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Bhagavad Gita Day 11 | अध्याय 1 श्लोक 10 | असली शक्ति क्या है? | Hare Krishna Bhakti Vibes
🙏 Hare Krishna दोस्तों,
आज के भगवद गीता श्लोक दिवस 11 में प्रस्तुत है:
अध्याय 1, श्लोक 10

🕉️ श्लोक:
अपरीयप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम्।
पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम्।।

भावार्थ:
दुर्योधन कहता है –
“हमारी सेना, जो भीष्म पितामह द्वारा संरक्षित है, असीम और अजेय लगती है।
लेकिन पांडवों की सेना, जिसे भीम द्वारा संरक्षित किया गया है, सीमित है।”

शिक्षा:
इस श्लोक से हमें यह सीख मिलती है कि —
👉 केवल संख्या या बाहरी शक्ति ही पर्याप्त नहीं,
👉 बल्कि संकल्प, निष्ठा और नेतृत्व ही विजय के वास्तविक आधार होते हैं।

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हरे कृष्णा।
🙏 Hare Krishna Friends,
Welcome to Bhagavad Gita Shlok Day 11.
Today’s verse is from Chapter 1, Shlok 10.

🕉️ Verse:
“Our army, protected by Bhishma, seems unlimited.
But the Pandava’s army, protected by Bhima, seems limited.”

Lesson:
This teaches us that:
👉 Victory is not about numbers or external power,
👉 True strength lies in determination, devotion, and leadership.

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Hare Krishna.

#BhagavadGita #Day11 #HareKrishna #BhaktiVibes #GitaSlok #SanatanDharma #KrishnaBhakti #SpiritualWisdom #GitaForLife #GitaGyan

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Learning
Transcript
00:00हरे कृष्ण दोस्तों, आज के भगवत गीता श्लोक दिवस ग्यारा में प्रस्तुत है।
00:06अध्याए एक, श्लोक दस, अप्रियप्त तदस्मा कां बला भीश मा भिरक्षितम।
00:13परियाप्त त्विद मेतेशा बला भी मा भिरक्षितम।
00:17यहाँ दुर्योधन कहता है, हमारी सेना, जो भीशम पितामा द्वारा संरक्षित हैं, असंख्य हैं और अजे प्रतीत होती हैं, लेकिन पांडवों की सेना, जिसे भीम द्वारा संरक्षित किया गया है, सीमित है।
00:32इस श्लोक से हमें सीख मिलती है
00:34केवल संख्या या बाहरी शक्ती ही नहीं
00:38बलकि संकल्प, निश्ठा और नेतरत्व भी विजय का आधार होते हैं
00:45कृपया लाइक, शेर, कामेंज करें
00:48और चैनल को सब्सक्राइब करें
00:50हरे कृष्णा
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