00:33जुटेशेट ना जब से आई हो उसे अभिशेग और शनुजा कभी खमें जो फेड़े मारों आके आपके अगसम देखना इसा थोकूँ ना न
00:43मुझे तो अभिशेग ना जब से आई हो उसे अभिशेग और शनुजा कभी खमेंशे कोनों में बठे हैं तो बाते तुसा रहे हैं एसे कोनों पाते किसे हैं आपके मुझे पड़ा था कुछ ना
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