Iqra Hasan Lok Sabha Speech: लोकसभा में इकरा हसन (Iqra Hasan) का दमदार भाषण दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण पर केंद्रित रहा, जिसमें उन्होंने हवा की गुणवत्ता सुधारने, स्टबल बर्निंग रोकने, सार्वजनिक परिवहन मजबूत करने और केंद्र–राज्य समन्वय बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। अपने तर्कों और तथ्यों के साथ उन्होंने सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की। भाषण में जनता की सेहत, बच्चों के भविष्य और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देने की अपील थी। इकरा हसन (Iqra Hasan) के इस बेबाक संबोधन ने पूरे सदन और देशभर में चर्चा छेड़ दी। उनका यह रुख साफ है कि दिल्ली को स्वच्छ हवा दिलाने के लिए अब ठोस कदम जरूरी हैं।
00:00आज मैं सदन से पूछना चाहती हूँ क्या आज के भारत की हवा मले अजे शीतलम है नहीं अध्यक जी बस संसद से बाहर कदम रखिए एक गहरी सास लीजिए ये चंदन की महक नहीं ये जहर है जो आपके हमारे फेफडों में उतर रहा है
00:14दुनिया के 20 सबसे प्रदूशिद शेहरों में से 13 भारत में है दिल्ली की हवा में सास लेना मानो रोज 20 सिगरेट पीने जैसा हूँ भारत हर साल सर्दियों में जहरीली हवा के प्रकोप में घिर जाता है एक यूआई गंभीर सर पर आ जाता है थंडी हवा का सपना अब ग्य
00:44कानूनों को धिरे धिरे खुदी खतम कर रही है सुझलाम सुफलाम का अर्थ है सुनिये ऐसा देज जा सवच और पर्याप जल हो जान दिया जिन्दा हो बैती हो जीवन देती हो अद्यक्ष महोदय लेकिन अब जरा यमुना का हाल देखिए धन्यवाद अद्यक्ष महोदया
01:14कर पेश करके फिर से मुस्लिम तुष्टी करन के नाम पर भारतिय मुसल्मानों को कट घरे में खड़े करने की कोशिश की जा रही है लेकिन मैं सदन में बताना चाहूंगी कि हम भारतिय मुसल्मान जिन्ना के हवान को ठुकरा कर अपने इस प्यारे वतन की मिट्टी से मिट
01:44के विचारों को अपनाया हम भारतिय मुसल्मान इंडियन्स बाइ चॉइस हैं बाइ चांस नहीं वंदे मातरम के किन छंदों को राष्टे गीत के तौर पर अपनाया जाए ये फैसला सर रविंदर नाठ टेगोर और सुभाश चंदर बोस जी जैसे नेताओ के परामर्श के
02:14बंदे मातरम के उन छंदों को अपनाया जिनोंने देश के हर वर्ग हर धर्म के मानने वालों को एक सूत्र में पिरोने का काम किया और मैं एक घटना आप लोगों के सामने रखना चाती हूँ वर्ष 1998 में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री रविंदर शुकला जी ने स्कूल
02:44इस फैसले पर नाराजगी जताई और उयूपी सरकार ने राश्ट्रगीत को अनिवार्य करने वाले मंत्री को बर्खास्त कर दिया था अब मैं सत्ता पक्ष से सवाल करना चाहूंगी
02:56मैं सत्ता पक्ष से सवाल करना चाहूंगी कि जो विजन आजादी के समय के लोगों का था राश्ट्रगीत को स्वेच्चा पर छोड़ने का उसी का अनुसरन मानने अटल बिहारी वाजपाई जी ने किया तो क्या वे भी मुस्लिम तुष्टिकरन कर रहे थे जी नहीं अटल
03:26करना ही सबसे बड़ा राश्ट्रवाद है माने अध्यक्ष महुदया आज हमें वंदे मातरम के असली भाव को समझना जरूरी है यह गीट तो देश के जल जंगल जमीन हर्याली और निर्मल हवा की वंदना को समर्पित है यह भारत की जंजन की मंगल कामना करता है कि भारत क
03:56बहती हों जीवन देती हों अदेक्ष मौदे लेकिन अब जरा यमुना का हाल देखिए दिल्ली प्रदूशन नयंतरन समीति की दो हजार पचीस की रिपोर्ट बताती है कि यमुना के कई हिस्सों में बियोडी स्तर 127 एमजी पर लीटर है तक पहुच चुका है जब कि किसी जी
04:26किनारे किसान मजबूरी में उसी जहरीली पानी से खेती कर रहा है वही जहर अनाज में उतरता है और वही जहर किसान की जिंदगी को धिरे धिरे खतम कर देता है अदेक्ष मौदे जब पानी जहर हो जाएगा तो सुजलाम कैसे होगा जब किसान बर्बाद होगा तो सुफल
04:56कि हवा मले अजे शीतलम है नहीं अध्यक जी बस संसद से बाहर कदम रखिए एक गहरी सास लीजिए ये चंदन की महक नहीं ये जहर है जो आपके हमारे फेफडों में उतर रहा है दुनिया के 20 सबसे प्रदूशिद शेहरों में से 13 भारत में है दिल्ली की हवा में सास लेना म
05:26ग्यास चेंबर की हकीकत बन चुका है हम वो देश हैं जहां सरकार प्रक्रती पर बने गीत का मान मर्दन तो करती है पर उसी प्रक्रती जंगल हवा पेड को बचाने वाले कानूनों को धीरे धीरे खुदी खतम कर रही है ये है आज कि हमारे मले अजे शीतलम की अफसोस जनक
05:56हो जां खेत फसल से भरे हो और किसान कर्ज और निराशा में न डूबा हो आज किसान सिर्फ मौसम से नहीं लड़ रहा है प्रदूशन नीतियों की बेरुखी और सिस्टम की नाइंसाफी से लड़ रहा है एक तरफ कॉर्परेट के लोन माफ होते हैं दूसरी तरफ किसान को
06:26है एक साल में और जिन अरब पतियों की रक्षा करते हैं वो इतना पैसा एक सेकिंड में कमा लेते हैं आज वंदे मात्रम को बुनियाद बना कर राजनीति की जा रही है लेकिन जमीन पर जंगल पुझी पतियों को सौपी जा रही है आतिवास्यों को उनके घरों से उजाड
06:56कि हाल की रिपोर्ट के अनुसार मैं हम जस्वाने ने के अनुसार देश में हर वर्ष लगबग 30,000 से अधिक बलतकार हो रहे हैं यानि एक दिन में 80 से अधिक महिल आए यौन हिंसा का शिकार होती है और ये सिर्फ दर्ज मामले है जब जम्मु कश्मीर की एक बच्ची हिंस
07:26अपरादियों का सरकार के लोग दुआरा स्वागत किया जाता है तो ये घटनाए बंदे मातरम की आत्मा पर चोट पहुचाती है मैं अध्यक्ष पहोदिया बस यही कहना चाहती हूँ अपनी बात को अंत में रखते वे कि बंदे मातरम सिर्फ अतीत की ललकार नहीं ये वर
07:56में रखना चाहती हूँ कि सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा हम भुल-bुले है इसके ये गुल-सिता हमारा मझभ नही सिखाता अपस में बहर रखना हिंदी है हम पतने हिंदुस्ता हमारा शुमती लवली आनन
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