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ये वीडियो श्रीमद्भगवद्गीता - 25th नवंबर, 2025 (लाइव सत्र) से लिया गया है।
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Transcript
00:00घर परिवार में कोई ऐसा हो जो बिलकुल नालायक किस्मगा हो फिर भी आप उसके पैर जाके छू जाते हो
00:07मतलब आपको पता है कि वो लायक नहीं है कि आप इज़त करो या पूछी से करो
00:11तो मेरा सवाल यह था इसमें कि उसके कुछ फायदे भी मिल जाते है
00:41जब उसको फॉलो करते हैं उसके फाइदे भी मिल जाते हैं एक जटके में इमानदारी खुल गई सारी है
00:47मैं विसके शब्द इस्तमाल करने ही वाला था कि उसे कुछ फाइदे भी होते हैं
00:52तो मेरा सावल खास ये था कि आत्मग्यान या अत्यात्मिक स्तर पे क्या ये गलत होगा अगर हम उन फाइदों के जलते ही चीज़े कर लें
01:01जिसके पाऊं चू रहे हो उसी पर आश्रित हो कि उसी इसे पैसे ले के संस्था को डोनेशन दो के तो रोज चुआ करो
01:08कर लो जब तक तुम्हें दिखाई दे रहा है कि सचमुच मजबूर ये छूलो पर जितनी बार छूओ उतनी बार खुद से घिनाया भी करो
01:21बारी बदलाओ तकाल नहीं आ जाते ठीक है पर कम से कम हर ऐसा अवसर जरूरी है कि तुम्हें तुम्हारे प्रती घ्रणा से भर दे
01:31और ये बहुत जरूरी होता है अपनी वर्तमान इस्थिति से नफरत करना बहुत जरूरी होता है
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