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Transcript
00:00प्रणाम आचारे जी, मैं अपनी दादी के कमड़े में थी, और उनके कमड़े में बहुत सारी भगवान जी की फोटो रखी हुए है, एक बार वो मुझे से कह रही थी, कि वहाँ पर एक कवच बना हुए, क्या ये सच्छा है?
00:17दादी थोड़ी सी गलती कर दी, उन्होंने भगवान जी को वहाँ रख दिया, आप तो दूर आ गए, कवच वहीं रह गया, तो आप फस गए, तो फिर अब क्या करें? भगवान जी को यहाँ रख लें तो कैसा रहेगा फिर? दाई
00:31तो यहीं क्यों न रख लें? फिर न यह पूरा जो शरीर है न यहीं कवच हो जाता है, अब कोई नी छू सकता तुमको
00:39भगवान को यहाँ बैठाओ, एक ही भगवान सच्चा है, जो यहाँ रहता है, जो बाहर रहता न भगवान, जो आखों से दिखाई देता है, वो तो तुम्हारा भगवान है, तुम्हारा मने अहंकार का, लेकिन यहाँ वाला जो भगवान होता है, वो राजा होता है
00:55अब भगवान जी तो सबसे उपर होते हैं न तो बताओ भगवान जी को राजा होना चाहिए या गुलाम
00:59राजा तो यहां रखोगे तो भगवान जी राजा है और वहां रखोगे तो भगवान जी गुलाम हो गए
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