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  • 14 minutes ago
हिंदी फिल्मों का एक चमकता सितारा आज हमेशा के लिए चला गया. हमारे अपने  ही-मैन  धर्मेंद्र 89 साल की उम्र में मुंबई में उनका निधन हो गया. ये खबर जैसे ही आई, पूरी फिल्म इंडस्ट्री और उनके लाखों चाहने वालों के दिल भर आए.  बॉलीवुड के बड़े-बड़े चेहरे उन्हें अलविदा कहने पहुंचे. पत्नी हेमा मालिनी, बेटी ईशा देओल और उनके पुराने साथी अमिताभ बच्चन भी बेटे अभिषेक के साथ अंतिम यात्रा में शामिल हुए. अमिताभ ने सोशल मीडिया पर लिखा-धर्मेंद्र जी ने अपनी जिंदगी के हर दशक में लोगों के दिलों को छुआ. उनका जाना एक ऐसी कमी है, जो कभी पूरी नहीं होगी.उनका व्यक्तित्व, उनकी मुस्कान, उनका दमदार अंदाज. इन सबने उन्हें लाखों दिलों का हीरो बना दिया. रोमांस हो, कॉमेडी हो, ड्रामा या फिर एक्शन. हर तरह के किरदार में उन्होंने ऐसा रंग भरा कि दर्शक बरसों तक भूल न पाए. करीब साठ साल तक वे भारतीय सिनेमा की धड़कन बने रहे.शोले का वीरू, वो तो आज भी हर किसी की जुबान पर है. टंकी पर चढ़कर किया गया उनका मशहूर सीन हिंदी सिनेमा की यादों में हमेशा जिंदा रहेगा.धर्मेंद्र ने अपने शानदार सफर में 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. साल 2012 में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.  बढ़ती उम्र के बावजूद उन्होंने कैमरा छोड़ना मंजूर नहीं किया. लेकिन कुछ दिन पहले तबियत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. हालत सुधरी तो घर लौट आए थे. पर सोमवार को उन्होंने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया.धर्मेंद्र ऐसे कलाकार थे जिनकी मौजूदगी सिर्फ पर्दे तक सीमित नहीं थी. वो लोगों की यादों,  मुस्कानों और दिलों का हिस्सा थे. आज वे नहीं हैं लेकिन उनकी आवाज, उनके डायलॉग और उनकी फिल्में हमें हमेशा ये एहसास कराती रहेंगी कि असली हीरो कभी जाते नहीं, बस अपनी कहानियों में अमर हो जाते हैं.

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00:00Hindi filmo ka eek chmaktta si tara
00:02aaj haemishah ke liye chala gaya
00:05haemare apne he man
00:09Dharmind
00:1089 seal ke umr meh mumbai me onka nidhan ho gaya
00:14eek khabar jaysayse hi ayi
00:16puri film industry
00:18aur unke laakho chahane valo ke dil bharay
00:20Bollywood ke bade bade cahre
00:24unhye alvida kehane pehunche
00:26patni hai mamalini
00:27बेटी ईशा देओल और उनके पुराने साथी अमिताब बच्चन भी बेटे अविशिक के साथ अंतिम यात्रा में शामिल हुए
00:34अविताब ने सोशल मीडिया पर लिखा धरमेंद्र जी ने अपनी जिन्दगी में हर दशक में लोगों के दिलों को छुआ
00:41उनका जाना एक ऐसी कमी है जो कभी पूरी नहीं होगी
00:451935 में पंजाब की मिट्टी मिजन में धरमेंद्र का असली नाम था धरम सिंग देओल
00:52साल 1960 में फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे से उन्होंने बड़े परदे पर पहला कदम रखा
01:00और इसके बाद तुमानो जैसे इंडस्ट्री को एक ऐसा हीरो मिल गया जिसे लोग देखने को तरस्ते थे
01:05उनका व्यक्तित्व, उनकी मुस्कान, उनका दमदार अंदाज
01:14इन सब ने उन्हें लाखों दिलों का हीरो बना दिया
01:18रोमान्स हो, कॉमेडी हो, ड्रामा हो या फिर एक्शन
01:21हर तरह के किरदार में उन्होंने ऐसा रंग बरा के दर्शक बरसों तक भूल नहीं पाए
01:26करीब साथ साल तक वो भारती सिनेमा की धरकन बने रहे
01:30आई मिलन की बेला, आए दिन बहार के, फूल और पत्थर से लेकर
01:39शोले, सीता और गीता, चुपके चुपके, जुगनू, प्रतिग्या, धरमवीर जैसी फिल्मों ने
01:45उन्हें एक ऐसा सितारा बना दिया, जो पीडियां बदलने के बाद भी याद रहेगा
01:50और शोले का वीरू, वो तो आज भी हर किसी की जुबान पर है, टंकी पर चड़कर किया गया उनका मशूर सीन, हिंदी सिनेमा की यादों में हमेशा जिन्दा रहेगा
02:04दर्मिंद्र ने अपने शांदार सफर में 300 से ज़्यादा फिल्मों में काम किया, साल 2012 में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मे विभुशन से सम्मानित किया गया
02:17बढ़ती उम्र के बावजूद उन्होंने कैमरा छोड़ना मन्जूर नहीं किया, लेकिन कुजदें पहले तबियत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भरती कराना पड़ा
02:29हालत सुधरी तो घर लौट आये थे, पर सोमार को उन्होंने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया
02:39धर्मेंद्र ऐसे कलाकार थे, जिनकी मौजूदगी सिर्फ परदेर तक सीमित नहीं थी, वो लोगों की यादों, मुसकानों और दिलों का हिस्सा थे
02:47आज वे नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज, उनके डायलोग और उनकी फिल्में हमें हमेशा ये एसास कराती रहेंगी कि असली हिरो कभी नहीं जाते
02:57बस अपने कहानियों में अमर हो जाते हैं
03:01Bureau Report, ETV भारत
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