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00:00कि अभी ये जितनी आबादी है उसको खिलाने के लिए प्रत्वी के पास संसाधन नहीं है।
00:04उसी का नतीजा है कि बहुत बड़ी आबादी को पोशित है।
00:06आपको एक डिग्निफाइड जिन्दगी जीने के लिए जितने रिसोर्स चाहिए।
00:11उतने आठ सो करूम लोगों को देने के लिए साथ प्रत्वियां लगेंगी।
00:16कहां से लाएं साथ प्रत्वियां।
00:17प्रत्वी आठ अरब, दस अरब, मनुष्यों का बोज नहीं उठा सकती।
00:21प्रदूशन की आलब देख रहे हो, अबादी बढ़ाओगी तो प्रदूशन और बढ़ेगा, ने रोजगार रहेगा, ने रोटी रहेगी, और हावा में रहेगा जहर, यह भविश्य दोगे क्या अपने बच्चों को, आज बढ़ाई उसको दो जिसके हाथ में बच्चा �
00:51उनको जीने कोई हर्ट है कि नहीं हैो, आज बढ़ाई काmost पात्र भो नहीं, जिसके घर में बच्चा पैदा हो गया है, आज बढ़ाई के पात्र भो है जिन्होंगोंगे बच्चा नहीं पैदा कराया है, उनको जा के बोलना चाही GitHub, Congratulations, Congratulations,
01:14आज बधाई इसमें नहीं कि कोई बच्चा हाथ मिले के अपनी तस्मीर डाल रहा है, कर रहा हो माइ एंजल मैं बंडल ओफ जोई है, अज बधाई उसको दो, जिसके हाथ में बच्चा नहीं है, यह किताबे है, बलकि अगर कोई बच्चे के साथ अपनी फोटो डाल रहा है त
01:44बड़ी चाहत होती है बच्चा हो, तो एक बच्चा तो चलो ठीक भी है, पर जहां किसी ने अपने दूसरे बच्चे कर डाला, तहां उसको तो यही दिखाना चाहिए, और तीसरे वाले को तो यह होना चाहिए कि F.I.R करो इसकी, भारत देश भी 1.500 करोड लोगों का बोज न
02:14यह अगर बचा भी रहेगा, तो वैसे जैसे कोई स्लम होता है, जहां भारी अबादी ठुसी होती है, अम आनवी एस्थितियों में, हमें स्लम बनाना है क्या भारत को?
02:22अगर भारत को एक गर्मापूर्ण राष्ट बनाना है, तो यह 1.500 करोड की अबादी नहीं चलेगी, इसे कम होना होगा, कहां से लाओगे रोजगार?
02:35टेकनिकल प्रोग्रेस का मतलब ही होता है, जिस काम को करने के लिए पहले 100 लोग लगते थे, वो काम अब 10 लोग कर देते हैं, अबादी बढ़ा रहे हो, और जिस काम में पहले 100 लोग नोकरी मिलती थी, वहां 10 लोगों में काम चल जा रहा है, तो रोजगार कहां से आएगा
03:05विशेद होगे क्या अपने बच्चों को, ये होगा अगर बच्चे पैदा ही करे जाओगे तो, प्रत्वी बार बार बोल रहा हूँ, प्रत्वी अब इस हालत में नहीं है, कि और मनुष्यों का बोज उठा सके, राहिमाम कह रही है प्रत्वी मा, या तिशे मूर्खता की �
03:35जो कहते हैं, बढ़ाओ, बढ़ाओ, बढ़ाओ, बढ़ाओ, एक पता नहीं कहां से एक फैक्ट पकड़ लिया है, कि फर्टिलिटरी रेट 2.1 होनी चाहिए, वो रिप्लेस्मेंट रेट होता है, उतना हो जाए ना, तो फिर आबादी गिरती नहीं है, तो इसलिए पकड़
04:05आपको गरिमा से जीना है कि नहीं, या कोपोशेट जीवन ही बिताना है और गरीबी का ही जीवन और अशिक्षा का ही जीवन बिताना है, सब लोगों को पर्याप्त संसाधन, खाना, पीना, कपड़ा, लत्ता, घरदवार, सड़क, साफ, हवा, पानी मिल पाए, इसके लिए
04:35गरीबी का एक करण और समझना, वही लोग जो बार-बार बोल रहे हैं आबादी बढ़ाओ, वही वो लोग हैं, जिन्होंने सारा पैसा अपने पास कॉंसेंट्रेट कर रखा है, या तो उनके पास पैसा बहुत होगा, या पावर, बल बहुत होगा, या तो धन या सकता, व
05:05इतनी अजीब बात है, इनवर्सली प्रपोर्शनल है, व्यक्ति जितना ज्यादा शिक्षित होता है, वो उतने कम बच्चे पैदा करता है, व्यक्ति के पास जितना पैसा होता है, वो उतने कम बच्चे पैदा करता है, खासकर महिला, महिला जितनी शिक्षित होती है, या आ
05:35प्रवेश करा देते हैं कि एक बच्चा तू और कर तुझे करना पड़ेगा ऐसा ही महिलाओं से होता है यह अनलोजी बहुत गलत नहीं है मेरी
05:54जिस महिला का अपने चरीर पर हक ही नहीं वो गरीबन पड़ी हुई है उसका पती आता है अपना हक जमाते हुए रात में
06:02और उसको इंप्रेगनेट कर देता है वो क्या कर लेगी उसका हकी नहीं है यह भी हुआ है जितना ज्यादा जो चाइल्ड मॉर्टेलिटी रेट होता है जितना वो कम होता जाता है जैसे जैसे त्वास थे सेवाएं बहतर होती जाती है चाइल्ड मॉर्टेलिटी कम होती जाती
06:32जनसंख्या नियंतरण का काम सबसे बहतर तरीके से होता है ज्ञान से, शिक्षा से
06:41महिला तक अगर ज्ञान पहुँच गया तो अबादी बढ़नी अपने आप रुप जाती है
06:46और महिला जितनी अज्ञानी रहेगी वो उतनी अबादी बढ़ाएगी
06:50या वो उतनी मझबूर रहेगी अबादी बढ़ाने के लिए
06:53इसलिए पुरुशों का बहुत बढ़ा वर्ग है जो महिलाओं को अग्यानी ही रखना चाहता है
06:57और महिलाओं का भी बहुत बढ़ा वर्ग है जिसको यही लगठा है कि अग्यानी रहें तो ठीक है
07:03क्या हो गया घर में बैटते हैं मौज करते हैं
07:07हमी तो घर की लक्षमी है
07:25थी संख्या बल आने वाला समय बुद्धि बल का है
07:28मैं ध्यान दिलाया करता हूं
07:31इसराइल के पास कितनी संख्या है कुछ नहीं है और इतने बड़े बड़े अरब देश हैं वो सबसे जूजा हुआ है और बार बार वो सबको परास्त भी कर देता है संख्या से क्या होगा आबादी बढ़ा की क्या होगा इसराइल की कुल आबादी एक करोड भी नहीं है दिल
08:01तर लाख वसितने यह कुल और उधर एजिप्ट से लेके इधर इरान तक
08:09सबको बिलकुल सीधा करके रखता है इसराइल कैसे संख्या बढ़ाने से नहीं होता इसराइल के पास कोई संख्याएं
08:19टिकनोलोजी है बुद्ध है ज्यान है आने वाला समय संख्याओं का नहीं होगा कि किसकी संख्या जादा है किसकी संख्या जादा है और फलानों की आबादी बढ़ा रही है हमें भी तो आबादी बढ़ानी होगी आबादी बढ़ाने से नहीं होता ज्यान बढ़ाने से होता ह
08:49लेके आजाओ, वो पुरानी टेकनोलजी की तलवार भांज रहे हैं, और तुम्हारे पास विज्ञान है, एक मिसाइल एक लाख तलवारों पर भारी पड़ेगी, तुम संख्या क्या करोगे बढ़ा के, संख्या में क्या रखा है, आप आज वो बिल्कुल उपलब्द है कि आ
09:19उनने का है, भाईया हमारा शरीर इसलिए थोड़ी है कि हम बच्चे ही पैदा करते रहें, तो फिर जो फर्टिलिटी एरेट हो गिर रहा है, पूछा ये जाना चाहिए कि जब बढ़ा इतिहास में तो कैसे बढ़ा, बढ़ा ऐसे है कि और तों का दमन करकर के बढ़ा, अब
09:49देंगे, काहे के लिए पैदा करें वो, इतने लोग क्यों होने चाहिए, मैं फिर पूछ रहा हूँ, 2024 में जो इतनी जनसंख्या कर ली है, आपने 8 अरब, 8 बिलियन, 800 करोर से उपर की, इतनी बचाई रखना ज़रूरी क्यों है, ये तो सस्टेनेबल वैसे भी नहीं है, अ�
10:19आठ, और दुनिया आठ से ज्यादा, अभी ही कंजियूम कर रही है, औसतन, औसतन, लेकिन दुनिया के 80 प्रतिशत लोग, 4 टन से भी कम कंजियूम कर रहे है, तो माने उनका कंजम्शन बढ़ना चाहिए, उनकी वेलफेर के लिए, कंजम्शन बढ़ाओगे, तो प्रत्वी
10:49कंजम्शन भी बढ़ा लें, और रिसोर्स भी रहे, उसके तो जिनसंख्या ही कम करनी पड़ेगी ना, मैं किसके कंजम्शन के बढ़ाने की बात कर रहा हूँ, अमीरों के कंजम्शन यह नहीं, गरीबों के, जिनको ठीक से खाने को नहीं मिलता, भी 4,8 इंच की लड़की की
11:19बहुत सारे ऐसे देश हैं, बहुत आबादिया आए इनकी, और इनको तो अभी कंजम्शन बढ़ाने की जरूरत है, और अभी है जितना कंजम्शन कर रहे हो, उतने ही प्रत्वी नहीं समाल सकती, तो कंजम्शन बढ़ तो सिर्फ एक सूरत में ही सकता है, यह आबादी कम हो
11:49नहीं होनी चाहिए, कम होनी चाहिए, आठ अरब नहीं, दुनिया की जो सस्टेनिबल आबादी है, वो चार अरब से भी कम होनी चाहिए, किसी ओ मारने और ने की जरूरत नहीं है, वो चीज़ अपने आप हो जाती है, दो लोग हैं जो मिल के ये काम कर रहे हैं, एक महिलाए
12:19तो अपने आप दुनिया की आबादी अब कम होगी, और इस बात से वो लोग घवराई हुए हैं, जिनके बड़े-बड़े स्वार्त हैं भारी आबादी में, जैसे कैपिटलिस्ट्स, लोग कम हो जाएंगे तो उनका माल गौन खरीदेगा, तो जो बड़े-बड़े दुनिय
12:49सौ भागी की बात होगी, जितनी अभी आबादी है उसमें एक मुजार्ट पैदा हुआ, अगर सौ गुनिया बादी होगी तो सौ मुजार्ट पैदा होगे, मैंने का मेरे सामने बोला हो तो तो मैं कहता है कि सौ गुनिया बादी होगी तो सौ मस्क भी तो पैदा हो जाएं�
13:19साधन नहीं है
13:20उसी का नतीज़ा है कि
13:21बहुत बड़ी आबाधी को पोशित है
13:23लेकिन वो लोग
13:28जो अपने कोटे से
13:30कहीं जियादा
13:32कुन्सियूम कर रहे हैं
13:33वही लोग हैं जो कह रहे हैं
13:34आबाधी बढ़ा हो
13:35आबाधी बढ़ा हो
13:36नहीं बढ़ानी भài
13:37और भी जो प्रजातियां प्रत्वी पे उनको जीने का कोई हक है कि नहीं है
13:42या तुम ही अपनी अबादी बढ़ाते रहोगे
13:46प्रति दिन एक हजार प्रजातियां सदा के लिए विलॉप्त हो जाती है
13:51पिछले 50 सालों में दुनिया भर के 70% जीव जनतु हमने विलॉप्त कर दिये
13:58सिर्फ 50 साल, 50 साल कुछ भी नहीं होता
14:0050 साल के अंदर अंदर दुनिया के 70% हमने प्रतियां विलॉप्त कर डाली
14:04तुम ही जीते रहोगे, तुम ही अपनी बढ़ाते रहोगे
14:09और महिलाओं के पीछे पड़े हो
14:11कि बच्चा पैदा करो, बच्चा पैदा करो, जी यह नहीं बच्चा पैदा करे
14:14मैं तो और आगे जाके कहता हूँ
14:16मैं कहा रहा हूँ, यह बच्चा पैदा करने का कारिकरम ही महिला के शरीर से निकाल दो
14:20क्योंकि यह महिला की जिंदगी पर बहुत बड़ा बोज होता है
14:25वो कुछ नहीं कर पाती
14:27एक बार बच्चा प्यादा हो गया वो जिंदगी में कौन सा और काम करेगी
14:31पहले नौ महीने वो पेट में रहेगा उसके बात कम से कम पांच साल उसको फुल टाइम अटेंशन देना पड़ता है
14:36पांच साल भी कम बोल रहा हूं
14:38हमारे यहां तो भारत में ममता इतनी ज़्यादा होती है कि उसे फुल टाइम अटेंशन देती है
14:43और एक पर रुकते भी नहीं, दो, तीन, चार होते है
14:46अब वो क्या जिन्दगी में कला बढ़ाएगी, साहित बढ़ाएगी, विज्ञान बढ़ाएगी, खेल बढ़ाएगी, राजनीती बढ़ाएगी, कुछ नहीं बढ़ाती हो, बसावादी बढ़ाती है
14:54तो मैं तो बोला है कि यह जो बच्चा पैदा करने वाली चीज है यह महिला के शरीर में होनी है नहीं चाहिए
15:02तकनी कितनी विक्सित हो चुकी है
15:03कि यह पूरा जो काम है क्या करना है आपको एक एकसल चाहिए और एक स्परमसल चाहिए
15:10उनको तो आप शरीर से बाहर भी मिला करके बच्चा पैदा कर सकते हो
15:16क्यों महिला की जान ले रहे हो
15:17कितनी महिला ये
15:19तो प्रसव में ही मर जाती है
15:22उनकी जिन्दगी इतनी सस्ती है
15:24और प्रसव में जो पीडा होती है
15:2942 हड़ियों के तूटने के बराबर होती है
15:31उरुष जो कह रहे हैं अब आदी बढ़ा उनको कहो
15:34तुम्हारी पहले 42 हड़ियां तोड़के दिखाते हैं
15:36दर्द कितना होता है बच्चा पैदा करने में
15:3842 हड़ियां एक साथ तूट रही हो
15:41इतना दर्द होता है चायड वर्थ में
15:44ऑमहला हो क्यार तुम पैदा करो क्या पैदा करो
15:49उसको दर्द अगर जहलना भी है तो किसी उचे उध्य coupon के लिए जहलेगी न
15:53या यही करने के लिए पैदा हुई है वह
15:56कि पहले वो बच्चा पैदा करे, फिर टटी साफ करे, फिर ये करे, फिर दुबारा वो प्रिग्मेंट हो जाए, पहे के लिए भाई, इन्सान है, मशीन है, गाय है, भैंस है, दूद देने का यंत्र है, क्या है वो?
16:13इन चक्रों बिल्कुम पढ़िया गहरे, बहुत बड़ी केटस्ट्रोफी आ रही है, दुनिया की अबादी कम हो रही है, बहुत लोगे इस तरह का प्रोपगेंडा कर रहे हैं, अबादी कम हो रही है, तो इस सेलिब्रेशन की बात है, जितनी कम हो रही है, उससे ज्यादा गत
16:43होना जरूरी है कि कम हो रही है अच्छी बात है खतरी की बात नहीं है
16:50कि ताधारन गणित है arithmetic कितने रिसोर्स चाहिए और प्रत्वी कितना दे सकती है सीधा सीधा गणित है
16:57आपको एक dignified जिन्दगी जीने के लिए जितने रिसोर्स चाहिए उतने 800 करों लोगों को देने के लिए साथ प्रत्विया लगेंगी कहां से लाएं साथ प्रत्विया
17:09दुनिया के जितने लोग हैं सबको मैं नहीं कह रहा कि उनका अमेरिका जितना पर capita consumption हो जाए
17:17पर एक गरिमा युक्त अगर उन्हें जीवन जीना एक dignified life के लिए कुछ तो consumption करोगे न उतना consumption अगर दुनिया का हर आदमी सारे 800 करों लोग करने लगें
17:30तो तुमको चाहिए कम से कम आधा दर्जन प्रत्विया कहां से लाओगे
17:36तो आबादी तो कम करनी पड़ेगी बाबा
17:39अब भूलो नहीं कि इस ग्रह पर सबका साजा हक है
17:43हमने सारे समुदर बरबाद कर दिये हमने पहाड बरबाद कर दिये हमने जंगल सारे काट दिये
17:49climate change अच्छे तरीके से जानते हो
17:51हम ही हम जिएंगे क्या
17:55ये मचलियां, ये पक्षी, ये पेंड, ये इतनी प्रजातियां, इनका कोई हक नहीं है
18:00अब मामला बरदाश्ट की हद से बहुत आगे जा चुका है
18:05फिर से याद करो, मैंने का हम रोज एक हजार प्रजातियां साफ कर रहे हैं
18:10एक हजार, मैं नहीं कहा रहा हूँ, एक हजार जानवर काट रहे हैं
18:13जानवर तो हम रोज करोडों में काट रहे हैं, मचलियां में लाके
18:15मैं कहा रहा हूँ, एक्स्टिंक्शन कर रहे हैं हम एक हजार प्रजातियों का हमेशा के लिए
18:21क्योंकि हमारी अबादी इतनी ज़्यादा है
18:23तो अबादी तो कम करनी पड़ेगी
18:25जहाँ जहाँ अबादी कम हो रही उनको पधाई दो
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