Skip to playerSkip to main content
Supreme Court ने CJI सूर्यकांत की अध्यक्षता में अहम फैसला सुनाया और इलाहाबाद हाईकोर्ट को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल प्राइवेट पार्ट पकड़ना या नाड़ा तोड़ना, रेप की परिभाषा में नहीं आता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामले में सटीक कानूनी ढांचा और सबूत की आवश्यकता है। CJI ने हाईकोर्ट को निर्देश दिए कि कानून की सही व्याख्या और संवैधानिक अधिकारों का सम्मान करते हुए मामलों का निपटारा करें। यह निर्णय भारतीय न्याय प्रणाली में महिला सुरक्षा और संवैधानिक दृष्टिकोण को मजबूत करता है।

#SupremeCourt #CJISuryakant #AllahabadHC #CJI #Suryakant #AllahabadHighCourt #IndianLaw #LegalUpdate #WomenSafety #CourtVerdict #LawNews

Also Read

अदालतों में कैसे घटेंगे करोड़ों पेंडिंग केस? CJI सूर्यकांत ने समझा दिया पूरा रोडमैप :: https://hindi.oneindia.com/news/india/supreme-court-cji-surya-kant-says-mediation-mission-reduce-pending-cases-in-india-latest-news-in-hin-1446003.html?ref=DMDesc

IndiGo Flight Cancellations: इंडिगो की 'लापरवाही' पर एक्शन! सुप्रीम कोर्ट पहुंचा फ्लाइट कैंसिलेशन मामला :: https://hindi.oneindia.com/news/india/indigo-flight-cancellations-update-pil-petition-filed-in-supreme-court-news-in-hindi-1445963.html?ref=DMDesc

पति के गिफ्ट किए गहने, सामान क्‍या वापस ले सकती हैं? तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को लेकर SC ने सुनाया बड़ा फैसला :: https://hindi.oneindia.com/news/india/supreme-court-judgment-for-muslim-women-all-recover-gifts-given-to-husband-at-marriage-1444085.html?ref=DMDesc



~HT.410~PR.250~ED.110~

Category

🗞
News
Transcript
00:00प्राइवेट पार्ट पकड़ना रेप नहीं ऐसी भाषा ना बोलें जो पिडिता को डराते
00:07हाई कोड के फैसले पर CGI फायर
00:11अलबाद हाई कोड के विवादित फैसले पर सुप्रीम कोड ने बेहत कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया दी
00:18मामला कासगंच की एक 14 साल की बच्ची से जोड़ा था जिसमें आरोप था कि दो युवकों ने उसका रास्ते में पीछा किया
00:25उसके निजी अंगों को छुआ पाजामे का नाडा तोड़ा और उसे पुलिया के नीचे खीचने की कोशिश की
00:32मा जब F.I.R. कराने गई तो पुलिस ने कारवाई नहीं की मजबूर होकर उसने कूट का दर्वाजा खट-कटाया
00:38इस्थानी अदालत ने आरोपियों पर रेप के प्रयास सहित गंभी धाराएं लगाई
00:43लेकिन आरोपियों ने इसे चुनाती देते हुए हाई कोट में पिटिशन दायर की
00:47हाई कोट ने 19 मार्च को वो टिपणी की जिसने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया
00:52अधालत ने कहा था कि किसी लड़की के स्तनों को पकड़ लेना
00:55परजामी का नाडा तोड़ना और खीचनी की कूशिश करना रेप के प्रयास की श्रिणी में नहीं आता
01:02जस्टिस राम मनुहर नारायन मिश्रा ने आरोपियों पर लगी धारा 376 और 500 की धारा 18 को हटा दिया
01:09और मामले को केवल 354 और अन्या हलकी धाराओं के तहत चलानी का आदिश दिया
01:15हाइकूट की श्राइन नहीं सिर्फ पीडित की पीड़ा को हलका दिखाया
01:19बलकि ऐसे अबराधों की गंभीरता पर भी बड़ा सवाल खड़ा किया
01:23इसी बीच ये भी सामने आया कि हाइकूट के कुछ पिछले फैसलों में महिलाओं पर दूश मढ़ने वाली भाशा का इस्तिमाल किया गया
01:31मामला सुप्रीम को पहुंचा तो तस्वीर पूरी तरह बदल गई
01:34कूट ने हाइकूट की टपणियों को असमवेदनशील, अमानवया और पीडित की गरिमा कूट चूट पहुंचाने वाला बताया
01:42CGI सुर्यकांत ने तीखी टपणि करते हुए कहा के ऐसी बातें नियाय परणाली में पीडितों पर भयावा असर डालती है
01:50उन्हें चुप कराने का दवाब बनाती है और नयाय से दूर ले जाती है
01:54CGI ने साफ शब्दों में कहा वे हाइकूट का अदिश खारिच करेंगे और ट्रायल उसी तरह जारी रहेगा
02:00जसे निचली अदालत ने नडधारित किया था
02:03सुप्रीम कूट ने संहीर दिया कि वे सभी हाइकूट के लिए विशेश गाइडलाइन्स चारी करेगा
02:09ताकि भविश्य में किसी भी जज़त्वारा ऐसी भाषा का प्रियोग ना किया जाए
02:13जो पीडित के सम्मान को ठेस पहुँचाए और अपराद की गंभीरता को कमजूर करे
02:18अदालत ने कहा कि फैसला लिखते समय नयाधिशों की समवेदन शीलता सर्वोच चहूनी चाहिए
02:24खास कर तब जब बात महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपरादों से जोड़ी हो
02:29सुनवाई में ये भी बताया गया कि ना सिर्फ अलाबाद हाई कोट बलकि कलकत्ता और राजस्तान हाई कोट के कुछ फैसलों में
02:36इसी तरह की समया ग्रस्त ट्यपणियां सामने आती रही
02:40सुप्रीम कोट के रुखने साफ कर दिया कि नाईक भाषा सर्फ कानूनी नहीं होती
02:45वो समाज के संदेश का हिस्सा बनती है
02:48और जब भाषा पेडित को दोशे ढहराने वाली हो तो उसे रोकना अदालत का नातेक और समवधानिक करतव्य है
Be the first to comment
Add your comment

Recommended