आप हर रोज सुनते हैं कि AI नौकरियां खा रहा है. AI की वजह से लोग नौकरियों से निकाले जा रहे हैं... लेकिन नए शोधों से जो बात सामने आ रही है वो डराने वाली है. अलग-अलग अध्ययनों के मुताबिक, AI पानी का भी दुश्मन है. ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विस फर्म मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2028 तक AI डेटा सेंटर्स के पानी की खपत सलाना 1 हजार 68 बिलियन लीटर तक पहुंच सकती है, जो 2024 के मुकाबले 11 गुना ज्यादा है.यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के हवाले से डाऊन टू अर्थ ने जो रिपोर्ट दी है, वो हैरान करने वाली है. कैलिकोर्निया यूनिवर्सिटी के मुताबिक, 100 शब्द का सिंपल ईमेल जेनरेट करने के लिए AI चैटबॉट का कूलिंग सिस्टम आधा से तीन बोतल (200ml से 1500 ml) तक पानी कंजूम करता है. दरअसल, डेटा सेंटर को ठंडा करने के लिए पानी की जरुरत पड़ती है और उसमें इस्तेमाल किया गया 80 फीसदी से ज्यादा पानी भाप बनकर उड़ जाता है. संकट कितना गंभीर है और इस समस्या का समाधान क्या है? आज के ईटीवी एक्सप्लेनर में उसे समझने की कोशिश करते हैं.
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