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ये वीडियो संत संरिता, 7th अक्टूबर - 2025 (लाइव सत्र) से लिया गया है।
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Transcript
00:00प्रणा पचार जी, पिछले काफी दिनों से सपने ऐसे होते हैं और परिशान होकर उठता हूँ, सुभब जागता हूँ, तो मुझे इस पर पता हैं
00:09एक बार आख खुल जाती है तो दुनिया दूसरी हो जाती है
00:13चेतना दूसरी हो जाती है अभी सपना वस्था नहीं है
00:16तुम जागरत हो अभी दूसरा संसार है इसमें अपना काम करो न
00:20और फिर जादू होता है जो सपनों को पीछे छोड़ करके
00:28अपना सहज काम करते हैं
00:32उनके साथ पहले तो ये होता है कि उनके सपने सीधे हो जाते हैं
00:38और फिर आगे ये होता है कि उनको सपने आने बहुत कम हो जाते हैं
00:44जो अपने सपनों को जितना महत्तो देगा
00:47वो सपनों का उतना शिकार बनेगा
00:49जो जगने के बाद भी सपनों की जितनी ज्यादा बात करेगा वो पाएगा उसे उतने ज्यादा सपने आ रहे है
00:57सपना वाने अपून कामना
01:01अपूनता कम से कम है तो फिर सपना भी कम से कम है
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