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  • 13 hours ago

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00:00कॉल आया एक महिला का उन्होंने बोला कि मैं फिमेल क्रिकेट देख रही थी मेरी सास ने मुझे बोला क्या कर रही है बंद कर रोटी बना
00:10लड्कियां है उनको को गभरों से ही बोला जाता है जिन जाओगी तो शरीर कोमल नहीं रहा जाएंगे थे तो हैं पसंद मौन करेका। In opened
00:23तो ओलम्पिक्स में कहां पहुच जाएंगी
00:25एक जमाना था जब बिना देखे चाती भुजाया करती थी
00:28और भुड़ा पे तक टिकाव रहती थी
00:31बात ये नहीं है कि स्थरी पराया धन है कि अपना धन है
00:34वो धन क्यों है किसी का धन नहीं है वो
00:36ये भी जानना चाते हैं कि हम कैसे पहचाने की सामने वाला हमसे प्रेम करता है
00:41प्रेम तो ऐसी चीज़ होती है कि मैं दूँगा प्रेम मांगा थोड़ी जाता है
00:45जो महिला क्रिकेट है उसको देखने के लिए इतनी भीड इखटी क्यो नहीं होती
00:52तो मेरे पास तर एक कॉल आया एक महिला का उन्होंने बोला कि मैं प्रेमेल क्रिकेट देख रही थी
01:00मेरी सास ने मुझे बोला क्या कर रही है बंद कर रोटी बना
01:05तो मुझे वहाँ से ये चीज़ एहसास हुई आपकी बात से मुझे याद आ गया कि घर में ही
01:10सपोर्ट नहीं मिलता है तो इतनी बड़े लिवल पर कैसे मिलेगा बल के जितने काम होते हैं छेल माने
01:16बल का करमठता का पौरुश का जीवट का साहस का प्रदर्शन
01:22हम खबराते हैं महिला अगर बल का पौरुश का जीवटता का साहस का प्रदर्शन कर दे तो
01:29हम कहते हैं यह तो बिलकुल एक दम अब ठा जाएगी पता नहीं क्या करेगी
01:34अब लड़कियां है उनको कई बार घरों से ही बोला जाता है जिम जाओगी तो शरीर कोमल नहीं रह जाएगा
01:43कंधे चोड़े हो जाएंगे तो मैं पसंद कौन करेगा क्योंकि पुरुशों को भी लड़की ऐसी चाहिए जो कोमलांगिनी हो ताकि उस पर नियंत्रन रखा जा सके अगर वो आपके ही समकक्ष बलशाली हो गई तो उसकी नाक में नकेट डालगे कैसे रखोगे और स्पोर्�
02:13कि हारती हुई हालत में भी जीता कैसे जाता है अगर महिला ये सब अगर सीक गई तो हमारे घरों में बड़ी समस्य हो जाएगी तो इसलिए हम महिलाओं को प्रेरित ही नहीं करते कि खेलने जाओ खेलने जाती भी है तुम कहते हैं लड़कियां खेल रही है ये सब कौन दे�
02:43इंग्लिश बैक्राउंड रहा है आपका लेकिन आपकी जितनी भी वीडियोज हैं जितनी भी समवाद मैंने देखे हैं वो हिंदी में देखे हैं ये हिंदी को आप प्रमोट कर रहे हैं या फिर आपको लगता है कि हिंदी में भावना है जाद अच्छी व्यक्त होती हैं न
03:13बहुत बार करीब ही है,
03:15पर इमांदारी से बताईए कि अभी अगर मैं जो बोल रहा हूँ,
03:17इसको विशुद अंग्रेजी में बोलना शुरू कर दूँ,
03:19तो क्या बात उतनी ही सुग्राय रह जाएगी जितनी अभी है?
03:23अभी हम अपनी मिट्टी, अपनी जमीन की भाशा में बात कर रहे हैं,
03:26बात हम आसानी से ग्रहन कर पाते हैं,
03:28यही बात अंग्रेजी में होगी तो नहीं पहुचेगी,
03:31इसके अलावा, जो और बड़ी मुद्दे की बात है,
03:34मुझे सबसे उंची बात को बिलकुल आखरी आदमी तक पहुचाना है,
03:40क्या अध्यात्म पर उनका अधिकार नहीं है, जिनको अंग्रेजी नहीं आती,
03:45और भारत में आम तोर पर भाशा और आर्थिक स्थिति में बड़ा गहरा संबंध है,
03:50मैं अगर अंग्रेजी में बोलता रहा, तो मैं गरीब हों तक कभी नहीं पहुच सकता,
03:54मैं अंग्रेजी में ही बोलता रहा,
03:56तो जितने वही वण्चित, द hackers, दमित, पिछड़े वर्ग हैं समाज के,
04:01मैं उन तक नहीं पहुच पाऊंगा,
04:02और मेरा काम यह नहीं है कि मैं ITIM उस तरफ से आ रहा हूँ
04:06तो बस मैं उतने इलीट ग्रूप में बात करता रहा हूँ
04:10मुझे उसी इलीट ग्रूप में ही रहना होता तो मैं वहीं बैठा होता
04:12मुझे वहाँ नहीं रहना है
04:14मुझे सब तक जाना है मैं इसलिए आया हूँ
04:16तो यहां मैं वो सब छोड़ करके आऊँ
04:19और फिर भी अंग्रेजी पकड़े रहा हूँ
04:20तो यह बात तो बिलकुल बेमेल हो जाएगी
04:22तो आपके वीडियो आपके विचार लोगों तक पहुच रहे हैं
04:26आपको विश्व भर से प्रेम मिल रहा है
04:28और अगर मैं प्रेम की बात करूँ तो लोग यह भी जानना चाहते हैं
04:33कि हम कैसे पहचाने की सामने वाला हम से प्रेम करता है
04:36जब तक आपको सामने वाले से प्रेम की बहुत जरूरत है
04:40आप में कोई प्रेम नहीं है
04:43प्रेम लेने या मांगने की बात नहीं होती है प्रेम मांगना एक तरह की सूक्ष महिंसा होती है प्रेम तो अपनी पूर्णता की अभिवेक्ति होता है प्रेम तो ऐसी चीज होती है कि मैं दूँगा प्रेम मांगा थोड़ी जाता है तो सामने वाला मुझसे प्रेम कर रहा है
05:13प्रेम पाने के लायक नहीं, प्रेम देने के लायक, हम हुए हैं के नहीं हुए हैं, लेकिन हम स्वयन को कभी देखते नहीं, नजर हमारी हमेशा बाहर को रहती है, तो हम किसी ऐसे को तलाशते रहते हैं जो हमसे प्रेम करता हो, और जब हम कहते हैं कोई मुझे मिल जाए जो म�
05:43आपने कहा मुझे दुनिया वरते प्रेम मिलता है, जितना प्रेम मिलता है, लगभग उतनी है, अशायद उससे आदा नफरत भी मिलती होगी, मैं देखना भूल गया कि लोग मुझे क्या दे रहे हैं, देख भी लेता हूँ, तो महज आंकणों के नाते, एक फैक्ट की तरह है
06:13मेरे हिसाब से सबसे उची बात है, आप मुझे ताली दो, चाहे गाली दो, मैं आपको सची ही दूँगा, ये प्रेम होता है, क्या बात है, तब प्रेम की बात चली है, तो यहाँ पर मैं पूछना चाहूँगा कि एक जमाना था जब बिना देखे शादी हो जाया करती थी,
06:43देखे बढ़ते इसलिए जा रहे हैं, अब बात तब हो सकता है, आपको बहुत प्यारी न लगे, पर आपने इसलिए तो नहीं पूछा कि मैं आपको कुछ दबा छुपा, ढखा हुआ जवाब देदू, तो खुली बात बोलता हूँ, बढ़ते इसलिए जा रहे हैं, क्यों
07:13कोई प्रकृति में न बंधन है न विवस्था है, कि दो लोगों को साथ हमेशा चल नहीं है, पहले चल जाता था, क्योंकि बहुत तरीके के डर होते थे, हो तो ये भी जाता है, कि आप किसी को उमरकायत की सजा दे दें, तो वो जीवन पर जेल में चल जाए, तो उसको अब
07:43अलग होंगे, मैं बिलकुल मानता हूँ, और अच्छी तरह मैंने देखा भी है, कि जब माबाप अलग होते हैं, तो उसका परिवार पर विश्ष कर बच्चों पर बहुत बुरा असर पढ़ता है, ये बिलकुल देखा है, लेकिन मैंने ये भी देखा है, कि उतना ही बुरा
08:13गबरदस्ती एक दूसरे के साथ हैं, और ऐसे परिवारों से भी बच्चे बहुत बरबाद निकलते हैं, तो कुछ हद तक संबंध विच्छेद होना कोई अवश्यक रूप से बुरी बात नहीं है, मैं नहीं कह रहा हूँ कि जितने लोग हैं सब अपने रिष्टे तोड़
08:43करते हो, वो सारी फूल प्रूफ होती है, या हाइरिंग मिस्टेक्स भी होती है, आप इसी को प्रमोशन दे देते हो, आपको फिर ऐसा नहीं होता है कि एक साल वात पता चले का गलत आग्मी को प्रमोशन दे दिया, इनसान है न, भगवान थोड़ी है कि गलती नहीं कर सकते
09:13वो भी सुधार का ही एक तरीका है, लेकिन अगर वो तरीका नहीं चलता, तो अवश्यक नहीं है कि एक दूसरे के साथ बंदे रहकर के यंत्रणा भोगो जीवन भर, तब अलग रहना ही सही रहेगा, ऐसा आपका मानना है, बहुत सारे लोग आप, मैं आपको एक आंकड़ा
09:43ये सिर्फ अफने की बात नहीं है, ये यथार्थ है, ये फैक्ट है, आप जाएं अगर किसी साइकालोजी के ग्याता के पास, ये किसी साइकाटरिस्ट के पास, तो आपको बताएगा, कि ये जितना दिमाग का बिलकुल जॉरा मुखी बनता है, उसका बहुत बड़ा कारण
10:13तो जब हम पिमेर्स के लिए बोलते हैं कि इसक तो शादी हो जाएगी तो पराया धन है, ये जो पराया धन चीज है, ये कहाँ से आई और हम इसको क्यूँ बोलते हैं, कि वो पराया धन है?
10:26इसमें इतना बड़ा राज किया है
10:28पराया वगरा तो ठीक है
10:32वो तो सी घर में जन्मी है
10:34पर देखी ने धन बोला
10:37धन माने वो चीज जो जड़ होती है
10:40अब ये धन है
10:41धन माने जिसकी अपनी कोई चेतना नहीं
10:44धन माने जो सदा किसी और के स्वामित्तों में रहेगा वो धन है
10:48धन कभी बोल नहीं सकता कि मैं अपने हिसाब से खर्च होंगा
10:52धन ऐसा बोल सकता है
10:53धन माने वो जो किसी की प्रॉपर्टी है
10:56और अगर आपको किसी का इस्तिमाल अपने हिसाब से करना है
11:00तो बहुत जरूरी है कि उसकी चेतना उससे चीन कर उसे ऐसे ही जड़ बना दो
11:05बात यह नहीं है कि स्त्री पराया धन है कि अपना धन है
11:09वो धन क्यों है किसी का धन नहीं है वो वो एक स्वतंत्र चेतना है मनुष्य है
11:14तो आज अगर हम उलम्पिक की बात करें और हम जब पिछले कहीं सारे आंकडों पर नजर डालते हैं
11:25कहीं बार हम ये भी देखते हैं कि बात होती है कि महिलाएं पुर्षों का कंपेरिजन चलता रहता है
11:30बट ये जो मैडल्स हैं जब हम इन्हें देखते हैं तो USA में अगर मैं USA ही खास बात करूँ
11:36तो सबसे ज़्यादा जो मैडल हैं महिलाएं ही लेकर आती हैं पिछले इतने सारे वर्षों में
11:41लेकिन हमारे हिंदुस्तान में वो मैडल्स की संख्या महिलाओं की तरफ से इतनी कम क्यूं रही है पिछले इतने वर्षों में
11:49अब बढ़ने लगें अब बढ़ी है इसमें दो मैडल लेकर आएंगें अभी तीन मेंसे दो मैं तो महिला का ही योगदान है
11:56क्यों कम रही है क्योंकि हमने महिला को कभी ये क्षेतर दिया ही नहीं कि योग खेल भी सकती है
12:06Olympics में क्या होता है वो तो बहुत दूर की बात है
12:09हमारे गली महलों में क्या होता है बहुत पास की बात है
12:12जब हमारे घरों में और गलीों में और महलों में
12:15स्कूलों में ही लड़कियां खेल नहीं रही है
12:18तो Olympics में कहां पहुच जाएंगी
12:20ये बात बहुत दूर की है कि भारत की महिलाओं का प्रते निदित तो संसद में इतना कम क्यों है, बोर्ड रूम्स में इतना कम क्यों है, एकनॉमी में इतना कम क्यों है, सेलरीज क्यों कम होती है, ये बाते तो मैंसे लगता है कहीं और की है, अरे वहाँ नाइंसाफी हो रही ह
12:50लड़कियों को हम उनके को करिकुलर्स विक्सित करने के लिए इतना प्रेरित करते हैं
12:57उनका तो जो पूरा योगदान है वो ये माना जाता है कि जा करके घर सवारो
13:02और वन्शुवृद्धी में अपना योगदान दे दो
13:05उनकी अपनी कोई अस्मिता है
13:07कि वो महिलाबाद में है मनुष्य पहले है
13:11ये बात तो जैसे हमारे भीतर हमारी संस्कृत में आती ही नहीं है
13:16राइट
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