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तेहरान में बुधवार को हज़ारों महिलाओं और लड़कियों को संबोधित करते हुए, इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह सैयद अली खामेनेई ने कहा कि इस्लाम महिलाओं को समाज में बहुत सम्मानित और बराबरी का दर्जा देता है। उन्होंने पश्चिमी देशों की महिलाओं के प्रति “भ्रष्ट संस्कृति” की कड़ी आलोचना की।

आयतुल्लाह खामेनेई ने कहा कि कुरान महिलाओं को “सबसे ऊँची और सबसे प्रगतिशील पहचान” देती है। उन्होंने फ़ातिमा अल-ज़हरा (स.अ.) — जो पैगंबर मोहम्मद (स.अ.व.) की बेटी थीं — को महिलाओं के लिए सबसे बड़ा आदर्श बताया। उन्होंने कहा कि फ़ातिमा अल-ज़हरा इबादत, विनम्रता, बहादुरी, क़ुर्बानी, बुद्धिमानी और नेतृत्व का प्रतीक थीं, और ईरानी महिलाएँ उनसे मार्गदर्शन और शक्ति लेती हैं।

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~PR.152~HT.408~

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00:00It is said that if a woman wears a hinjab and imposes these restrictions upon herself,
00:07she will be held back from achieving progress, the Islamic Republic.
00:30तेहरान में बुद्वार को हजारों महिला और लड़कियों को संबोधित करते हुए
00:33इसलामी करांती के नेता आयतुला सेयद अली खामेनेई ने कहा
00:37कि इसलाम महिलाओं को समाज में बहुत सम्मानत और समान दर्जा देता है।
00:42उन्होंने पश्चिमी भरष्ट संस्कृती की महिलाओं के प्रती सोच की कड़ी आलोचना की।
00:47आयतुला खामेनेई ने कहा कि कुरान महिलाओं को सबसे उन्ची और प्रगतिशील पहचान देता है।
00:53उन्होंने फातिमाल जहरा, पेगंबर मुहम्मद की बेटी को महिलाओं के लिए सर्वोतम आदर्श बताया।
00:59उन्होंने कहा कि वो इबादत, विनम्रता, बहादुरी, गुर्बानी, समझदारी और नेतरित्व का प्रतीक थी और इरानी महिलाओं उनसे प्रेड़ना लेती हैं।
01:09नेता ने जोर देकर कहा कि इसलाम में महिलाओं और पुरुशों को समाजिक जीवन, राजनीती, व्यवसाय और रुहानी तरक्की में बराबर हक दिये गए हैं।
01:18उन्होंने कहा कि इसलाम के बारे में गलत वहमियां अक्सर उन लोगों से आती हैं जो दीन को नहीं मानते या उसका गलत मतलब निकालते हैं।
01:48इस गलत तरक को अमान्य किया, कुचल दिया इसलामी गणराज्य में।
01:55दिखाया गया कि एक मुस्लिम और पाबंद महिला, एक हिजाबदारी महिला जो इसलामी लिबास का पालन करती है।
02:09सभी क्षित्रों में सक्षम है, उसे दूसरों से अधिक उन्नत तरीके से आगे बढ़ना चाहिए।
02:18वह समाज और घर दोनों में भूमिका निभा सकता है।
02:24आयतुला खामिनेई ने पश्चमी और पूंजिवादी समाजों की कड़ी आलुचना की।
02:29उन्होंने कहा कि ये समाज नैतिकता को नजर अंदास करते हैं, परिवारों को कमजोर करते हैं और महिलाओं को सिर्फ एक वस्तू बना देते हैं।
02:37उनका कहना था कि इसलाम में लिंग संबंधी नियम, पहनावे के नियम और हिजाब का मकसद महिलाओं की इजद की रक्षा करना और समाज को स्वस्त रखना है।
02:46जबकि पश्चमी संस्कृती बेकाबू ख्वाहिशों के खत्रों को बिलकुल नहीं देखती।
02:51उन्होंने इसलाम द्वारा महिलाओं को दिये गए अधिकारों का जिक्र भी किया, जैसे परिवार में नियाय, सुरक्षा, समान, समान काम के लिए समान वेतन, विशेश, छुट्टियां और कामकाजी महिलाओं के लिए बीमा।
03:02आयतुला खामी ने इन दिज्ञान, खेल, शिक्षा, राजनीती, स्वास्ति और समाजिक सेवा में इरानी महिलाओं के उपलब्धियों की सराहना की।
03:10उन्होंने कहा कि इसलामी जम्हूरियत ने महिलाओं को ऐसे अवसर दिये हैं जो इरान के इतिहास में पहले कभी नहीं मिले।
03:16उन्होंने इरानी मीडिया से कहा कि वे पश्चिमी विचारों को दोहनाने के बज़ाए इसलामी दृष्टी कोण को बढ़ावा दें क्योंकि ये दुनिया भर की महिलाओं को प्रेरित कर सकता है।
03:26उन्होंने कहा कि इसलामी जम्हूरियत ने साबित कर दिया है कि हिजाब का पालन करने वाली मुसलिम महिला हरकशेत्र में सफल हो सकती है और कई बार दूसरों से ज्यादा।
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