कौन थी वह महिला जिसके आगे यमराज तक झुक गए जाने इस कहानी में। चौंकाने वाली सच्ची कथा।
(Description)
"क्या एक पत्नी अपने प्रेम और भक्ति से मृत्यु के देवता यमराज को भी हरा सकती है? जानिए उस महान स्त्री, सावित्री की अद्भुत कथा, जिसने अपने अटूट संकल्प और निष्ठा से अपने पति सत्यवान को यमराज के पास से वापस ले लिया। यह कहानी नारी शक्ति, प्रेम और दृढ़ निश्चय का प्रतीक है। पूरी कहानी सुनने के लिए वीडियो को अंत तक देखें और सनातन धर्म की इस प्रेरणादायक गाथा से जुड़ें!
⚠️ अस्वीकरण (Disclaimer): "यह कहानी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। 'Mannu Ka Sanatan Gyaan' इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है। यह वीडियो केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई है। कृपया इसे धार्मिक और ऐतिहासिक संदर्भ में देखें।"
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00:00पुराने समय की बात है राजा असुपति की पुत्री सावित्री अत्यंत रूप वती बुत्तिमान और धर्म प्रायन थी विवा के योग्या होने पर उसे सत्यवान नामक राजकुमार को पत्री के रूप में चुना जो वन में रहकर अपने अंदे मादापिता की सेवा करता �
00:30एक दिन जब सत्यवान लकडिया काट रहा था तभी उसे तेज सिर्दर्द हुआ और वह बुमी बर किर्व पड़ा उसी समय यमराज उसके प्रान हरने आई सावित्री ने उन्हें रोक कर प्रातना की ये यमराज मेरे पती को जीवन ताम दे यमराज ने उतर दिया यह सं�
01:00प्रभावित होकर यमराज ने तीन वर्दान मांगने को कहा प्रंदुपती के जीवन का वर्दान मांगने को मना कर दिया सावित्री ने पहले वर्दान में अपने ससुर को नित्र चोती और राचे वापस मांगा दूसरे में अपने पिता को सो पुत्रों का अश्रवाद औ
01:30और अन्तितर सत्यवान को जीवन दान दे कर चले गई। इस प्रकार सावेत्री की अडिक भक्ती, प्रेम और सतुराई ने उसके पती को मिर्ट्यू के मुख से वापस ला दिया। नारे की निश्टा और संकल्प से असंभव भी संभव हो सकता है।