Ganesh Chaturthi 2025 – श्री गणेश चतुर्थी | पौराणिक कथा, महत्व और प्रेरणा
गणेश चतुर्थी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, भक्ति और सामाजिक एकता का उत्सव है। इस वीडियो में आप जानेंगे: ✨ श्री गणेश के जन्म की पौराणिक कथा ✨ उनके विभिन्न नामों और उनके गहरे अर्थ ✨ महाभारत लेखन की प्रेरक कहानी ✨ गणेश और कार्तिकेय की बुद्धि-यात्रा ✨ लोकमान्य तिलक द्वारा सार्वजनिक उत्सव की शुरुआत ✨ पूजा-विधि, मोदक की महिमा और पर्यावरण-अनुकूल विसर्जन ✨ समाज, सेवा और आधुनिक समय में युवाओं की भूमिका
Celebrate Ganesh Chaturthi 2025 with ज्ञान, भक्ति और प्रेरणा।
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00:01दोस्तों, गणेश चतुर्थी केवल एक त्योहार नहीं, यह हमारी संस्कृती, हमारी कला और हमारी सामाजिक एकता का उत्सव है।
00:12हर शुब कार्य की शुरुवात में जिस स्वर का जब होता है, वह गणेश का नाम है, विगनहर्ता, बुद्धिदाता और मंगलकारी।
00:21आज हम इस विडियो में गहराई से जानेंगे गणेश की पौरानिक कथा, उनकी लीलाए, विभिन प्रदेशों में मनाई जाने वाली परंपराई, पूजा विधी के चरंदर-चरं निर्देश, कुछ रोचक कथाई, और यह भी कि इस पर्व से हम कैसे अपने जीवन और स
00:51अपने शरीर की मिट्टी, चंदन और सुगंधित तेल मिलाकर एक छोटे बालक की मूर्ती बनाई और उसमें प्रान फूके, प्रेम और स्ने से उत्पन यह बालक माता का द्वारपाल बन गया, जब शिव लोटे और उन्होंने द्वार पर पुत्र को देखा, तो आदेश क
01:21पार्वती का शोक अतिविशाल था, ब्रह्मा विश्नु मिलकर समाधान के प्रयास करने लगे और अंतह विश्नु ने उत्तर दिशा में जाकर एक पवित्र हाती का सिर प्राप्त किया तथा उसे गणेश के धड़ पर जोड़कर उन्हें पुनह जीविद किया गया
01:35इस घटना का दार्षनिक अर्थ है, स्रिष्टी की रचनात्मक और विद्वनसक शक्तिया मिलकर जीवन में संतुलन बनाए रखती है
01:44गणेश के कई नाम हैं, विनायक, वक्रतुंड, एकदंत, लंबोदर, गजानन आदी
01:52प्रतेक नाम उनके चरित्र और शिक्षाओं का प्रतीक है
01:56एक दंत की कथा के अनुसार गणेश ने महाभारत के लेखन में अपनी बुद्धी और त्याग का परिचे दिया
02:03लंबोदर, जीवन की सभी विश्मताओं को सहन करने की क्षमता का संकेत देता है
02:09उनके बड़े कान और छोटे नेत्र ये सब प्रतीकात्मक हैं
02:14सुनना, ध्यान और विस्तृत द्रिष्टी
02:17गणेश की सून्ड लचीलापन सिखाती है और मूशक वाहन हमें एहंकार पर विजय का पाठ पढ़ाता है
02:24एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, जब महाभारत के लेखन की आवशकता आई, तो व्यासमुनी ने गणेश से लेखन हेतु सहयोग मांगा
02:33गणेश ने शर्ट रखी कि वे तभी लिखेंगे जब व्यास बिना विराम के बोलते जाए
02:39व्यास ने कहा कि गणेश तभी विराम करें जब अर्थ पूरा समझ में आए
02:44इस समझोते से महाभारत का लेखन सयम, बुध्धी और पारसपरिक सम्मान के साथ हुआ, यह सहयोग भावना का सुन्दर उदाहरण है
02:53एक और लोकप्रिय कथा में देवताओं ने निर्नए लिया कि जो पहले तीनों लोकों की परिक्रमा करेगा, वही प्रथम पूझे कहलाएगा
03:02कार्तिके तुरंत मोर पर सवार होकर निकल पड़ा, पर गणेश ने प्रेम और विवेक दिखाते हुए माता-पिता की प्रदक्षना कर दी और कहा कि मेरे लिए माता-पिता ही तीनों लोक है
03:14इस चतुर और भावनात्मक निर्नय ने गणेश को प्रथम पूझे का दर्जा दिलाया, बुद्धी और सम्मान का सुंदर समन वै
03:22लोक कथाओं में गणेश का बालस्वरूप विनोधी और प्रिय दिखाई देता है
03:28मोदक, लड़ू और अन्य मिठायां उनके प्रिय भोग है
03:33परंतु यह केवल स्वाद का प्रश्न नहीं, बलकि जीवन में संतोश और सलता का संकेथ है
03:39पारिवारिक और सामुदाइक स्तर पर मोदक बनाना, बांटना और प्रसाद करना एक गहरा सामाजिक बंदन बनाता है
03:47गणेश चतुर्थी के सार्वजनिक रूप को आधुनिक इतिहास में लोकमान्य तिलक ने संजीवनी दी
03:54उन्नीसवी शताबदी के उत्तरार्थ में तिलक ने सार्वजनिक उत्सव के रूप में गणेश चतुर्थी को बढ़ावा दिया ताकि लोग एक साथ मिलकर सांस्कृतिक राष्ट्रिये जागरूपता का अनुभव कर सके
04:06तब से पंडाल और सामुहिक आयोजन इस पर्व के मुख्य पहलू बन गए जहागला, नाटक, संगीत और सामाजिक संदेश एक साथ सामने आते हैं
04:17महाराष्ट्र में पंडाल संस्कृती और बड़े-बड़े विसर्जन प्रसिद्ध हैं
04:22पुने के दगडुशेथ हलवाई और मुंबई के सिद्धिविनायक जैसे मंदिर न केवल धार्मिक केंद्र हैं, बलकि सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर भी हैं
04:33तमिलनाडू में छोटे-छोटे गणपती और पारिवारिक विधी खास होती है
04:37गोवा में मिट्टी की मूर्तिया और पारंपरिक रंगों का प्रयोग प्रमुक है
04:42करनाटक और आंद्र में स्थानिय व्यंजन और नृत्य का समावेश होता है
04:48हर च्षेत्र में गणेश की उपासना स्थानिय कला और रीतियों से जुड़कर संपूर्ण भारतियता का प्रदर्शन करती है
04:55यदि आप घर पर गणेश स्थापना कर रहे हैं तो निम्न आसान पर पारंपरिक विधी अपना सकते हैं
05:03एक आस्थान का चयन उत्तरपूर्व कोने में या सुशील स्वच्च स्थान चुने
05:09दो मूर्थी का चयन मिट्टी या बायोडिग्रेडबल मूर्थी को प्रात्मिकता दे
05:15तीन स्थापना, हल्दी कुमकुम, अक्षत, फूल और दूर्वा
05:20मूर्थी पर हल्का अभिशेक करे
05:23चार मंत्रजप, गंगनपत्य नमह का ग्यारह 21.108 बार जप आरंबिक शुद्धी के लिए करे
05:31वक्रतुंड महा काय
05:33का पाट आरंब में करे
05:36पांच भोग और प्रसाद, मोदक, नारियल, फल, दुद दही
05:42छे आर्ती और कथा, प्रतिदिन आर्ती और कथा भजन का आयोजन करे
05:47दस दिनों तक भक्ती का महाल बनाए रखे
05:50मोडक का पारंपरिक भराव गुड और नारियल का मिश्रण होता है
05:55आटे से बने प्यारे पून में यह भराव रखकर भाप में पकाया जाता है
06:01या तलकर बनाया जाता है
06:03भक्ती प्रसाद के रूप में मोडक का महत्व बहुत प्राचीन है
06:07विसरजन सिर्फ मूर्ती का पानी में जाना नहीं
06:12यह समरपन का प्रतीक है जो आशीरवाद और मूल्य मिले उन्हें जीवन में उतारना और उन्हें जारी रखना
06:18आज के समय में पर्यावरण की जिम्मेदारी साथ लेकर चलनी चाहिए
06:23मिट्टी की मूर्तिया, प्राकृतिक रंग और नियंत्रित विसरजन सर्वोत्तम कदम है
06:28कई समितिया आज बायो डिग्रेडिबल मूर्तियों और बायो रंगों का उप्योग बढ़ा रही है
06:35यह भविष्य के लिए जरूरी परिवर्तन है
06:37गणेश चतुर्थी के दोरान कलाकारों को मंच मिलते हैं
06:42लोक नृत्य, रंग मंच, संगीत और चित्रकला को प्रोटसाहन मिलता है
06:47पंडाल एक सांस्कृतिक हब बन जाते हैं जहां युवा प्रतिभा निखरती है
06:53साथ ही कारिग्रों को आर्थिक सहयोग भी मिलता है
06:57यह त्योहर स्थानिय कुटीर उद्योगों को पहचान और रोजगार देने वाला अफसर है
07:03अनेक पंडालों में इस पर्व के दोरान रक्तदान शिविर, नी, शुल्क चिकित्सा शिविर और शिक्षा संबंदी कारेक्रम आयोजित होते हैं
07:14यह धार्मिक उत्सवों को सामाजिक उत्तरदायत्व से जोडता है और समुदाय में सहयोग की भावना जगाता है
07:20यदि आप पंडाल चला रहे हैं, तो स्थानिय एंजियो और स्वयनसेवी समुखों से मिलकर छोटे-छोटे सामाजिक कारेक्रम आयोजित करें
07:30आज युवा पंडाल नेत्रित्व में आगे आ रहे हैं, वे इकुमूर्थिया बनवाते हैं, सोशल मीडिया के जरिये जागरूकता फैलाते हैं और लाइवस्ट्रीम के माध्यम से वैश्विक दर्शक जोडते हैं
07:43डिजिटल प्लेटफॉर्म पर गणेश चतुर्थी का कवरेज, शोट्स और डॉक्यू फुटेज दर्शकों को जोड़ने का अच्छा तरीका है, पर साथ में पर्यावरन संदेश और सांस्कृतिक जानकारी भी साजा करें
07:56यह त्योहार व्यक्तिगत प्रेरना की अनेक कहानिया देता है, उद्यमियों और कलाकारों की वे कथाएं जिनमें गणेश की भक्ती ने मुश्किलों से निकाल कर सफलता दिलाई
08:07एक छोटे से गाव में मिट्टी की मूर्ती बना कर युवाओं ने खुद्रा बाजार खोला और आज वहकला पर्यटन का केंद्र बन गया, यही गणेश का वास्तविक संदेश है, साहस, बुद्धी और समर्पन
08:20दोस्तों, गणेश चतुर्ती का सार है, आरंभ की पवित्रता, बुद्धी की शक्ती और समाज की एक्ता
08:28इस पर्व को मनाते समय हम पर्यावरन, संस्कृती और सामाजिक दायत्व का भी ध्यान रखे
08:35हर काम की शुरुवात, गंगनपत्य नमः कहकर करें और विगनों का सामना धैर्य और विवेक के साथ करें
08:43अगर इस विडियो ने आपके जीवन में कुछ मूल्य जोड़ा हो या आपको अच्छा लगा हो तो हमारे साथ जुड़े रहिए
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