00:00श्रीनगर की मशहूर डल जील में अगर आप गए होंगे तो आपने देखा होगा कि वहाँ पर शिकारों में लोग घूमते हैं
00:08शिकारा एक तरह की नाव होती है जो की दुनिया भर में सिर्फ और सिर्फ श्रीनगर की डल जील में चलतीवी लोगों ने देखी है
00:15लेकिन अब वही अनुभाव शिकारा में घूमने का वही लुट्फ आप मद्यपदेश की राजधानी भोपाल में भी उठा सकते हैं
00:22भोपाल की पहचान कहे जाने वाली बड़ी जील में मद्यपदेश सरकार के परेटन विभाग ने 20 शिकारा को उतारा है
00:30यह आप तस्वीरे देख सकते हैं आज मद्यपदेश के मुख्यमंती डॉक्टर मोहनी आदव ने इन 20 शिकारा नावों का उधगाटन किया है
00:38और फूबहू वैसी ही नावे जैसे शिनगर की डलजील में चलती है शिकारा नावों वो अब राजधानी भोपाल में भी आपको मिल सकेगी
00:48सिर्फ इन शिकारा नावों में घूमने की नहीं बलकि बकायदा इनमें एक चलित रेस्टरेंट खोलनी की भी योजना सरकार की है आने वाले दिनों में
00:57अगर इसमें आप देखें तो बिलकुल हूबहू जैसे श्रीनगर में डलजील में जो शिकारा चलते हैं कमोबेश वैसी ही ये शिकारा नावे हैं जो की अब भोपाल की इस मशूर जील में भी आपको दिखेंगी
01:11अलग अलग तरीके का सेटिंग पैटर उनमें दिया गया है अगर आप आराम दायक सफर करना चाहते हैं तो ये भी आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि यहाँ पे अगर आप देखें तो पूरी तरीके से एक बेड की शकल लिए यानि आप आराम से अपने पैर पसार करके
01:41नावों में जाकर के लुट फुठाते हैं सिर्व यही नहीं बकाईदा इनमें कई गाने भी फिल्माए गए हैं अगर आप देखें कई बॉली बुट फिल्में हैं जो की कश्मीर में जिनकी शूटिंग हुई है डलजील में जिनकी शूटिंग हुई है तो पुराने जमान
02:11बड़ा जील है जिसे आप देख सकते हैं जो भी आदमी भोपाल आता है वो एक बार इस जील में घूमने के लिए जरूर आता है और बड़े पैमाने पर इस जील में बोटिंग होती है नौकायन होता है और प्रदेश की राजधानी में परिटन का सबसे मशूर केंद्र जो है
02:41को देखने एक बार जरूर आता है और बड़ी संख्या में लोग घूमने भी आते हैं क्योंकि NGT के आदेश के तहट यहां पे जो मोटर बोट्स हैं उन पर रोक लगी हुई है और इसलिए परिटन की दिष्टी से इन शिकारा जीलों को यहां पे उतारा गया है बकायदा �
03:11और इस से इस जील के पानी को कोई खतरा नहीं होगा जो जली जीव जन्तु होंगे जो पारिस्तिकी तंत्र है उस पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा उस मटेरियल से इस नाव को तयार किया गया है करीब साड़े तीन सो रुपे इसका किराया होगा बीस मिनट स
03:41यादे जो हैं वो इन शिकारा नाव के साथ वो ले करके जा सकेंगे तो जो लोग श्रीनगर नहीं जा सकते डल जील जाकर के शिकारा का लुथवनी उठा सकते वो भोपाल के इस जील में इन शिकारा नावों में अपनी यादे बना सकते हैं
03:55क्यामामन प्रतीक के साथ रवीश पाल सिंग वो पाल आज तक
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