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  • 2 hours ago

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00:00जो आपको नहीं भी पता होता ना उसके बारे में आपकी माननेता होती है
00:09जगत को आप जतना जानते जाते हो उतना आपकी माननेता है टूटती है
00:13वैग्यानिक को लाब है कि वो माननेताओं को तोड़ने की एक बहतर स्थिती में रहता है
00:19न्यूटन बाइबल में घुस करके तलाशने कोशिश करते थे कि इस जगत के रहस से क्या है सब
00:25और बहुत उन्होंने लंबे जोड़े नोट्स बनाए थे बाइबल से कि पता तुछ ले मामला क्या है
00:29वैग्यानिक होता है जो जाता है खाल के नीचे और वहां देखता है और कहता है बाप रे बाप ये तो मामला ही कुछ और निकला
00:36चात्र थे डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे तुमको तो अब ये सब जो नॉर्मल सेक्शुल अट्रेक्शन हो गया रहा होना बंद हो गया होगा बोलते कुछ भी नहीं पूरा है भरपूर है तुमसे ज्यादा है कोई दावा नहीं कर सकते कि वैग्यानिक आत्मियानी हो जा
01:06उसमें आपने कहा था कि प्रियाइड टेबल का लेकर आपने कहा था कि विज्ञान के मांध्यम से कैसे हम विवतिताक से मुक्ष हो सकते हैं
01:20मेरा सवाल यह आचारेदी कि कोई अगर कोई विज्ञानिक है और वो कंसेप्स में रोज कैलकुलेशन में इस समय रोज रोज इन्मॉल्ड रहता है तो मेरा सवाल है कि कैसे वो वो फ्री हो कैसे सकता है उससे जैसे आपने बताया कि डाव एट यासा शब्द जो संकेत करता
01:50अपने आप में ही खुद है और उसके अलावा कोई एक चेंड नहीं निकलती कब्दों की जैसे तो मैं यही जानना चाहता है कि कैसे एक साइंटेस्ट है जो रोज क्याकुलेशन में इस समय इन्वाल्ड है वो चेंड ही चेंड को देख रहा है रोज रहता है वो उससे मु�
02:20जानते जाते हो उतना आपकी मानेताई टूटती है इस तरह से वैग्यानी के एक लाव की इस्थिति में रहता है आपको अगर नहीं पता कि पदार्थ क्या है तो आप इसको और इसको एकदम अलग-अलग समझोगे एकदम अलग-अलग समझोगे जितना आप इनको जानते �
02:50भी वहाँ पर ब्रिटेन में ये कानून बनाना पड़ रहा था कि अलकीमिया जो किसी भी पदार्थ को या धात को सोनी में बदलने की विद्या होती है उसका अभ्यास ना किया जाए क्योंकि तब उस समय तक भी ये लग रहा थो लोगों को कि ऐसा हो सकता है आप को जानके ह
03:20लिखने में कि ये मामला क्या है क्या नहीं है ये और वो उनके विक्तित्व के वो सब पक्ष हैं सामने हमारे आते नहीं हाम तोर पर पढ़ेंगे तो पता चलेगा न्यूटन बाइबल में घुस करके तलाशने कोशिश करते थे कि इस जगत के रहस से क्या है सब और बहुत �
03:50वैग्यानिक को लाव ये है कि वो माननेताओं को तुड़ने की एक बहतर स्थित्य में रहता है
03:59अब आदमी और आदमी में अंतर होता है ये बात एक वेग्यानिक से बेहतर कौन होता है ठुकराने की इस्थिति में
04:14नहीं तो आखें तो यही देख पा रही है कि इसका इसका रंग अलग है कद अलग है और उम्र अलग है बोलचाल वेवहार भाशा आवाज सब जो लक्षन होते हैं वेक्तित्यों के उसाब अलग है आदमी आदमी का लिंग अलग है बस सबसे बड़ा तो अंतर यही दिखाई �
04:44जब मामला क्या है जगत का यह पता चलता है तो जगत संबंधित मान्यताएं तूटती है उन मान्यताओं के तूटने से आत्मग्यान आ तो नहीं जाता पर आसान हो जाता है कोई दावा नहीं कर सकते कि वैग्याने का आत्मग्यानी हो जाएगा लेकिन अगर वैग्याने का
05:14विज्ञानिक बहतर इस्थित्र में होता है आत्मग्यान की
05:17मतलब यहाँ पर तो जब कुछ
05:25कंफ्यूजन क्लियर होता है कुछ समानता दिखते हैं
05:29पर अगर एक किसी भी विज्ञानिक का दिन चारह देखा जाएं
05:34वो तो उसका आदा दिन उससे ज़्यादा कंफ्यूजन में ही कमता है
05:38वो फसा रहता है जिन चीजों में फसा है वो तो ठीक है
05:43पर जो चीजें एकदम सपश्ट हैं वहां तो नहीं फसा है ना
05:47दारण के लिए आप खंभा देखते हो आपके अनुसार खंभा एक ठोस ठोस इकाई है अब वैज्ञानिक फसा होगा हो समझना चारहा है अभी कुछ और पार्टिकल होते भी है की नहीं होते हैं कोई थियोरी है वो पॉस्चुलेट कर रही है फलाना पार्टिकल होना चाहि
06:17पहले तो इतना तकड़ एक्सिलरेटर चाहिए बना ना पैसे दो यह लेकिन इतना तो जानता है ना आपकी खंभा है सामने आप्सक्राइब यह तो जान गया न अब इसके बाद भी अगर वो अपिरेंसेज पही जान दे रहा हो तो फिर वह एग्यानिक नहीं कोई नमुना
06:47जिसको हम इनसान भी बोलते हैं, आप सोचो हम कहते हैं सामने एक व्यक्ति खड़ा है, व्यक्ति नहीं है, वो 99.9% खाली स्थान है, खंबा गाई को ले, इनसान का उदारण ले लो न, कुर्सी पर क्या बैठा है, mostly empty space,
07:01तो अब उसके बाद भी वैज्ञानिक रूपरंग पर ही मर रहा हो, तो फिर यह वो वैज्ञानिक है, जो जरा भी the ground of his knowledge,
07:17अब नॉलेज तो नॉलेज है, नॉलेज के नीचे जो उसका ground है, जो अधार है, फाउंडेशन, उस पर उध्यान नहीं दे रहा है, फिर वो.
07:22जिए इसी सही मतलब जब आईटी का रॉन्देवू और इम्स का पल्स, यह लगबग एक साथ हुआ करते थे,
07:36तो इसी चक्कर में इम्स के, जो कुछ वहाँ पर चात्र थे, डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे, उनसे दोस्ती हो गई थी, जाया करता था वहाँ पर,
07:48तो वो जवानी की उम्रती, उस समय पर यौन आकर्शन एकदम चरम पर होता है,
07:54तो उनसे मैं कहता था, हम लोग अट्रैक्टेड रहते हैं, तो बात समझ में आती है, तुम लोग तो दिन राथ शरीर और लाश के साथ ही काम करते हो, तुमको तो कुछ भी नहीं होता होगा, तुम तो बिलकुल इम्यून हो गए होगे, पार्क निकल गए होगे, तुमारे
08:24प्रिशन हो गए होना बंद हो गया होगा, बोलते हैं कुछ भी नहीं, पूरा है, भर पूर है, तुम से ज़्यादा है, यहां तो वो भी लोग हैं जो केड़ेवर्स के साथ भी सेक्स कर लेते हैं, डॉक्टरों को नहीं बोल रहा हूं, वैसे बता रहा हूं कि ऐसे भी लो�
08:54वहां यह था कि जवान लड़कियां मर जाती हैं तो उनकी कब्रों पर पहरा देते हैं, और उस पर लोहे का वो लगवा देते हैं, बाड़ जैसी, कि वो नहीं तो आएंगे सब बद्धात लोग और यहां से लाश निकाल लेंगे, तो ग्यान अपने आप ही बोध बन जाए
09:24कामी पशू हो सकते हो, जबकि वो जो व्यक्ति है जिसने शरीर विज्ञान का वो हिस्सा देख लिया है, उसको तो मुक्त हो जाना चाहिए, और देखी नहीं लिया है, वो उसकी पूरी वास्तिक्ता जान गया है, उसका विज्ञान समझ गया है, उसमें कौन से रसायन है, क
09:54लेकिन फिर भी रहा आता है तो वैज्ञानिक एक अच्छी इस्थिति में होता है पर वो उस्थिति का लाब उठाएगा कि नहीं उठाएगा ये कुछ निश्चित नहीं है वैसे तो अच्छी इस्थिति में फिर कलाकार भी होता है
10:11सबसे अच्छी स्थिति में तो शम्शान का चांड डाल होता है लेकिन कोई भरोचा थोड़ी है कि उसको वैराग्य होई गया होगा
10:20इसी से रिलेटेड एक और सवाल तो आपने कहा कि जो पूरा संसार है वो हमारे मक्षेपड अब जैसे वह को लगता है कि
10:36सारे अब्जर्वर इंडिपेंडेंट लॉज है तो हम यह कैसे कह सकते कि हमारा ही प्रक्षेपड अरे मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आपका प्रक्षेपड है जब मैं कह रहा हूं हमारा प्रक्षेपड है तो मैं कह रहा हूं अहम वृत्य होती है जो दो पैदा करती है एक व्य
11:06प्रक्षेपण है, आपको यह ट्रक आकर उड़ा जाता है, वो ट्रक आपने थोड़ी प्रक्षेपित करा था, आप जा रहे हो, वो भी ट्रक पीछे से आगया, आपको मार गया, आपने थोड़ी प्रोजेक्ट करा था ट्रक को पीछे से, अहां मवरित्य होती है, वो प्रोज
11:36नहीं है आप projected हैं
11:39आप थोड़ी प्रोजेक्टर हो गए
11:42आप खुद एक मिध्या
11:44projected एक आई हो
11:45इसकी सर्चाम कर चुकिए हैं किसी पुराने सेशन
11:48मैं आपने बात ही पुराने सेशन से करी ते देखिए
11:50जब अश्टा होकर कहते हैं
11:54न मेरा प्रक्षेपन है, तो मेरा माने मेरा नहीं, अहम वृत्ति का, वो अहम वृत्ति है जो इस तरीके के सब दुनिया भर के अनंत प्रक्षेपन करती रहती है, और सारे प्रक्षेपन जोड़ों में होते हैं, एक पैदा होता है द्रिश्य और एक पैदा होता है द्रिश्य
12:24झाल झाल
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