जबलपुर के रहने वाले किसान श्याम बर्मन...जो सर्दी के मौसम में तालाब से सिंघाड़े तोड़ रहे है. जनवरी में इन्होंने सिंघाड़े के बीज लगाए थे. जिसमें अक्टूबर से फल आने शुरू हो गए है. अन्य फसलों की खेती से इसमें ज्यादा मेहनत है. अशोक 15 साल की उम्र से इसकी खेती से जुड़े.जो 55 साल की उम्र में भी जारी है. लेकिन अब इस काम में उन्हें मुनाफा नजर नहीं आता.निवाड गंज सब्जी मंडी में ट्रेडिंग करनेवाले राजीव यादव बताते हैं. जबलपुर के अलावा सिवनी मंडला और कटनी से सिघाड़ा यहां आता है. जो कोलकाता और मुंबई तक भेजा जाता है. गुजरात में सिंघाड़े की प्रोसेसिंग फैक्ट्रिया बंद हो गईं. जिससे अमेरिका जाने वाला उनका सिंघाड़े से बना सामान जाना बंद हो गया. इस साल मांग सिंघाड़े की कम हो गई है. जिससे रेट नहीं मिल रहा है.सिघाड़े का कारोबार करने वाले मंडला के एक युवा किसान का आरोप है कि. सरकार कोई मदद नहीं कर रही है. बैंक सिघाड़ा किसानों को लोन तक नहीं देते.इस खेती को करने वाले ज्यादातर किसान तालाबों को किराए पर लेते हैं. जिनके रेट ज्यादा है, और मुनाफा घटने से किसान परेशान हैं.
00:00ये हैं जबलपुर के रहने वाले किसान श्याम बर्मन जो सर्दी के मौसम में तालाब से सिंघाडे तोड़ रहे हैं
00:07जनवरी में इन्होंने सिंघाडे के बीज लगाए थे जिसमें अक्टूबर से फल आने शुरू हो गए हैं
00:13अन्य फसलो की खेती से इसमें ज्यादा महनत है 15 साल की उम्र से इसकी खेती से जुड़े जो 55 साल की उम्र में भी जारी है
00:43जिराजी व्यादों बताते हैं जबलपूर के अलावा सिवनी मंडला और कट्नी से सिंघाड़ा यहां आता है जो कोलकाता और मुंबई तक भेजा जाता है लेकिन इस साल मांग इसकी कम हो गई है
00:54सिंघाड़े का कारोबार करने वाले मंडला के एकिवा किसान का आरोप है कि सरकार कोई मदद नहीं कर रही है और बैंक सिंघाड़ा किसानों को लोन तक नहीं देते
01:23इस खेती को करने वाले ज़्याद तर किसान तलाबों को किराए पर लेते हैं जिनका रेट ज़्यादा है और मुनाफ़ा घटने से किसान परिशान है
01:48ये बिल्कुल उसी तरह से सरकार की निगाह चाह रहा है जिस तरह मकाने पर हुई
01:55यदि मकाने को जिस तरह सरकार ने परमोट किया उसी तरह यदि सिंगाले को थोड़ा सा परमोट कर दिया जाए
02:01तो सियाम मरमन जैसे हजारों किसानों की मदद हो जाएगी और एक बहुत अच्छा ताकत बरफल आम आदमी तक भी पहुंच सकेगा
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