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10 अक्टूबर 2025 को हमास-इजरायल के बीच लागू हुआ संघर्षविराम ग़ाज़ा के लिए राहत लेकर आना चाहिए था, लेकिन दो महीनों में इज़रायल ने इस समझौते का 500 से ज़्यादा बार उल्लंघन किया है। ग़ाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय और सरकारी मीडिया कार्यालय के मुताबिक, संघर्षविराम के पहले 50 दिनों में 357 फिलिस्तीनियों की मौत हुई, जबकि कुल मौतें अब 70,100 के पार चली गई हैं। इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले ही कह चुके हैं युद्ध खत्म नहीं हुआ है। सच्चाई भी यही है...युद्ध कभी रुका ही नहीं। अमेरिका समर्थित संघर्षविराम समझौता ग़ाज़ा में हमले रोकने और मानवीय सहायता पहुँचाने के मकसद से लाया गया था। लेकिन इसका उलटा हुआ. इज़रायल ने हमले जारी रखे. ग़ाज़ा में क़रीब 1,500 से ज़्यादा इमारतें बर्बाद कर दीं...मदद की इजाजत से भी कम मात्रा में सहायता ही अंदर जाने दी और ग़ाज़ा के अंदर और गहराई तक सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी

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~ED.110~HT.408~GR.122~

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00:00कभी कभी शान्ती का एलान ही सबसे बड़ा धोखा होता है। कभी कभी संघर्ष विराम की खामोशी में सबसे जोरदार धमाके छिपे होते हैं।
00:09और कभी कभी दुनिया जब मान लेती है कि युद रुक चुका है उसी वक्त मौत की परचाईयां और गहरी हो जाती है। घजा में भी यही हुआ। कागजों पर शान्ती लिखी गई लेकिन धरती पर खून बहता रहा। दुनिया ने कैमरे नीचे कर दिये और इसराइल ने ह
00:39अक्टूबर 2025 को हमास इसराइल के बीच लागू हुआ संगर्श वराम घजा के लिए राहत लेकर आना चाहिए था। लेकिन दो महीने में इस समझोते का 500 से जादा बार उनलंगन किया है।
00:57गजा सुास्त मंतराले और सरकारी मीडिया कार्याले के मताबिक संगर्श वराम के पहले 50 दिनों में 357 फिलस्तिनियों की मौत हुई है जबकि कुल मौतें अब तक 70,100 के पार चली गई है।
01:09इसराइल के पुधान मंतरी बंजमन नेतनियाहू पहले ही कह चुके हैं युद्ध खत्म नहीं हुआ है, सच्चाई भी यही है, युद्ध कभी रुका ही नहीं था।
01:17अमेरिका समर्तित संगर्श विराम समझोता घजा में हमले रुकने और मानवी सहायता पहुचाने के मकसद से लाया गया था लेकिन इसका उल्टा हुआ।
01:25इसराइल ने हमले जारी रखे घजा में गरीब 15 सो से जादा इमारतें बरबाद कर दी गई।
01:30मदद की जाज़त से भी कम मातरा में सहायता ही अंदर जाने दी और घजा के अंदर और गहराई तक सैनकों की तैनाती बढ़ा दी।
01:37विचलेशकों का मानना है कि अगर नरसंगार को उसके मूल रूप में देखें तो ये सिर्फ लोगों की हत्या नहीं होता बलकि समाज को समू के रूप में निश्ट कर देना होता है। घजा में वही हो रहा है।
01:48माना जा रहा है कि संगर्श विराम ने अंतर राश्टी समूदाय को आराम देने का बहाना दे दिया। मीडिया कावरिज भी घड़ गई और घजा दुनिया की निगाहों से ओजल होने लगा।
01:57अमनेस्टी इंटरनेशनल ने पिछले हफ़े जारी एक कानूनी विच्टलेशन में कहा कि घजा में इसराइल का चलता हुआ नरसंगार जारी है।
02:27संगर्ष विराम के बाद ये संक्या कम हुई है पर मौतें अभी भी जारी है।
02:57जिन में से कई परियातना और हत्या के संकेत मिली है। इसके बावजूद भी इसराइल के हमले और दमन जारी है।
03:03विचलिशकों ने चितावनी दी है कि ये युद नहीं जाती सफाया है।
03:06माना जा रहा है कि अमेरिका के दबावों में बना समझोता सिर्फ शान्ती का दिखावा था।
03:10राजपटी डॉलर्ड टरम्प ने शर्मल शेख सम्मेलन में कहा था मदपूर में शान्ती आ गई है।
03:15लेकिन जमीनी हकीकत बिलकुल अलग रही है।
03:17गज़ा में नरसंधार की आग ठंडी नहीं हुई है, सिर्फ धुआ कम दिक रहा है, दुनिया का धिहान हट गया है, कवरिज कम है, लेकिन गज़ा की तुरासदी पहले जैसी ही गंबीर है।
03:26हमले जारी हैं, लोग मर रहे हैं, घर उजड़ रहे हैं और जिंदगी बचाने वाली सहायता रोक दी गई है।
03:32संघर्श विराम की गोशना सिर्फ एक कागजी दिवार थी जिसके पीछे उसी युद्ध, उसी नरसंधार और उसी विनाश को जारी रहने दिया गया।
03:40फिलाल के लिए नहीं देखते रहे हैं, वन इंडिया।
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