00:00कभी अपनी तस्वीर देखिये बचपन की, कैसे दिखते थे तुम
00:03तब का अपना भोला चहरा याद है और आज की अपनी चालाकियां देखिये
00:08और आज का अपना उतरा हुआ चहरा देखा है
00:11कभी आज की अपनी तस्वीर को बचपन की अपनी तस्वीर के बगल रख कर देख लेना
00:17फिर समझ जाओगे कि कितना लुटे हो
00:20फिर समझ जाओगे कि क्या खोया है और खोते ही जा रहे हो
00:25तुम्हारी सरलता, तुम्हारी निश्कपटता, तुम्हारा भोलापन, सीधापन, तुम्हारा प्यारापन, वही तो जीवन का अम्रित है ना, और वही खो दिया तुमने, जब तुम बच्चे थे, तुम्हें देखकर कोई कहता रहा होगा, इसमें भगवान दिखता है, और �
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