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00:00मेरे भी थे ओफिस में लोग जिनको ना चाहते हुए भी सर बोलना पड़ता था
00:04बहुत लंबे समय तक नहीं बोला पर जितने समय तक बोला उतने समय तक बोलना भी ऐसा था कि सर भनना जाए
00:09बोलता था सर बोला है पर जितनी बार सर बोला है उतनी बार इधर कुछ डोला है
00:15उसमबर मैंने एक पंक्ति लिखी थी
00:17मैं पैने कर रहा हूँ चुपके से अपने हथियार तुम्हारे ही बीच रहकर
00:21रंग बिरंगा वेश पहन कर हूँ तुम में से एक अभी
00:24मारे ही जैसे कपड़े पहन कर तुम में से हूँ एक अभी बस अभी
00:28सतर्क हूँ मैं खुद को भी नहीं जानने देता रंगों के पीछे क्या है
00:32खुलक तो रोज उठती है कि ये सब छोड़ करके सतर्कता अभी ही जाकर सीधे सीधे भिढ़ी जाऊं
00:39बैल की तरह आप भड़ने की साथ तो बहुत है पर अब छिपाऊं क्या थोड़ा सा डरता हूँ
00:45यही पर जीऊंगा यही पर हसूंगा अपने हथियार खुर्चूंगा जब भी सांस लोंगा या 32 दिखाऊंगा
00:52लेकिन जितनी बार हसरा हूं तुम्हारे साथ समझ लो उतनी बार मैं अपने हथियार पैने कर रहा हूं
00:57या तो तुम मुझे बेनकाब कर दो या फिर अपने चोले में छिपे निरंतर पैने होते खंजरों से मैं खुद ही मारा जाऊंगा
01:04मैं बिल्कुल नहीं चाहूंगा कि आप किसी गलत जगह फालतू जगह जा रहे हो और मुस्कुराते वए प्रवेश कर रहे हो कि यह तो कुछ नहीं माया है
01:12कई लोग होते हैं वो नौकरी कर रहे हैं कहते हैं क्या करें बेहोशी में अब वो करजा ले लिया था करजा खा पी लिया चुकाना तो पड़े गई हाँ ठीक है लेकिन रोज सुबह जब कार्ड्स स्वाइप करो भीतर जहर उठना चाहिए बिल्कुल उठना चाहिए
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