रेन में बैठ जाती है
02:43कमपार्टमेंट भराना होकर बिलकुल खाली-खाली सा था
02:47इतने कम लोग? लगता है यहां हमारे अलबा कोई है ही नहीं
02:53अच्छी बात है ना मस्ती करते हुए जाएंगे
02:55प्रिया आगे बढ़ती है कि उसे लगता है कि कोई उसका पैर पकड़ रहा है
03:00बचाओ! बचाओ! कौन है? कौन है?
03:03कहां कुई है? तुझे ट्रिप कैंसल करना है मुझे पता है
03:07जैशान्ती से यार
03:08प्रिया आगे जाकर अपने बर्द पर बैट कर अपना पैर देखती है
03:12जिस पर चार उंग्लियों के काले निशान होते हैं
03:16सीमा पास जाकर देखती है पर वो निशान वहाँ था ही नहीं
03:26जिससे अचानक ही अद्रिश्य हो गया है
03:28अभी अभी तो मेरे पैरों पर निशान थे कहा गए
03:32तब लाल जोडे में एक आरत वहाँ आती है और प्रिया के बगल में बैट जाती है
03:37उसका चेहरा आचल से पूरी तरह ठका हुआ था
03:40निशान जुन रही हो ना
03:43यही था मैंने देखा है मैसूस किया है
03:48उन जले हुए हाथों की जकड़न को बहुत चुपता है वो
03:52आपको कैसे पता?
03:56मैंने मैसूस किया है
03:58कोई नहीं समझता
04:00न समझना चाहता है
04:02इस कमपार्टमेंट में मैंने अपना परिवार खोया था
04:06अपना सब कुछ
04:08तब ही वहाँ सीमा आजा दी है
04:11वो मेरी सीट अंटी जी
04:14आपके सीट कोई और होगी
04:16सीमा की बात सुनकर
04:18सर हिलाती हुए वो औरत वहाँ से चली जाती है
04:20उसके जाते ही सीमा क्या देखती है
04:23कि औरत जिस सीट पर बैठी थी
04:25वो पूरी दरह जल चुका है
04:27वो वो औरत कौन थी
04:30ये कहकर सीमा उसके पीछे भागती है
04:33और वो देखती है कि ट्रेन की गेट तक पहुँच कर
04:36वो औरत अचानक गायब हो जाती है
04:38कहा गई वो
04:40अबे तो यही थी
04:41सीमा बापस अपनी सीच पर आती है
04:45कि उसकी नजर खेड़की के बाहर पढ़ती है
04:47जहां से वो उसी औरत को चैरा ठके हुए जाते दिखती है
04:51चलती हुए ट्रेन से
04:53ये नीचे कैसे उतरी
04:54इन सब में रात हो जाती है
04:57और कमपार्टमेंट की लाइट्स आफ कर सब सोने लग जाते है
05:01सीमा उस नजारे को आँखों में लिए सो जाती है
05:05रात को तीन बजे
05:07भागा दोड़ी की आवाज सुनकर दोनों की आँखे खुल जाती है
05:10इमरजनसी विंडो से कुछ लोग अंदर आ रहे थे
05:13काले कपड़ों में मानो डकेट से लग रहे थे
05:16खुद को बचाओ, भागो यह से
05:20छोड़ दो, अभे छोड़ दो
05:23दर्वाजा बंद करो, कोई बहार जाना सके
05:27बंद करो दर्वाजा
05:28यह सब क्या हो रहा है
05:31तबी पेंट्र का सिलिंडर करने की कारण
05:34ट्रेन में आख लग जाती है
05:35सब यह लोग जल जाते हैं और उस आख के बीच
05:38वो लाल साड़ी वाली औरत अपना गुंगट उठा दी
05:41उसका चैरा पूरी तरह चलावा था
05:44नहीं जाना मुझे
05:46मैं यक्षिनी
05:47तुम्हारी
05:48कैप ड्राइवर
05:50देख रही हो
05:52इसी तरह हम सब जल कर खाख हो गए थे
05:55और तभी ट्रेन रुपती है
05:57दोनों फॉरण फ्रेन से उतर जाती है
05:59उनकी आखों के सामने ही
06:01ट्रेन का कमपार्टमेंट गायब हो जाता है
06:03दोनों एक टक ट्रेन को देख रही होती है
06:06कि एक आवाज
06:07दोनों का ध्यान खीचती है
06:08मैम, OTP प्लीज
06:11हाँ
06:12यह हम वापस घर की पास कैसे आ गया है
06:15अब और ट्रेप नहीं
06:19बिलकुल नहीं

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