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Mokshada Ekadashi 2025 Date and Time:वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मोक्षदा एकादशी व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को विधिपूर्वक करने से साधक के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही शुभ फल मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मोक्षदा एकादशी व्रत का पारण किया किस दिन किया जाएगा।


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~PR.115~ED.118~

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00:00हिंदु धर्में एकदशी का खास महत बो होता है। हर महीने में दो बार एकदशी पढ़ती है। एक शुकलपक्ष और एक कृष्णपक्ष में। मार्ग शीर्ज मा के शुकलपक्ष में पढ़ने वाली एकदशी को मोक्षदा एकदशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मा
00:30शुक्रपक्ष की एकदशी तिधी को ही भग्मान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्यान दिया था, इसलिए इसी दिन को गीता जैनती भी मनाई जाती है।
00:38मानिता है कि इस्तिधी पर वरत करने से ना सर्फ पापों का शै होता है, मलकी जीवन में शान्ती, सव्रद्दी और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
00:45हिंदु परंपरा के मताबिक मोक्षिदा एकदशी का वरत करने से पाप खत्म होते हैं।
00:50जैन परंपरा के अनुसार ये दिन मोन एकदशी के रूप में बनाया जाता है।
00:54चरधालू पूरे दिन मोन रहकर आत्मत, चिंतन, उपवास, सैयम और ध्यान की साथना करते हैं।
01:00आए जानते हैं मोक्षिदा एकदशी की डेट, कुजा विदी और शुब मोरत कम है।
01:04इस साल मोक्षिदा एकदशी कमरत 1 दिसम्बर 2025 को हैं।
01:08एकदशी तिथी प्रानम हो रही है, 30 तमबर 2025, रात 9 बचकर 29 मिनट से एकदशी तिथी समाप्त हो रही है, 1 दिसम्बर 2025, शाम 7 बचकर 1 मिनट पर।
01:18पारण मोरत है 2 दिसंबर 2025 सुभा 6 बचकर 57 मिनट से 9 बचकर 3 मिनट तक इस दिन सुभा 8 बचकर 20 मिनट से शाम 7 बचकर 1 मिनट तक भद्रा रहेगी और सुभा 6 बचकर 56 मिनट से रात 11 बचकर 18 मिनट तक पंचंग भी रहेगा
01:33पूजा बेदी की बात करें तो मोगुक्षदा एकादशी के दिन सुभा ब्रह्ममूरत मिनट कर स्नान करें साफ कपड़े पहने इसके बाद मृत का संकल पले गर के पूजा इस्थान में भगवान विश्णू की प्रतिमा या पोड़ो इस्थापित करें और आसपास के स्था
02:03पर गीता का पार्ट करना बेहत्शुब माना जाता है इसलिए कम से कम एक अध्यायत जरूर पढ़े या सुने शाब के वक्त फिर दीपक जलाकर भगवान विश्णू और मातलक्षमी के अरादना करें रात में भजद कीरतन ध्यान और प्रभू इस्वरण करने से विरत का �
02:33केला, पीली मिठाई, जल्से बना कलश, अक्षत के लिए चावल, कुमकुम, रोली, पूजा कि थाली, मेवा या सूखे फल, आदी, उपलम धोतो, तुलसी का पौदा जरूर माना जाता है ये सब ही पूजा सामंगरी है पिलाले से वीडियो में अगर आपको ये जानकारी �
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