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00:00तरकी लाहूर के गरीब मगर ताली में अबता गराने से तालूक रखती थी
00:04वो अपने वालिद के वाहिद बेटी थी और इनके लिए पखर का बाइस भी
00:09अपनी जिन्दगी को बेहतर बनाने के खौब लिए वो एक मल्टिनीशनल कंपनी में जाब करती थी
00:15और वही इसके मुलाकात शहरियार से हुई
00:19एक संजीद मिजाज नरम गोव शरीब मुझवान जो का अपनी की सियो का बेटा था
00:24मगर गरूर से कुसुत दूर दोरों के पहले गुपतगो एक प्राजेक्ट मीटिंग के दवरान हुई
00:31जहा रीहा ने अपनी एतिमाद से शिहरियार को मतासर कर लिया
00:35वत की साथ-साथ वो एक दूसी से करीब आते गए
00:38शिहरियार को रिहा के खुद्दारी, महजब रभीया और उसूले से महबत हो गई
00:43जब करीहा शेहर की साथगी इज़त देने के अंदाज और नर्मी से दिल हार बेटी
00:49दोनों ने एक जुसी से खामुश वादे किये बिना अलफास के बिना किसी रस्मी ज़ार के
00:54मगर जब शेहर रियार ने रेहा के लिए रिष्टा वेजा तब कहानी का नियार रुख लिया
00:59शेहर के वालदा से एक सख़गी रवाय थे और जो बराबरी के रिष्टे में यकीन रखती थी
01:05रियार के खानदानी पस मनजर को लेकर सख़गी नाला हुई और इससे अपने बेटे के लाइक ना समझा
01:11शेहर यार ने मुजाहिमत की बहस की लेकिन मा की आसू और बाप की दबाव ने उसे एक मुश्किल दौरा हे पर लाकड़ा किया
01:20रियार जो इस जजबात से ज़्यादा इज़ती नफस पर एकेन रिखती थी ये सब जान कर पीछे हट गी इसने नवकरी चूल दी नंबर बन कर दिया और खामोशी से अपने जिन्दगी को निया रुख दिया
01:32शेहर जिसके लिए सब कोना असान ना था दिल में तड़प लिए बिरूनी मुल्ट चला गिया
01:37तीन साल बाद एक बिजनेस कानफरंस के दौरान दूबारा इनकी मुलाकात हुई
01:43रेहान अब अपनी कंपनी के मालिक बन चुकी थी और शेहर उसके सामी में बैटा था
01:50परहेरत पखर और पच्टावे के साथ कानफरंस की अख्तिताम पर सब लोग मुबारक बात दे रहे थे
01:56शेहर यार चुप चाप रहा के करीब आया और बसीतना का तुम वो मुकाम हो जिस तक पहुँचने के लिए मुझे अपनी अना का सपर करना पड़ा रहा
02:05क्यांकों में नमी और चेहरे पर मुझे पर मुझे रहा थी जब बरसों की तक अनफ उतर गए हो
02:10और यहो वो मुझे जो वक्त मुखालिप दर पासलों में चुप गी थी फिर से जिनला हो गई इस बार मजबूत मुकमल और बेखाव
02:18ग्रामसल की हवाले से अपने राय की सहा लाजमी केमन करें साथ में हमारे यूटूब का चेनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए थैंस पर वाचिंग अला हाफिज
02:26हेलो वीवर्ज रेहा एक फुलकशच जहीन और खुदा लड़की लाहोर के गरीब मगर ताली में अपता गराने से तालुक रखती थी
02:34वो अपने वालد के वाहिद बेटी थी और इनके लिए पखर का बाएज भी अपनी जिन्दे लिएक रखती है
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