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  • 3 months ago

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00:00दानव राज काल केतु के छोटे भाई सेनापती धुम्र केतु ने ये निर्णाय लिया है
00:24वो विजय दुर्ग की राजकमारी सुमुकी से विवाह कर रहे है
00:30अपने इंडीडर लेने वालों से जाकर कहतो
00:33महराज गरुणगाच दानव राजकाल केतु ये अपमान सहन नहीं कर सकेंगे
00:43तो एक बार फिर फिर
00:44पार्णाय बार्णाय इंड है
00:51लिए
00:53लिए
00:55जो हो रहा है
01:23अच्छा हो रहा हाँ और जो होगा वो भी अच्छा होगा मामा जी आपको कुछ करने की आवे शक्ता नहीं है मामा जी रात्ते का काटा अपने आप निकाल कर फेक दिया जाएगा
01:40क्यूंकि महाराजा गरुट ध्वज गुला नरेश का मुकाबला नहीं कर सकते
01:46आप ही विजदुर्ग के राजा बनेंगे महाराज दुर्ज है
02:01हाँ हाँ और हम दोनों आपके दाय मंत्री और बाय मंत्री
02:11मनुष्य अपनी महत्व कांग्शा के आधीन होकर समस्त विश्व पर अपना अधिपत्य सापित करना चाहता है
02:26किन्तु वो ये नहीं जानता कि जो वो चाहता है वो नहीं होता
02:32जो मैं चाहती हूँ वही होता है
02:36यदि कोई दुष्ट अपना अनुशासन स्थापित करना चाहे
02:40या कोई कुटल बुध्धी अपनी दूरंगी नीतियों से दूसरों का राज अपनाना चाहे
02:48तो ये सब स्रिष्टी के नियमों के अनुसार ही होगा
02:52पूर्व जन्यों के पुन्यों का फल दुष्ट और कुटल बुध्धी को इस जन्यों में प्राप्त होता है
03:00ये क्या कर रहे हो धूमर के तू छोड़ो उसे वो दूथ है
03:13मैं इनकार्ट सहन नहीं कर सकता प्राता श्री
03:26मना तुम्हें गरोड धर्ज ने किया था
03:28वजर मुष्टिने नहीं वो थो हमारा दूद बन कर गया था
03:33करुण ध्वज का साहस तो देखो क्या क्या कहा उन्होंने धर्म अधर्म का मेल नहीं होता
03:41अपने आपको सदाचारी और हमें हमें अनाचारी कहा इस दुसाहस का दंड उने मिलेगा अवश्य मिलेगा मैं बल्पुर्वक सुमुखी को उठा कर लाऊंगा और बल्पुर्वक उसे विवा करूंगा
03:55अशिर्वाद दीजे भाव श्री जई हो कर लो तो
04:02कर अपनाचारी, हैंगा मिलेगा neσιर्नाो आपनेवे यार्णारी यrif मतंकर भाव नियुखी झालनों
04:16विवे भेलेखने ब्यार्maनी से समयेखु�ktionा कॉ!!
04:21यह संसार
04:50एक चक्रव्यू ही है
04:52जन और मरन
04:56एक चक्र है
04:58जो शरीर रुपी व्यू में चलता रहता है
05:03इस चक्रव्यू में रहकर
05:06जब मानव को सुख के साधन प्राप्थ होते हैं
05:11तो वो खुश हो जाता है
05:13उसे लगता है
05:14उसका जीवन सफल हो गया
05:18किन्तु जब उसे दुख प्राप्थ होता है
05:24तो वो उसे छुटकारा पाने के लिए निरंतर तड़पता रहता है
05:31लेकिन इस चक्रव्यू को तोड़ना इतना आसान नहीं है
05:36इसके लिए त्याग करना पड़ता है
05:41जब वो विकारों की आधींता से छुटकारा पा लेता है
05:45तो सुख और दुख इसमें अंतर अनुभव नहीं कर पाता
05:51तुम्हारा विवा युगराज सुरत से ही होगा सुमुखी
05:56कि युदा सुमुखी को दो चार दिनों के लिए ऐसी जगा भेज दी जाए जहां पे इसका मन प्रसंद नहीं
06:03मुदा सिर्टा दिनो है
06:09प्रसंद प्रसंद नहीं
06:22कि लिए सुमुखी को भेचाओond
06:28झाल प्यांग है
06:58बहुत हो गया तुमारा नातक, अब आओ मेरे बहन में
07:15दोई बता, छोड़ा
07:19इस दानव से मेरे रक्षा कीजिए
07:26आओ आओ आओ बता, आओ आओ नाओ आओ बता, ओुमारा वाव दोगे हो रिक्षा कीजिए
07:38इहाइ आओ।
07:48इया आओ
07:49इहाइ
07:50इयाइ
07:50इयाइ
07:51व यहाइ
07:53अदेए
07:54आओ, आओ।
07:55हाँ
07:56हाँ
07:59टो
08:00लग
08:01जो
08:02उह
08:04
08:06अजग
08:07अँग
08:08अजग
08:09Hay
08:09उप
08:10तक
08:11अजब
08:11अजब
08:13अजब
08:15हाहा
08:16अजग
08:18उप
08:18अजग
08:21अजब
08:21इन
08:22अजब
08:22अजब
08:23कि अच्छा एंचर विंग झाल एंट
08:31वाल
08:34कि अप्रा एंचर एंचरती है
08:37ही पित प्राइब एंचरती एंचरत्व
08:42याल
08:44याल
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