Mokshada Ekadashi 2025 Date: द्रिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष मोक्षदा एकादशी की तिथि 30 नवंबर को शाम 4 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर 1 दिसंबर को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट तक रहेगी. इस पावन दिन पर रेवती नक्षत्र, व्यतिपात योग और करण ‘बव’ का अत्यंत शुभ संयोग बन रहा है. शास्त्रों में कहा गया है कि यह योग सत्कर्मों के फल को सहस्रगुना बढ़ा देता है.Mokshada Ekadashi 2025 Date: 30 November Ya 1 December Kab Hai,Vrat Mahatva..
According to the Drik Panchang, this year, Mokshada Ekadashi will begin at 4:30 pm on November 30th and end at 2:20 pm on December 1st. On this auspicious day, the highly auspicious combination of Revati Nakshatra, Vyatipat Yoga, and Karana 'Bava' is forming. It is said in the scriptures that this combination multiplies the rewards of good deeds a thousandfold.
00:00विश्नो पुरान और वेदों में एकादशी को देवताओं की रक्षक तिथी कहा गया है जो मनुश्यों को पापों से मुक्त कर मोक्ष प्रदान करती है
00:11एकादशी केवल उपवास का नहीं है बलकि मन वाणी और कर्म को शुद्ध करने की साधना है
00:16मार्गशीर शमास के शुकलपक्ष की एकादशी जिसे मोक्ष दा एकादशी कहा गया है विशेश रूप से मोक्ष प्रदान करने वाली तिथी मानी जाती है
00:24इस बर मोक्ष दा एकादशी कवरत एक दिसंबर को रखा जा रहा है
00:29द्रग पंचांग के नुसार एस साल मोक्षदाय कादशी कितिती 30 नवंबर को शाम 4 बचकर 30 मिनट से शुरू होकर 1 दिसंबर को दोपहर 2 बचकर 20 मिनट तक रहेगी
00:40इस पावन दिन पर रेवती नक्षत्र व्यतिपात योग और करण भव का अत्यंत शुब संयोग बन रहा है शास्त्रों में कहा गया कि ये योग सत्कर्मों के फल को शहस्त्र गुणा बनाते है पद्म पुरान के मताबिक मोक्षदाय कादशी कवरत प्रभू भजन दान और प
01:10पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जन को भगवत गीता का दिव्य ग्यान दिया था बानेता है कि इस दिन बैकुंट के स्वर्ण द्वार खुलते हैं और कादशी वरत करने वाले भक्त विश्नुधाम में प्रवेश कर अधिकारी बनते हैं पर्म पुरान में वरनित है क
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