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लोकसभा की चर्चा में कांग्रेस उप नेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी वंदे मातरम् बहस को राजनीतिक रंग दे रहे हैं और लगातार नेहरू व कांग्रेस का नाम लेकर उनके योगदान पर सवाल उठाना चाहते हैं। जबकि 'नेहरू पर कोई दाग नहीं लगाया जा सकता।' गोगोई ने कहा कि मोदी ने पहले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चर्चा में नेहरू का 14 बार और कांग्रेस का 50 बार नाम लिया। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने वंदे मातरम् को अपनाया था और इसका विरोध मुस्लिम लीग व हिंदू महासभा ने किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में दावा किया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में मुस्लिम लीग के दबाव में वंदे मातरम् के हिस्से किए गए।


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00:00आधनिया, अध्यक्ष महुदे, मैं वंदे मातरम के 150 वी जैन्ती पर इस मेत्वपूर्ण चर्चा में भाग लेनी के लिए खड़ा हूँ
00:19और अपने वक्तविय के शुरुवात में मैं बंगाल के उस पवित्र भूमी को नमंद करना चाता हूँ
00:30जेज भूमी से ईश्वर चंद्र विद्या सागर आए, राजा राम मोहन रॉय जी आए, बनकिम चंद्र चाड़ जी आए, स्वामी वेवेकानंद जी आए, औरविंदो गोष जी आए, खुदी राम बोस आए, कभी नसूरू इसलाम जी आए, रविनना टगोर जी आए, और स
01:00इस पवित्र भूमी में एक अद्बुत ताकत है, जिस भूमी ने हमारे देश को ना सिर्फ हमारा राष्ट्रगान दिया, लेकिन राष्ट्रगान के साथ हमें राष्ट्रगीद भी दिया, कि एक राजनितिक रंग इस पूरे वंदे मात्रम के चर्चा को देने का था,
01:26उन्हें ने उजागर किया कॉंग्रेस वर्किंग कमिटी का और पंडिट नहरू जी का, और ये एक आदत है सर, ये मेरे पास एक टेबल है, कि जब जब प्रदान मंतरी मोदी जी किसी भी विशे पे बोलते हैं, तो पंडिट नहरू जी का नाम कितने बाल लेते हैं, और कॉ
01:56कि पंडिट नहरू का नाम कितने बार उन्हों लिया, चौदा बार, ओपरेशन सिंदूर पे चौदा बार उन्होंने पंडिट नहरू का नाम लिया, और कॉंग्रेस पार्टी का कितने बार, पचास बार, वैसे ही, जब समिधान का 75th anniversary मनाया जा रहा था, तब 10 बार पंडि
02:26पे जब राष्टरपती अभीवाशन पे प्रदान मंत्री मोधी जी अपना बात रख रहे थे, तो 15 बार पंडिट नहरू का नाम लिया, तो इसलिए उनका आज दूसरा उदेश्यत तो मैं समझ गया, लेकिन बड़े विनमरता से में अधरन ने प्रदान मंत्री मोधी जी �
02:56मोधी जी को मैं कहना चाहता हूं, और उनके पूरे मैं दल को कहना चाहता हूं, और पूरे इनके धाचे को कहना चाहता हूं, आप चाहे जितना भी कोशिश कर लो, आप पंडिट नहरू जी के, जो उननका योगदान था, उस पे एक भी काला दाग आप लगाने में सक्थम �
03:26के अंदर हम खोफ पैदा करना चाहते थे बंदे मातरम का नारा कब लगाते थे जब हम बिटिश को बताना चाहते थे
03:33कि हम डरेंगे नहीं हम जुखेंगे नहीं तो ये था मूल भाव बंदे मातरम का बिटिश के विद्रोग करने का
03:41मैं पूछना चाहता हूँ कि आपके राजजितिक पूर्वजों ने बंदे मात्रम की इस मंशा को आपने कब पूरा किया
03:47कब आपने बिटिश का विद्रो किया
03:49अब बंदे मात्रम का उदेश ये था कि बिटिश को के बीच में डर फैलाना
03:58मैं पूछना चाहता हूँ कि आप ने उस मनशा को कप पूरा किया
04:011937 की आप बात करते हैं
04:05और 1937 में आपको आपती है
04:08तो मैं पूछना चाहता हूँ कि 1942 में
04:12जब भारत छोड़ो आंदोलन था
04:14तब आपके राजनितिक पूरवज कहां थे
04:16अगर आपको लगता है कि बंदे मात्रम के साथ
04:24कॉंग्रेस पार्टी ने उसको दुर्बल करने की एक साज़िश की
04:28तो मैं पूछना चाहता हूँ
04:30कि आपने जब बंदे मात्रम का जो मूल उद्देश यह था
04:34कि अंग्रेस और भारत छोड़ो
04:36तो भारत छोड़ो के अंदोलन में आप लोग कहां थे
04:39क्या इतिहास गवाद नहीं
04:44कि आपके राजनितिक पूरवज में उनका नाम नहीं लेना चाहता
04:47कि उन्होंने खुद कहा था
04:49कि इस अंदोलन में भाग नहीं लेने का
04:51खुद बोलते थे
04:53दूसरे
04:54खुद उन्होंने कहा कि इस अंदोलन में भाग नहीं लेना
04:58और बंगाल में आपके जो राजनितिक आपके गुरू है
05:01मैं उनका नाम भी लेना नहीं चाहूँगा
05:03पर उन्होंने भी खुद कहा था
05:05कि भारत छोड़ो अंदोलन में भाग नहीं लेना चाहिए
05:08आप भी सुनने का धहरिया रखे
05:11धहरिया रखे
05:13धहरिया की कमी मत दिखाईए
05:16धहरिया की कमी मत दिखाईए
05:19सयम की कमी अब मत दिखाईए
05:21हमने सयम दिखाया
05:23हमने धहरिया दिखाया
05:25आप आपकी बारी है, आपने बंगाल को कभी समझा नहीं, आपने बंगाल की भक्ति को नहीं समझा, आपने बंकिम चंदर चड़े जी को नहीं समझा, बंकिम चंदर चड़े जी की जो विचार थे, ये पूरा जो विज्ञान को लेके जो उनकी विचार थे, एक फ्री इंडि
05:55बंगला देशी में फोर दिने उननीस्यों पांच में आमार शुनार बंगला लिखा आप
06:05ने तो इतिहास नहीं जानते आप रबिना टगोल जी का इतिहास नहीं पढ़ा और जब कहीं आपको
06:11आमार शोनार बंगला आपको सुनाई पड़ता है तो आपको सिर्फ बंगला देशी सुनाई पड़ता है लिकिन जिस समय वो लिखा गया बंगाल के पार्टिशन में जो दुख जो वेदला आमार शोनार बंगला मेरे जो सुनहरी बंगाल के प्रती जो भाव था उसको आपने
06:41जो वास्तविक में बंगाल लोगों की जो समस्या है असम में बंगाल लोगों की जो डी वोटर की समस्या है आज दस साल आपका डबल इंजिन हो गया अपने बंगाल असम में डी वोटर की समस्या को समधा नहीं किया असम में बंगाल के लोग अज अपने आपको भरतिया ना�
07:11तो यह है है काज इसलिए ना आप बंगाल को समझे ना आप ने राश्ट को सम्झा यह हम � کہה रहे हैं ना राश्ट्रगीत
07:22इसमें जो राष्ट्र है आपने कभी राष्ट्र को समझनी की कोशिश नहीं
07:29क्योंकि ये राष्ट्र जो है एक संग्य धाचे पर निर्बर है
07:34और इसमें कई प्रकार के राष्ट्र भक्ति है
07:37आज अगर भारत एक मजबूत राष्ट्र है
07:41वो इसलिए है क्योंकि इसमे नासिब बंगाल की राष्ट भक्ती समाई हुई है
07:46इसके साथ तमिल की भी राष्ट भक्ती समाई हुई है
07:49इसके साथ असम की राष्ट भक्ती समाई हुई है
07:52इसके साथ पंजाब की राष्ट भक्ती समाई हुई है
07:54इसके साथ केरल की राष्ट्र भक्ती समाई हुई है
07:57इसके साथ करनाटा का तेलनगाना की राष्ट्र भक्ती समाई हुई है
08:01इसके साथ नागालैंड उतरपुलवाचल की राष्ट्र भक्ती समाई है
08:05लेकिन आपने कभी समझा ही नहीं
08:07हमारे सारे प्रदेशों की राष्ट भक्ती समाई हुए है तब जाके भारत को हम एक मजबूत राष्ट बना सकते हैं
08:18आपने कभी हमारे राष्ट में हमारे राष्ट में धर्म अनेख हमारे राष्ट में भाशा अनेख हमारे राष्ट में प्रांत अनेख
08:32लेकिन हमारे राष्ट्र में राष्ट्र ग्रंथ सिर्फ एक वो है हमारे भारतिय सम्विधान
08:38वो है हमारे भारतिय सम्विधान
08:41पेगंबर अनेक, धार्मिक ग्रंथ अनेक, मंदिर अनेक
08:47लेकिन राश्ट्र निर्मान के संदर में सिर्फ एक ही ग्रंग वो है समिधान
08:52और इस समिधान की सुरक्षा हम आज भी कर रहे हैं
08:56आज आज राश्ट्र की बात आप करते हैं
09:05मैं पूछना चाहता हूँ कि आप में जो हमारा नेशनल एंथम है
09:09आप चाहते थे कि वंदे मातरम हमारा नेशनल एंथम बने लेकिन जब पूरे देश ने जंगन मन को नेशनल एंथम
09:18रबिनाथ ट्रगोर जी के द्वारा रचित जंगन मन को नेशनल एंथम का तबज्जु दिया
09:23तो आपके राजनितिक पूरवजों ने लगभग 52 साल आपने ना राश्चर तिरंगा अपने अपने शाखाओं में लगाया ना राश्चर नेशनल एंथम अपने शाखाओं में लगाया ना राश्चर की बात करते हो ना नाश्चर एंथम को आपने तवज्जु दी ने भ
09:53इनको इनको सथा का इनकी इनकी जो परिभाशा है सथा की वह लग यह इनको लगता है कि अगर सथा मिल गया तो पूरे राश्टप कर यह शासन चलाएंगे
10:08ये लोग यही फरक है ये ही फरक है ये ही घन्यवाद धन्यवाद
10:16Sanjay Jai Sawaal Ji, घन्यवाद क्योंकि हमारे लिए ता tára
10:19शासन का नहीं हमारे लिए ताद सेवा का माध्य ton
10:23सेवा का माध्य meter
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