हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव चल रहा है. जहां पर देश के अलग-अलग राज्यों से शिल्पकार और आर्टिस्ट आए हैं. ऐसी ही एक युवा आर्टिस्ट सिद्धिता मिश्रा बिहार के मधुबनी से मधुबनी मिथिला आर्ट लेकर यहां पहुंची है.मधुबनी मिथिला आर्ट बिहार की एक प्राचीन परंपरा है. सीता माता के पिता राजा जनक ने उनके विवाह उत्सव के दौरान वहां के स्थानीय लोगों से सजावट के लिए कहा था. जिसके चलते वहां के लोगों ने सबसे पहले मधुबनी मिथिला आर्ट बनाई थी. ये आर्ट अब बिहार की पहचान बन चुकी है.इन्होंने फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद जब मधुबनी मिथिला आर्ट पर काम करना शुरू किया. इसको एक ब्रांड बनाना चाहती है. खुद का एक ब्रांड "हाउस ऑफ मिथिला" बनाया. जिसके बाद इस ब्रांड के जरिए देश के अलग-अलग कोनों में जाकर इसे लोगों के सामने पेश कर रही हैं.ये महिलाओं के लिए साड़ी, बेडशीट समेत घर के लिए सजावट के सामान लेकर यहां पहुंची हैं. जो लोगों को खूब पसंद आ रही है.अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में दूसरे राज्यों के बहुत से आर्टिस्ट और शिल्पकार आए हुए हैं. लेकिन मधुबनी मिथिला आर्ट की एक अलग ही बात है. जो देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत है. और इसी वजह से लोग इनके स्टॉल की ओर खींचे चले आ रहे हैं.
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