00:00अब कहानी अपने सबसे भावनात्मक और निर्नायक मोड पर है।
00:04त्रई को एक चमतकारी अस्तर मिला है मगर उसे चलाने की कीमत है।
00:07एक आत्मा का सदा के लिए अंत अब होगा अंतिम बलिदान।
00:11अब तय होगा कौन मिटेगा ताकि शेश बचे जगत साया।
00:15एक रहसे की परचाई, एपिसोड 20, अंतिम बलिदान, कालविनाश, अब अपने अंतिम रूप में सामने है एक विशाल, बिजली से भरा हुआ देथ, जिसकी आँखों में त्रई का हर पाप नाच रहा है।
00:25तुम मुझे नहीं मिटा सकते, क्योंकि मैं तुम ही हूँ, उसकी आवाज गुझती है। त्रिकाल दीप अब भी बुजा है, और उसे जलाने के लिए चाहिए किसी एक का अंतिम समर्पन।
00:55अनेक आत्माओं को बांद दिया, अब मैं खुद वो बलेदान बनूँगी। तीनो जगरते ने, एक दूसरे की आँखों में जहांकते हैं। और फिर हाथ पकड़ लेते हैं। त्रई एक साथ, अगर हमने मिलकर गलती की थी, तो अब मिलकर ही उसे सुधारेंगे। तीनो �
01:25अब दीब जल उटता है, उसकी लौ सीधी कालविनाश के हृदय में प्रवेश करती है। और जैसे जैसे लौ बढ़ती है, वैसे वैसे कालविनाश का शरीर चटकने लगता है। वो तीनों की गलती थी, मगर अब तीनों का समरपन उस गलती को प्रकाश में बदल रहा है।
01:55तीन दिशाओं में जलते हैं। एक वृद्ध दिखता है, जो वर्तमान की आत्मा है, वो कहता है, त्रई अब हमारे बीच नहीं रही, मगर उनका बलिदान हर यूग में प्रकाश देगा।
Be the first to comment