00:00राश्मति पूतिन रक्षा के क्षेत्र में आज भी भारत सबसे बड़ा खरीदार है रूस में 38 फीज़ी के आसपास की हिस्सेदारी है मेरा प्रशन आपसे यह है कि एक तरफ सैंक्शन्स लगाए गए हैं प्रतिबंद लगाए गए हैं पश्चमी देशों की तरफ से दूसी
00:30और जोर के साथ जिसको कहते हैं पुश हाड़ आप और जोर के साथ रक्षा क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे
00:36मैं समझता हूँ कि भारत से आज दुनिया का कोई भी देश वैसे बात नहीं कर सकता जैसे आज से 77 साल पहले किया करता था
00:52भारत आज एक शक्ति शाली देश और वो पहले की तरह ब्रिटिश शासन के अधीन नहीं है
01:04और ये बात सभी को समझनी होगा खासतोर से प्रधान मंतरी मोदी की अगवाई में भारत अब विदेशी दबाव में नहीं आने वाजाए
01:15भारत के लोग गर्व कर सकते हैं कि उनका प्रधान मंतरी किसी के दबाव में काम नहीं करता है
01:25साथ ही वो किसी के साथ टकराव का रास्ता भी नहीं अपनाते हैं
01:30दरसल हम किसी के साथ भी टकराव नहीं चाहते हैं केवल अपने वैद हितों की रक्षा चाहते हैं
01:42हमारा नब्बे प्रतिशत से ज़्यादा लेंदेन हमारी राश्ट्री मुद्रा में होता है
01:47हाला कि बिचॉलियों को लेकर थोड़ी समस्या आती है
01:51पर इसके लिए हम साजहा विवस्था बना सकते हैं
01:54जहारूस और भारत के बैंक बिना किसी रुकावट आपस में लेंदेन कर सकते हैं
02:00हम इस पर लगातार काम कर रहे हैं
02:03एक वर ये विवस्था अमल में आ जाए
02:09तो व्यापार को लेकर बाहरी दबाव से जुड़ी सारी समस्या दूर हो जाएंगी
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