25:46संकर जी कहलें जा ना डमरू लेवा ना लिंग पुझवाई बाब ए धरती पर थीर तु संकर भगवान ना कहाई बाब
25:55हमरे नाम संकर हम खबरदार जब फिर गिर गिर आये लगल तिरी सूल से मरलन पेट में एक ठे लड़ी का पैदा भाई आए एक ठे लड़ी का पैदा भाई वही समय का भावबा
26:05अरे जंके लागल रावन के भाईली घामारी हलतिया भाईया
26:15के वन जुगुतिया भोला दे बहो लगा
26:22हाथ री सुल से संकर भारे रावन के पेटवा भाईया
26:32पेटवा से सुल्दन लाल न प्रोड़े जार
26:40वो लड़ी का गणाम का पड़ाल अंतिम करी में कभी निखलन
26:46कि रावन सुनिके भेजे स्विव बताल नगरीब
26:51अरे वही लड़ी का के नाम मही रावन परी
27:00की रावन बोला संकर से तरिशोल्दीजे अभिनासी
27:19संकर बोले त्रिसूल उपर बसी नगरी आकासी बात रावन नामाने त्रिसूल मिकाले जाके वही घरी अरे कासी करवट गई घबराए देवता गाणा सागरी
27:34आकाल जे त्रिसूल दा संकर जी कालन त्रिसूल पर कासी नगर बसी है नामानल थोड़ा सालेले बाकासी करवट गई देवता लोग घबराए लगल
27:57तो ये रहा रावन का यहांकार अंति मलाइन बाद की गुर जे दू गुर देवु काते रावन पन गय लंपट इरदै नरायन मुख ललल कई गई कासी करे के करवट गमंडी का घमंडी टुट गया
28:14कभी भोला बाला परदया करे नरा चल्डी गमंडी का घमंडी टुट गया
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