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  • 2 hours ago

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00:00मिठाली राज
00:01तो वो रिटायर हुई
00:02बड़ा लंबा चोड़ा उनका केरियर रहा
00:04बड़े उनके नाम किर्थिमान है
00:05अब विवाही थाँगों तो उनसे एक प्रशन पूछा गया कि
00:08आपने शादी नहीं की
00:09आपको कुछ लगता नहीं
00:10पर अब जब मैं 40 की हो रही हूँ
00:12और मैं उनकी हालत देखती हूँ
00:14जिन्होंने कर ली है
00:15तो मैं अपना सौभाग्य मानती हूँ कि मैंने शादी नहीं करी
00:18मैं बच गई
00:19पर ये बात तो वैसे भी बड़ी विचित्र है
00:23और गंधाती हुई बात है
00:25कि तुमने एक आदमी एक औरत को पकड़ा और उनके लिए निवारे कर दिया
00:28कि अब एक घर में घुझ जाओ
00:29दूसरा कितना भी निकट हो
00:31कितना भी प्यारा हो
00:33दूसरा दूसरा ही होता है
00:35लग मत जाया करिये कि 22-24 साल की लड़की हुई नहीं
00:38कि उसको कोचने लगे कि चल चल शादी कर बाहर निकल
00:41पीछे पड़े हो उसके निकल बाहर निकल बाहर
00:44जैसे मेरी भी बहन है
00:46वो जैसे आपने बोला ना कि घर पे वो दो दिन चार दिन भी आ जाती है
00:50तो उन्हें ऐसा लगता है कि किसी पराय का समान चो रही है
00:53या समान ले रही है
00:54उसकी बहुत बड़ी वज़े दहेज है
00:56इस दहेज का क्या आरत
00:58मैंने का था कि अगर कोई लड़की पैसा लेकर के किसी लड़के के साथ हो जाती है
01:03तो तुम कहते हो वेश्या
01:04और लड़का जब पैसा लेकर लड़की के साथ हो जाता है
01:07तो तुम कहते हो दूला, सम्भावना यही है कि बेटे से ज्यादा काम आएगी.
01:17अभी जो भारती कप्तान रही है महिला क्रिकेट टीम की, मिथाली राज, तो वो रिटायर हुई, बड़ा लंबा चोड़ा उनका केरियर रहा, बड़े उनके नाम किर्तिमान है,
01:32तो अब विवाहित हैं, वो 40 करीब की हो रही हैं, तो उनसे एक प्रशन पूछा गया कि आपने शादी नहीं की, आपको कुछ लगता नहीं, गुली जब मैं 24-25 की थी ता मुझे भी लगता था कि मैं भी कर लूँ, पर अब जब मैं 40 की हो रही हूं और मैं उनकी हालत देखती
02:02यह भारत ही नहीं, विश्व की एक अग्रणी महिला खिलाडी कह रही है, जो भारती टीम की बड़े लंबे और सिर्थ कप्तान रही हैं, बहुत उनके कीर्थिमान के रही हैं, तो पहली बात तो यह कि जिसको आप पारंपरिक तोर पे विभाह की संस्था कहते हैं, वो आज
02:32और अगर शादी कर भी रही है, तो कृपा करके उसे अपने घर से बेदखल मत करिये, आज आर्थिक तोर पे लड़की लड़का दोनों बराबर हैं, बराबर के आउसर हैं कम से कम, तो यदि बराबर हैं, तो लड़का भी आ सकता है उसके हाँ रहने के लिए, कुछ समय वो
03:02प्रेम भी रहता है, वो प्रेम या जो भी है वो रहता है, पर ये बात तो वैसे भी बड़ी विचित्र है और गंधाती हुई बात है, कि तुमने एक आदमी एक और अवरत को पकड़ा और उनके लिए अनिवारे कर दिया कि अभी घर में घुच जाओ, काई को घुच जाओ
03:32अब लगे कि मिलना है तो मिल लो, नहीं तो ठिकाने अपने अलग-अलगी रखो, बहुत जादा दुनिया में कल है और कलेश बच जाएगा, अगर ये छोटी इसी बात जवान लोग समझ लें, तुम्हारी निजिता का बहुत मूल्य होता है, जैसे भीतर कुछ होना चाहि�
04:02अधिकार पूर्वक घुसा नहीं चला आ रहा, हमें खाली इस्थान चाहिए होता है, भीतर भी और बाहर भी, स्पेस, जो हमारा होना चाहिए, मौत को याद रखना होता है न, बीबी के साथ मरोगे क्या, जब मरना अकेले है, तो जी अकेले क्यों नहीं सकते बाबा,
04:32अकेले जीना सीखो, दूसरे से उतना ही मिलो, जितने में मधूरता बनी रहे, ये 24 घंटा, लिप्टा, चिप्टी और सूभने में और एक ही दूसरे की शकल देखने में कुछ नहीं रखा है, इसमें सिर्फ सर फूटते हैं, और जीवन नर्क होता है,
04:55जब तुम अकेले होते हो, तो भीतर बहुत कुछ ऐसा है फिर जिसको विक्सित कर सकते हो,
05:05दूसरा कितना भी निकट हो, कितना भी प्यारा हो, दूसरा दूसरा ही होता है, तुम अस्तित्यों का विधान नहीं बदल सकते, दूसरा तो दूसरा ही होता है,
05:19प्रार्थना है मेरी कि जो दूसरा है उससे तुम्हारा प्रेमपून संबंध रहे, लेकिन कितना भी प्रेम कर लो, दूसरा तुम्हारे लिए परमात्मा तो नहीं बन पाएगा, कभी नहीं बन पाएगा, दूसरा तो दूसरा ही रहेगा, एक साधारन सांसारिक प्राणी,
05:49करूँगा लग मत जाया करिए कि 22-24 साल की लड़की हुई नहीं कि उसको कोचने लगे कि चल चल शादी कर बाहर निकल इतनी अपमांजनक बात है न पीछे पड़े उसके निकल बाहर निकल बाहर निकल बाहर जैसे चकाउट टाइम हो गया उसका और उसने भी भाड़ा नहीं
06:19सीरे दरवाजे पर दस्तक होगी सर लगेज तो उसका भी तुम बिलकुल लगेज तयार रखते हो बांध मूंद के कि अब बस अब हो गई है 24-25 की बाहर फेंट दो इसको तुमने पैदा किया है और कहते हो कि प्रेम है तुमारी बेटी है काई को उसको फेंगने को तयार ब
06:49घर में ससम्मान रखो संभावना यही है कि बेटे से ज्यादा काम आएगी अब विवाह हो भी जाए तो भी यह मत कहतो कि अब यह पराई हो गई अब तू निकले यहां से विवाह हो भी जाए तो अगर घर में उसका कमरा है तो उसी का रहना चाहिए तो जब चाहे उसमें �
07:19घर जम आई कहलाएगा या कि पिता फिर जो उसकी बेटी का घर होता है वहां जाकर के नहीं रहता कि माँ पानी नहीं पी सकते छोड़ो यह क्या यह दखियान उसी बाते
07:30अगर सही लड़के से तुमने शादी करी है अपनी बिटिया की तो तुम उस लड़के घर जाके नहीं रह सकते क्या हुआ है उस लड़के को छूट की बीमारी है तुम कह रहे हो बेटी के घर जाके नहीं रह सकते बेटी के घर में बेटी तो तुम्हारी है तो उसमें तो क
08:00आनी में भी बैक्टिरिया घुज गया है कि पी नहीं सकते तो ऐसे फिर तुमने खराब आदमी से बेटी की शादी करी काई को तुम्हारा दामाद तो ऐसा होना चाहिए ना जिसके साथ समय बिताने में तुमको भी आनंद आए तो उसके खर क्यों नहीं जा सकते वो तुम्हा
08:30जो होता है कि है की आञी onc ही और मारि जैसे की अपने अपने बोला ना कि घर पर दो चार दिन भी आ जाती है तो उन्हें ऐसा लगता है कि कि इसी Battle Truck समान कचर रहे है कुछ भी सब्सुनक्रों बहुत बड़ी को दे है
08:50इतना सारा दहेज पहले चला गया होता है उसके साथ कि उसको भी पता होता है कि अब जो बचा है वो भाईयों का है उसके मैं हाथ कैसे लगाओ
08:56वो इतना सारा लेके गई है कि वापस आती ही कहती है अब थोड़ा बहुत बचा है घर में बागी तो घर लुट गया पूरा अब जो बचा है उसको भी कैसे छूदूं तो उसको भीतर से अपराद भाव आजाता है
09:09यह दहेज हो गयरा क्या मतलब मैं समझी नहीं पा रहा हूँ दहेज का मतलब क्या हूँ आज दहेज का क्या आर्थ है एक समय पे जानते हो दहेज का एक अर्थ होता भी था तब यह होता था कि यह जो लड़की है यह कोई factor of production तो है ने economy में ठीक यह घर देखती है बस और उसक
09:39बढ़ेगा जो कमाव नहींbod तो उनका खर्चा बढ़ जाएगा उनका खर्चा बढ़ जाएगा तो हम पीछे से कुछ सामान दे के भेजते हैं ताकि कोश दिन तक हो खर्चा हम चला लें यह लड़की का बाप कहता था भई अब самого खर्चा बढ़ेगा पहले इसका खर्चा म
10:09है बलकि बहुत अपमान की बात है ना मैंने पूछा था एक बार मैंने कहा था कि अगर कोई लड़की पैसा ले
10:22करके किसी लड़के के साथ हो जाती है तो तुम कहते हो वेश्या और लड़का जब पैसा लेकर लड़की के
10:28साथ हो जाता है तो तुम कहते हो दूला कि यह बात कैसे ठीक है कि बड़े अपमान की बात है कि यह तुम शादी कर रहे हैं और उसके लिए को कि मुझे पैसा चाहिए
10:39अजार जी एक और थोड़ा सा पूछना चाहरा हूं मैं मतलब उसमें लड़की जैसे ही एक समझदार उस पे आती है तो उसके दिमाग में यह एक तरह से प्रेशर बनता जाता है कि उसकी साधी होगी उसे बाहर जाना है यह प्रेशर 14 से लेकर के तरह से पचीस साल तक उसक
11:09है वह साइकोलोजी मतलब मानसिक तोर पर वह अपना घर जैसे मानते ही नहीं है उनके उपर जैसे मैंने कई लोगों की परिस्थितियां सुझ यह सब है लेकिन यह सब अगर माबाब जागरूख हों तो तुरंत बदल भी जाता है
11:26यह सब ज्यादा अभी उन्हीं घरों में पाया जाता है जहां माबाब भी एकदम 101 किस्म के हैं अंधेरे में जीने वाले बहुत बड़ी तादाद में अब ऐसे जागुरिक घर निकल के आ रहे हैं जहां बेटियों को सम्मान भी है आगे बढ़ने के पर्यापत अवसर भी ह
11:56कि मुक ठोफ है जहां मुष्दी के आ रहे हैं जहां आफ है।
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