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  • 2 days ago

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00:00और आपको तो पत्ता है कि हम नौ दीवियां है
00:16राजकुमारी आप चाहो तो हम से कुछ मांग लो
00:20हम तुमारी मांग अवश्या पूरी करेगे
00:30आप अपने नौ रूपों में हमारे कक्ष में आई
00:37और मैं अज्यानी आपको पहचार नहीं पाई
00:42मुझसे घोर अपराद हुआ है मां
00:45घोर अपराद और इस अपराद का दंद मुझे मिलना ही चाहिए
00:50मां जब तक मुझे आपके दर्शन नहीं होंगे
00:57मैं भोजन नहीं करूँगी
00:59चाहे मुझे मेरे प्राण क्यों न त्यागना पड़े
01:03तुमने अपना नवरादरी का व्रत पूर्ण किया
01:15नवरादरी क्या है
01:18जो दिखता है वो सद है
01:21जो नहीं दिखता वो रातरी है
01:24मोह माया के चक्रव्यू की रचना करने वाली आप ही है
01:29और आप ही ने मुझे विश्वास दिला
01:31कैसी है राजकुमारी
01:44सुन्दर है
01:45तो क्या बोलते हूँ
01:49विवा कर लो राजकुमारी सुन्दुकी से
01:51तुम्हारा मतलब मैं ये फूल राजकुमारी सुन्दुकी को दूँ
02:09लेकिन पवन राजकुमारी तो विजदुर्ग में है ना
02:13तुम्हारा मतलब हमें इसी शट विजदुर्ग के लिए रवाना होना पड़ेगा
02:17पवन मेरे दोस्त ऐसा करना हमेश होबा नहीं देता
02:23यदि हमने ऐसा किया तो सब कहेंगे कि तुम्हारा दोस्त सूरत पागल हो गया
02:28तुम्हें अच्छा लगेगा
02:30तुम्हें पता है मा और पिताजी राजकुमारी सुमुकी का हाथ मांगने विजदुर्ग जा रहे है
02:35और उन्होंने महाराज गरूर धवच को संदेशा भी भेज़ दिया है
02:39जट मंगनी पत बया
02:41प्रेम
02:44सुना महाराणी कालंदी
02:47तुम्हारे इस प्यारे सिद्यवर को विजदुर्ग की राजकुमारी के साथ प्रेम हो गया है
02:57और प्रेम भी ऐसा कि धूम्रकेतु का केवल तन यहां है
03:01अपना मन तो यह सुमुखी के पास छोड़कर आया है
03:12अच्छा है
03:15अच्छा है यह दानव और मानव का प्रेम
03:20यह प्रेम
03:22हमें प्रित्वी लोग का अथपती बनाएगा
03:26शक्ति-शाली मानव राजा का संबंधी बनने के पस्चात
03:30अन्य राजाओं का समर्थन मिलना सभाविक है
03:35और इसके साथ होगा तानव राज का विस्तार
03:41तुम के तु
03:44आओ
03:45अभी हम अपने दूद को भेजकर विजेदुर के राजा
03:49तुम्हारे विवाक का संदेश लेकर बेशते आए
03:56प्रजमुष्टी आग्या कोला नरे तुम दानमों का दूद बनकर विजेदुर्ग जाओगे
04:03और वहां महराजा गरुण द्वज से हमारे छोटे भाई धूम्र केतु के लिए उनकी सुपुत्री सुमुखी का हाथ मांगोगे
04:17कोला नरेश महराज गरुण द्वज इस समय विजेदुर्ग में नहीं हैं
04:25वो अपने पूरे परिवार के साथ विश्राम के लिए विश्राम कर दें हैं
04:33हमारे गुप्चर तो हमसे चार कदम आगे हैं
04:41यहां पर आपर तुम्हें सब कुछ भूल गई हो युवराज सुरत को भी
05:06राजकुमारी देखें दूट आया है
05:11है
05:18अन्युवराज सुरत का संदेश से नहीं आया
05:25और तुम्हें आपर तुम्हें
05:30आपर तुम्हें
05:34यहां टुम्हें
05:40राजकुमारी सुमुखी को चंदरनगरी के राजकुमार सूरत का प्रिणाथ
06:00जिस दिन से मेरे माता पिता ने हम दोनों का विवा निश्चित किया है
06:06मेरे मन पर बिचितर सी चंचलता चाही हुई है
06:10हमेशा आपके चितर को देखता रहता हूँ उसी से बाते करता रहता हूँ
06:25आपके दर्शन कब होंगे देवी
06:27देखो देखो देवी और देवी का भग्ष दोनों एक दुस्ट्रे से मिलने के लिए किसने बेश है
06:38मिलनी को
06:43मिलनी को तरसते हैं
07:11कोई उन्हें ले आए वहां जाके हो कोई उन्हें ले आए इस मन में जो बसते हैं
07:35कोई उन्हें ले आए इस मन में जो बसते हैं
07:45पावादी
07:54उन्हें पावादी पावादी के चूब अपाड़ रहे हैं हैं यहां विश्राम करने आएं आप में विश्राम गटरू इसक्राइब नहीं नहीं करतों
08:02कि एक्ञिन जाए नितिया फटर्स कुट कि मृट हूँज क्यां सुम्हां विश्यों करने आये हैं जो Amco झालाइट कि पारा चूंप मेर्क गया दानवराज काल के तो
08:29काल के तु कॉला सुर अजी उसी में विश्राम गड़ पर अक्रमन किया है
08:36किका विश्रıs का कि ये खिर अजी खिर करने विश्राम आक्रमन कि कु箱י औरी सीर्ण
08:57का विश्राम
09:00हाज प्राम
09:02मुर्खों क्या इतना भी नहीं समझते कि काल केतु ने अपनी सेना महाराज गरुड़ द्वज की सेना का नाम निशान मिटाने के लिए बेजी होगी
09:22अब तुर्चे बनेगा राजा काव आया है समय हां मामा जी अब तुम्हें आ गया है
09:34तुर्चे बनेगा राजा महराज दानव राज काल केतु का दूत आपसे मिलना चाहता है
09:49महराज गरुड़ द्वज को कोला नरेश दानव राज काल केतु के दूत बच्रमुष्ठी का प्रडाम
09:59मैं दानव राज काल केतु का संदेश आपके लिए लेकर आया हूँ
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