रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत आने से पहले ही भारत-रूस रक्षा साझेदारी को बड़ा बढ़ावा मिल गया है। यूरोपीय दिग्गज रूस की संसद के निचले सदन डूमा ने आज भारत के साथ एक महत्वपूर्ण सैन्य समझौते को मंज़ूरी दे दी है. यह मंज़ूरी पारस्परिक लॉजिस्टिक सहयोग समझौते यानी Relos को मिली है, जिसे पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन ने डूमा के पास भेजा था। इसी पर बोलते हुए स्टेट डूमा के अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोदिन ने कहा..भारत के साथ हमारे संबंध रणनीतिक और व्यापक हैं, और हम उनकी कद्र करते हैं। आज इस समझौते का अनुमोदन पारस्परिक संबंधों और आपसी विकास की दिशा में एक और कदम है।
00:00भारत और रूस दो महाशक्तियों की दोस्ती अब एक नए मोर पर है। पुतीन दिल्ली पहुंचें उससे पहले ही मौसकों ने ऐसा फैसला ले लिया है जिसने हिंद महासागर से लेकर आकटिक तक हलचल मचा दिया है।
00:30टाकत दिखा सकेगा बिना एक भी नया बेस बनाए। ये सिर्फ एक समझोता नहीं बल्कि भारत और रूस की रणनीतिक स्राजिदारी का सबसे बड़ा अपग्रेड है। सवाल अब ये है दुनिया की भूराजनीती में इसका असर कितना दूर तक जाएगा। नमस्कार मैं ह�
01:00रूसी राश्पती व्लादमिर पुतिन के भारत आने से पहले ही भारत रूस रक्षा साजिदारी को बड़ा बढ़ावा मिल गया है।
01:30दूमा के पास भेजा था। इसी पर बोलते हुए स्टेट दूमा के अध्यक्ष व्याचेसलाव वोलो दिन ने कहा है कि भारत के साथ हमारे संबंद रौणनीतिक और व्यापक है और हम उनकी कद्र करते हैं।
02:00का इस्तिमाल करने की अनुमत ही देता है।
02:03इसमें शामिल हैं सायूक्त सैन अभ्यास, प्रशिक्षन कारिक्रियों, मानवी रहात अभ्यान, आपदा रहात मिशन, इधन तेल स्पेर पार्ट्स और रख रखाओं की सुविधाएं, कर्मियों और सैन उपकरणों की आवाजाही और उनकी लोजिस्टिक जरूर देगा।
02:33और बंदरगाहों यहां तक कि युद्पोतों के लिए भी उपयोग की अनुमती देगा। इसका मतलब यह है कि भारत को आकटिक किशेतर तक पहुँच मिलेगी जहां रूस का विशाल सैन नेटवर्ट मौजूद है। इस तरह कि लॉजिस्टिक समझाते समय की भारी बचत
03:03है भारत ने 2016 में अमेरिका के साथ लेमुआ साइन करने के बाद इन समझातों की आहिमियत को गहराई से समझा। दिल्चस्प बात यह है कि भारत रूस रेलाउस समझाता कई सालों से लंबित था। इसे 2019 में व्लादी वोस्तो के इस्टन एकोनॉमिक फोरम के दोरान साइन क
03:33आपकी बात करें तो लंबी दूरी के सैन अभियानों में आसानी, सयुग्त मिशनों में लागत और समय की बचत, भारती नौसिना की आक्टिक और उत्री समुदरी मार्ग तक पहुँच, दुरुवी शेत्रों में भारत की उपस्तिती बढ़ेगी, आक्टिक में भारत के व
04:03भारती सेना का बड़ा हिस्सा रूसी हार्डवियर पर निर्बार है, जैसे सुखोई लडाकु इमान, T90 टैंक, S400 एर डिफेंस सिस्टम, इन सिस्टम्स के लिए लॉजिस्टिक समर्थन आसान हो जाएगा
04:13अब बात करते हैं कि रूस को इसे समझोते से क्या लाब है, पश्चमी प्रतिबंदों के दौर में भारत के साथ लॉजिस्टिक नेटवाक से वैश्विक उपस्तिती बनाया रखने में रूस को मदद मिलेगी, भारत के माध्यम से हिंद महासागर में उपस्तिती बढ़े�
04:43सिर्फ दो देशों की साजेदारी नहीं बलके बदलती वैश्विक राजनीती का संकेत है, आकटिक से हिंद महासागर तक अब दुनिया का रणनीतिक नक्षा नए सरे से लिखा जा रहा है और उसमें भारत एक केंदरी भूमिका में उभर रहा है, फिलाल के लिए इतना ही �
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