07:53जै विष्पधारी जै विष्पधारी जै गदम्वे जै दुर्गा जै दुर्गा जै माता जै माता
08:23अई मा सुमुखी तुम मांते क्यों नहीं हो नहीं कहूंगी मैं सुमुखी तुम्य कहाना इहीं होगा जब तक मात दुर्गा कहाना नहीं
08:45तब तक मैं भी नहीं खाऊंगी कहती है कि दुर्गा मा की खाना खाने के पश्चाथी का मेरा ही दोश है मैं ही उसे दुर्गा मा की महिमा के बारे में बताती रहती हूं ना
08:55कि तुम्हें पता है ना तुम्हारे खाना खाने के बादी मैं भोजन कर खाना खालो ना मेरी मा नहीं खाऊगी ठीक है पुत्री सुमुखी
09:12मा प्रेण नाम
09:26मा
09:39मैं अपने भक्तों का सदेव थ्यान रखती हो पुत्री
09:46मा तुम मुझे इसी तरह प्यार करती रहूँ
10:07जिसका हृदय करुणा के कारण सदा आर्दर रहता है
10:15अर्थात अपने भक्त के जरा सेवी दुख से जिसका हृदय मक्खन की भाती पिगल जाए
10:22और जिसका धे यही हो कि सब का उपकार करने को हर ख्शन तयार रहे
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