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IndiGo संकट ने पूरे भारतीय एविएशन सिस्टम को हिला दिया है।
एक दिन में 400 से ज़्यादा फ्लाइट्स कैंसिल…
हज़ारों यात्री फँसे…
और सरकार की कड़ी चेतावनी — “किसी भी एयरलाइन को यात्रियों को परेशान करने की इजाज़त नहीं दी जाएगी।”

लेकिन असली सवाल यह है—
ये crisis इतना बड़ा बना कैसे?
IndiGo के “operational issues” की सच्चाई क्या है?
Ground पर यात्रियों की हालत क्यों बिगड़ी?
और जब एक private company किसी sector में 60% तक पहुँच जाए, तो क्या इस तरह की dependency भविष्य में और बड़े खतरे पैदा कर सकती है?

इस explainer में शिवेन्द्र गौड़ आपके लिए लेकर आए हैं—
पूरा घटनाक्रम, कंपनी का दावा, असल हालत, DGCA का action…
और वो बड़ा सवाल जिसे आज भारत को समझना ज़रूरी है:
क्या Privatization के साथ-साथ Competition का संतुलन बनाए रखना सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है?

पूरा वीडियो देखें… और अपनी राय ज़रूर बताएं।

India’s aviation sector witnessed a major disruption as IndiGo faced massive operational issues —
400+ flight cancellations in a single day,
thousands of stranded passengers,
and a strong warning from the Government of India & DGCA.

But what exactly went wrong?
Why did India’s largest airline fail so suddenly?
What are the real challenges passengers faced?
And is this a sign of a deeper structural problem — where one private company holding 60% market share becomes a risk for the entire system?

In this detailed explainer, Shivendra Gaur breaks down:
• What really happened
• What IndiGo claims
• What passengers experienced on ground
• Government & DGCA’s strict action
• And the bigger question:
Does India now need a better balance between privatization and competition?

Watch the full analysis and share your views.


#IndiGoCrisis #IndiGoFlights #DGCA #AviationIndia #FlightCancellation #IndiGoNews #AviationCrisis #ShivendraGaur #OneIndiaHindi #ExplainerVideo

~HT.178~ED.106~GR.122~

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Transcript
00:00पैंगलूर से मुंबई आया है लेकिन हमारा बैग नहीं आया है लेकिन उनका स्टाप और मैनेजमेंट ही इतना गटिया इस कंपनी का कि वहाँ पे 5,000 बैक्स अभी बोल रहे हैं कि वहाँ पे 5,000 बैक्स है
00:15नमस्कार मैं हूँ शिवेन गौड आप देख रहे हैं One India Hindi
00:18आज हम बात करेंगे उस बड़े संकट की जो इंडिया की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिको के आसपास खड़ा हो गया दोस्तों पिछले कुछ दुनों में हवाही बदल गई
00:29फ्लाइश दिले हुई, कैंसेल हुई, हजारों लोग फशे और एयरपोर्ट पर हालात इतने विगड़े कि सरकार को सीधी चिताबदी देनी पड़ी
00:38लेकिन ये कहानी सिर्फ दिले की नहीं है ये कहानी है सिस्टम की एक गहरी प्रॉब्लम है
00:45जो आने वाले समय में सिर्फ एक हवाई आता ही नहीं, कई सेक्टर्स को प्रभावित कर सकते हैं
00:52आज के विशलेशों में मैं आपको च्छे बेहद महत्मू बाते बताने वादा हूँ
00:56पहली, क्या हुआ तूरा घटना करम दिया था
00:59दूसरी, इंडिगो क्या कह रही है और ग्राउंड पर असलियत क्या है
01:04तीसरा, याक्तियों की सबसे बड़ी परिशानियां क्या रही है
01:09डीजिये और सरकार ने क्या कदम उठाए है
01:12जब किसी प्राइवेट कंपनी की हिस्सेदारी किसी सेक्टर में 60 पिर्शत से ज़्यादा पहुँच जाए
01:20तो इसका जोखिम क्या है? मोनोपोली जैसा नहीं हो जाता क्या?
01:24क्या सरकार को प्राइवेटाइजेशन और कंप्रीशन के संतुनल पर दोबारा सोचने की जरूत है? तो चलिए शुरू करते हैं स्टेप बाइसे
01:47दोस्तों इंडिगो क्राइसिस अचानक नहीं हुआ
01:49कुछ दिनों से इंडिगो की फ्लाइट्स लगाता डेले हो रही थी और फिर कैंसिलेशन ने इस्थिती और बिगाड़ थी
01:57कई एरपोर्ट पर हालात हास से निकलने लगे लोग रात भर फस गए
02:01किसी की कनेक्टिंग फ्लाइट छूट गई किसी की इंटरनेशनल यात्रा खराब हो गए और किसी की शादी या इंटेर्वूट के प्लान पिखर गए
02:11इंडिगो ने भजय बताई ओपरेशनल इसूज लेकिन ओपरेशनल इसूज इतना बड़ा कैसे हो गया
02:20फ्लाइट्स कैंसिलेशन का आंकड़ा एक दिन में ही 400 से उपर कैसे चला गया
02:25और पूरे हफ्ते में हजार से भी ज्यादा फ्लाइट्स प्रभावित हो गई और लोग कंपेंसेशन के लिए भटकते क्यों रहें
02:33यही वो सवाल है जिसने पूरे देश का ध्यान खेच लिया इंडिगो का कहना है सब कुछ नॉर्मल हो रहा है
02:41हम रोज लगबग 1800 फ्लाइट्स ऑपरेट कर रहे हैं और ओन टाइम परफॉर्मेंस 90 परसेंट से उपर है लेकिन ग्राउंड पर लोग कुछ और ही अनभव कर रहे हैं लगातार डिलेज, लास्ट मिनट, कैंसलेशन, बैगेज दिलिवरी में आराजकता, अविवस्ता, हड
03:11कुछ से लोग लिटरली फस गए हैं, किसी को पानी भी नहीं मिला, अनॉंस्मेंट नहीं हुए और जो अफडेट्स मिल रही थी, कुछ वाट्सेप पर, कुछ तीसरे व्यक्ति से और कुछ बिलकुल नहीं, एक सवाल जरूरी है, किसी भी सेवा का ऐसा तूटना आम लोगो
03:41देर सही सही, लेकिन अब सरकार की टोन बहुत साफ है, किसी भी एरलाइन को यात्पियों को परिशान करने की अनुमती नहीं दी जाएगी, ये कहना है सरकार का
03:53बीजी से ने आदेज दिया, कि इंडिगो अपने विंटर शेडूल में 5% फ्लाइट्स कट करेगी, जब तक हालात पूरी तरह सामान नहीं हो जाते, ये है एक बहुत बड़ा संदेश है, कि चाहे कंपनी कितनी भी बड़ी क्योना हो, चाहे उसका मार्केट शेयर 60% क्योना
04:23जब किसी प्राइवेट कंपनी का किसी सेक्टर में हिस्सा 50-60% पार कर जाता है, तो कंप्टिशन कम हो जाता है, ऐसी इस्तिती में वो भोगता के पास च्वाइस कम हो जाती है, कीमतें नियंतर रखने की मजबूरी कम हो जाती है, सेवाओं की गुर्वत्ता गिल सकती है, औ
04:53एसी पकर जरूर बनाती है, इंडिगो का डोमिनेंस भी आज ऐसा ही है, अगर वो रुख जाए, तो पूरा एविएशन सिस्टम हिल जाता है, और डिपेंडेंसी एक लॉंग टर्म खत्रा है, यह सवाल सिर्फ हवाई आत्रा का नहीं है, कल को टेलिकॉम, रेल, लेक्रिसि�
05:23इन्वेशन आए, कॉम्टीशन बना रहे, लेकिन एक खिलाड़ी इतना बड़ा ना हो जाए, कि पूरा तंक उसी पर टिक जाए, और आज यह क्राइसिस हमें यही सिखा रहा है, कि प्राइविटाइजेशन के साथ साथ कॉम्टीशन का इस तर बनाय रखना भी सरकार की समा
05:53बड़ा सबाल जो हमारे एविशन सेक्टर पे भविश से जुड़ा है, अगर आपको यह प्रिशेशन उप्योगी लगा, तो वीडियो को लाइक कीजिए, चैनल को सब्सक्राइब कीजिए, और कमेंट में बताईए, क्या भारत में प्राइविटाइजेशन के साथ साथ क�
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